'संवाद' शब्द का मूल अर्थ है - परस्पर बातचीत करना। संवाद शब्द दो शब्दों के मेल से बना है - सम + वाद, अर्थात सम्यक बोलना। स्पष्ट है कि दो या उससे अधिक लोगों के बीच की बातचीत संवाद की श्रेणी में आती है। संवाद को वार्तालाप भी कहा जाता है।
संवाद के रूप - संवाद के दो रूप हैं -
मौखिक संवाद - जब किसी विषय पर परस्पर सीधी बातचीत की जाती है, तब वह संवाद का मौखिक रूप होता है।
लिखित संवाद - जब किसी विषय या कथा के पात्रों के बीच होने वाली संभावित बातचीत को लिखित रूप दिया जाता है, तब वह लिखित संवाद कहलाता है।
संवाद लेखन के लिए जरुरी बातें - संवाद लेखन करते समय निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए -
- संवाद में विषय के अनुसार वाक्य बनाये।
- संवाद संक्षिप्त, सरल तथा सहज होने चाहिए।
- संवाद की भाषा अत्यंत सरल, सहज तथा आम बोलचाल की होनी चाहिए।
- संवाद परस्पर एक - दूसरे से जुड़े होने चाहिए।
- संवाद पात्रों के अनुकूल होने चाहिए।
- संवाद की शैली सजीव तथा मुहावरेदार होनी चाहिए।
- संवाद स्वाभाविक होने चाहिए।
संवाद लेखन के कुछ उदाहरण यहाँ दिए जा रहे हैं। छात्र इनके आधार पर संवाद लेखन का अभ्यास करें।
संवाद लेखन के उदाहरण
1. पुस्तक माँगने को लेकर एक छात्र और छात्रा के बीच हुए संवाद को लिखिए।
धीरज - रूचि ! मुझे अपनी पुस्तक दे दो।
रूचि - क्या तुम्हारे पास पुस्तक नहीं है ?
धीरज - नहीं, मेरे पास यह पुस्तक नहीं है।
रूचि - पर, तुम्हारी पुस्तक कहाँ गई ?
धीरज - मेरी पुस्तक खो गई है।
रूचि - ठीक है, तुम मेरी पुस्तक से काम कर लो।
धीरज - मैं अपना काम करके तुम्हारी पुस्तक वापस कर दूँगा।
रूचि - जब भी तुम्हे आवश्यकता पड़े, मेरी पुस्तक ले लेना।
2. किसी वस्तु को लेकर भाई - बहन के बीच होने वाले झगडे के संवाद लिखिए।
उत्तर :
श्रेया - निखिल, तुमने मेरा खिलौना क्यों लिया ?
निखिल - मैं कुछ देर खेलकर इसे लौटा दूँगा।
श्रेया - नहीं, मुझे मेरा खिलौना अभी चाहिए।
निखिल - पर, क्यों ?
श्रेया - क्योंकि तुम ढंग से नहीं खेलते हो और मेरा खिलौना तोड़ दोगे।
निखिल - नहीं, दीदी ! मैं ढंग से खेलूँगा।
श्रेया - नहीं, तुम हर बार ऐसा ही कहते हो।
निखिल - मैं सच कह रहा हूँ दीदी ! इस बार खिलौना नहीं तोडूंगा।
श्रेया - अच्छा ठीक है, लेकिन ध्यान से खेलना।
निखिल - ठीक है दीदी, धन्यवाद।
3. कक्षा में अनुशासन स्थापित करने के विषय पर कक्षा मॉनीटर और विद्यालय के प्रधानाचार्य के बीच हुई बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए।
उत्तर :
अभिषेक - गुडमॉर्निंग सर !
प्रधानाचार्य - गुडमॉर्निंग अभिषेक ! आओ, बैठो।
अभिषेक - धन्यवाद सर ...................
प्रधानचार्य - देखो, तुम्हारी कक्षा से कुछ शिकायतें आ रही है। पिछले सोमवार को एक डेस्क तोड़ दिया गया था, तुम्हे याद है ?
अभिषेक - जी हाँ, सर ! हमें उसका अफ़सोस है।
प्रधानाचार्य - कोई बात नहीं। मैं जानता हूँ कि तुम्हारी कक्षा बड़ी अनुशासित है, परन्तु पिछले कुछ दिनों से ही ऐसी गड़बड़ हो रही है।
अभिषेक - अब क्या हुआ है, सर ?
प्रधानाचार्य - आज पता चला है कि किसी ने बिजली के बोर्ड से छेड़छाड़ की है।
अभिषेक - ठीक है, सर ! मैं पता लगता हूँ कि ऐसा कौन कर रहा है और फिर आपको सूचित कर दूंगा।
प्रधानाचार्य - ठीक है, अब तुम जा सकते हो।