नई कक्षा में पहला दिन पर निबंध | Essay on First Day of Class in Hindi

 नई कक्षा में पहला दिन पर निबंध | Essay on First Day of Class in Hindi | Class 6 | व्याकरण 

परीक्षा के उपरांत हर बच्चे को परीक्षा - परिणाम का इन्तजार रहता है। साथ ही मन में थोड़ा - सा डर भी रहता है। फिर जब परीक्षा - परिणाम आने के बाद वह उत्तीर्ण हो जाता है तो उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहता है। सबसे ज्यादा ख़ुशी तब होती है जब नई कक्षा में प्रवेश होता है। नई कक्षा में प्रवेश की ख़ुशी हर बच्चे को होती है। साथ ही नई कक्षा में पहला दिन काफी रोमांचक तथा प्रसन्नता से भरा होता है। 
नई कक्षा में प्रवेश के बाद जब हम पहले दिन विद्यालय जाते है तो मन में काफी ख़ुशी होती है। नए अध्यापकों तथा नए मित्रों के मिलने की आशा रहती है। वही नयी पुस्तकों तथा पाठों को लेकर भी मन में एक अजीब - सा भाव रहता है। कक्षा के पहले दिन प्रायः अध्यापक बच्चों से परिचय आदि ही प्राप्त करते है। कुछ अध्यापक पढ़ाये जाने वाले पाठों के विषय में चर्चा भी करते है। बच्चे पहले दिन कुछ संकोची भी रहते है। वे पुराने दोस्तों के साथ तो खुलकर बातें करते है। लेकिन कक्षा में आये नए बच्चों से कम ही बोलते है। 
नई कक्षा में पहले दिन को लेकर मेरा खुद का अनुभव भी कुछ कम रोचक नहीं है। जब मैं अपनी नई कक्षा में गया तो काफी अजीब - सा महसूस कर रहा था। पहले तो मैं कक्षा में प्रवेश ही नहीं कर रहा था। लेकिन फिर अध्यापक द्वारा बुलाये जाने पर मैं अंदर चला गया। अंदर जाने के बाद मैं चुपचाप एक डेस्क पर बैठ गया। अध्यापक ने पहले मेरा परिचय पुछा और फिर मुझसे एक सवाल पुछा। मैं उस सवाल का जवाब जानता था। लेकिन कक्षा में पहला दिन होने के कारण जवाब न दे पाया। इसके बाद अध्यापक दूसरे बच्चों से प्रश्न पूछने लगे। कुछ बच्चे उत्तर दे रहे थे तो कुछ मेरी तरह चुप रह जा रहे थे। मुझे उत्तर न पाने का दुःख था। अध्यापक के जाने के बाद  सभी बच्चे आपस में एक - दूसरे से बातचीत करने लगे। जिससे माहौल कुछ हल्का हो गया। अब सभी को कक्षा में अच्छा लग रहा था। इस प्रकार नई कक्षा में पहला दिन अच्छा ही रहा। 
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