समाचारपत्र
समाचार पत्र का परिचय : देश - विदेश की ख़बरें पहुँचानेवाले साधन को 'समाचारपत्र' कहते है। देश या विदेश में होनेवाली हर दिन की घटनाओं का परिचय हमें समाचारपत्रों से मिलता है। हमें अपने देश के नेताओं के विचारों की जानकारी समाचारपत्रों से बड़ी आसानी से , कम - से - कम खर्च में हो जाती है। दूसरे देशों में कल क्या हुआ या आज क्या हो रहा है - इन सारी बातों का ज्ञान हमें समाचारपत्रों से ही होता है। अतः , समाचारपत्र आज एक बड़ी शक्ति है , जिसके बिना हमारा ज्ञान अधूरा है।
समाचार पत्र का जन्म : कहा जाता है कि समाचारपत्र का जन्म सबसे पहले चीन में हुआ था , क्योंकि छपाई का काम पहले - पहल वहीं शुरू हुआ। कुछ लोग समाचारपत्र की जन्मभूमि इटली के रोम शहर को बताते है। आज से 400 वर्ष पहले इटली के वेनिस नगर में समाचारपत्र का जन्म हुआ था। 17 वीं शताब्दी में इसका प्रचार सारे यूरोप में हो चूका था। भारत में समाचारपत्र का श्रीगणेश 18 वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा हुआ। फिर , देखते - ही - देखते सारे भारत में इसकी बाढ़ - सी आ गयी। इस समय भारत की भिन्न - भिन्न भाषाओँ में 1,173 दैनिक और 5,280 साप्ताहिक पत्र छपते हैं। इनमें सबसे अधिक दैनिक पत्र हिंदी में प्रकाशित होते है। इनकी संख्या 400 है। अंग्रेजी में कुल 102 दैनिक समाचारपत्र छपते है। साप्ताहिक पत्रों में भी सबसे अधिक संख्या हिंदी की है - हिंदी में 2,253, अँग्रेजी में 382, बाकी अन्यान्य भाषाओँ में।
समाचारपत्र का महत्त्व : समाचारपत्र एक बड़ी शक्ति है। इससे बड़े - बड़े नेता भी घबराते है। यह कभी - कभी बड़ी - बड़ी सरकारों को उखाड़ फेंकता है, कभी जनता में क्रांति की लहर फैलाता है और अच्छी सरकार की स्थापना में भी मदद करता है। समाचारपत्र एक योग्य शिक्षक का भी काम करता है। यह हमें घर बैठे देश - विदेश की बातें बताता है , हमारी भलाई के नए - नए सुझाव देता है और हमारा व्यावहारिक ज्ञान विकसित करता है। इतना ही नहीं , समाचारपत्र व्यापारियों और नौकरी की खोज करनेवालों का भी मित्र है। व्यापारी घर बैठे ही समाचारपत्रों में अपने माल का विज्ञापन देकर लाभ उठाते है। इसी तरह , पढ़े - लिखे बेकारों को इस बात का पता चलता है कि कहाँ किस प्रकार की नौकरी खाली हुई है। वस्तुतः समाचारपत्र हमारे ज्ञान का विस्तार करता है और हमारे दैनिक जीवन की आवश्यकताएँ पूर्ण करता है। आज हमारे घर में इसका होना बहुत जरुरी हो गया है। बड़े - बड़े नगरों में लोग बिस्तर से उठते ही सबसे पहले अख़बार या समाचारपत्र पढ़ते है। यही कारण है कि कुछ लोग इसके बिना रह ही नहीं सकते।
समाचारपत्र के प्रकार : समाचारपत्र कई तरह का होता है - दैनिक , साप्ताहिक , मासिक , पाक्षिक इत्यादि। इन सबमें दैनिक पत्र का प्रसार सबसे अधिक है और इसका दाम भी कम है। मासिक पत्रों में साहित्य से सम्बन्ध रखने वाली बातें अधिक होती है। साप्ताहिक पत्रों में सप्ताहभर के समाचारों की चर्चा रहती है। दैनिक पत्रों का सीधा संबंध जनजीवन से रहता है।
समाचारपत्र के उपसंहार : समाचारपत्र के महत्त्व के साथ ही सम्पादकों का दायित्व भी बढ़ गया है। एक अच्छा संपादक जीवन को अच्छे मार्ग पर ले जाता है ताकि जनता सुखी हो। भारत में समाचारपत्रों का काफी विकास हुआ है और क्रमशः होता जा रहा है। अतः , हमारे देश में समाचारपत्र का भविष्य सुन्दर और उज्जवल है।