इंदिरा गाँधी पर निबंध - Essay on Indira Gandhi in HIndi

 Essay on Prime Minister - Indira Gandhi

इंदिरा गाँधी पर निबंध - Essay on Indira Gandhi in HIndi

👉 Essay on Indira Gandhi in 100 Words

श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवंबर , 1917 को इलाहबाद के 'आनंद भवन' में हुआ था। इनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। इनकी प्रारंभिक शिक्षा स्विट्ज़रलैंड में हुई , फिर 'शांति निकेतन' में। इन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड के समरवील कॉलेज में भी शिक्षा प्राप्त की। पहली मार्च, 1942 को इनका विवाह फिरोज गाँधी से हुआ। इक्कीस वर्ष की उम्र में ही ये कांग्रेस की सदस्या बनी। स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण इन्हें जेल भी जाना पड़ा। स्वतंत्रता के बाद तो ये दुगुने उत्साह के साथ देश और समाज की सेवा में लग गयीं। 

👉 Essay on Rajiv Gandhi in 100 words

नेहरूजी की मृत्यु के बाद श्री लालबहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में ये सूचना और प्रसारण मंत्री बनी और शास्त्रीजी की मृत्यु के बाद सन 1966 में प्रधानमंत्री। इन्होंने अपना दायित्व हमेशा सफलतापूर्वक निभाया। प्रधानमंत्री के रूप में इन्होंने जो कार्य किया , वह स्मरणीय है। मार्च , 1977 में हुए लोकसभा चुनावों में इनके दल की करारी हार हुई। पर , सन 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा कांग्रेस भारी बहुमत से जीती। पुनः ये सर्वसम्मति से देश की प्रधानमंत्री बनीं और देश का संचालन सुचारु रूप से करने लगीं। 

👉 Short Essay on Pandit Jawaharlal Nehru

संकीर्ण जातीयता , प्रांतीयता और सांप्रदायिकता के भूत को भगाने के लिए इंदिराजी निरंतर प्रयास करती रही। इधर कुछ लोग देश की एकता को नष्ट करने पर तुले थे , पर इंदिराजी देश की अखंडता को बनाये रखने के लिए सतत क्रियाशील थीं। वे देश के मीरजाफरों के सामने घुटने टेकने के लिए तैयार नहीं थी। ऐसी दृढ़प्रतिज्ञ प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी को इन्ही के दो सुरक्षा कर्मचारियों ने 31 अक्टूबर , 1984 को गोली मारकर हत्या कर दी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान , नई दिल्ली में हर संभव कोशिश के बाद भी श्रीमती गाँधी के प्राणों की रक्षा नहीं की जा सकी। इस तरह इंदिरा गाँधी ने राष्ट्रीय हितों के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। इनका बलिदान देश की अखंडता का आधारस्तंभ होगा। 

👉 Essay on Lal Bahadur Shastri

Previous Post Next Post