वर्षा ऋतु पर निबंध | Essay on Rainy Season in Hindi

 वर्षा ऋतु पर निबंध | Essay on Rainy Season in Hindi | Class 6 | व्याकरण 

भारत देश को प्रकृति ने अनेक वरदान दिए है। इन्हीं वरदानों में से एक है - भारत में पाई जाने वाली छः ऋतुएँ। ये छः ऋतुएँ समय - समय पर आकर अपनी सुंदरता का प्रदर्शन करती है। इन्ही छः ऋतुओं में से एक है - वर्षा ऋतु। यह एक महत्त्वपूर्ण ऋतु है और हर प्राणी के लिए सुखदायक है। वर्षा ऋतु से पहले ग्रीष्म ऋतु होती है। इस ऋतु में सूर्य की प्रचंड गर्मी से पोखरों, तालाबों तथा नदियों - नहरों का पानी सूखने लगता है। पशु - पक्षी प्यास से व्याकुल होकर पानी की खोज में इधर - उधर घूमने लगते है। धरती पर घास - फूस, छोटे - छोटे पेड़ - पौधे तथा फसलें सूखने लगती है। लोग गर्मी से पूर्ण रूप से त्रस्त हो जाते है। ऐसे में लोग वर्षा का इंतजार करने लगते है। वर्षा के आगमन से पहले ही आसमान में काले - काले बादल घिर आते है। अचानक सूर्य देवता भी कहीं छिप जाते है। ठंडी हवाएं चलने लगती है। गर्मी कम होने लगती है। फिर जब वर्षा होने लगती है तो प्यासे पशु - पक्षी, पेड़ - पौधे तथा समस्त जीव खुश हो जाते है। तालाबों, पोखरों, खेतों आदि में पानी भर जाता है। किसान खेत की ओर चल पड़ते है। बच्चे बारिश में भीगना शुरू कर देते है। वर्षा ऋतु के आगमन से ही प्रकृति में चहल - पहल हो जाती है। इसके बाद प्रकृति का सौंदर्य पूर्ण रूप से निखर जाता है। 
लेकिन वर्षा ऋतु में कुछ समस्याएँ भी उत्त्पन्न हो जाती है। निरंतर होने वाली वर्षा से निचले इलाकों में पानी भर जाता है। कई बार तो पानी घरों में भी घुस जाता है। कच्चे घरों के गिरने का खतरा रहता है। फसलें नष्ट हो  जाती है। वर्षा का पानी भरने पर मच्छर पैदा होने लगते है। जिससे अनेक प्रकार की बीमारियाँ पैदा होने का खतरा उत्त्पन्न हो जाता है। छोटे - छोटे जीवों के मरने से वातावरण में बदबू फैलने लगती है। लेकिन सुख और दुःख एक ही सिक्के के दो पहलू  है। एक ओर वर्षा से जहाँ हमें ढेर से लाभ है, तो हमें थोड़ी सी हानि की परवाह नहीं करनी चाहिए। वर्षा हमारे लिए प्रकृति का वरदान है और वरदान का हमें सदैव स्वागत करना चाहिए। 
Previous Post Next Post