हमारा स्कूल - निबंध
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हमारे स्कूल का नाम केंद्रीय विद्यालय है। यह हमारे शहर के उत्तरी छोर पर स्थित है। इसका प्रबंध और संचालन भारत की केंद्रीय सरकार करती है। बहुत दिनों से मेरी लालसा इस स्कूल में नाम लिखाकर पढ़ने और अच्छी श्रेणी में परीक्षा पास करने की थी , क्योंकि मैंने अपने बड़े भाई से सुना था कि दूसरे - दूसरे स्कूलों की अपेक्षा इस स्कूल में अनुशासन और अध्यापन अधिक अच्छे और आदर्श है। स्कूल में प्रवेश पाने के लिए मुझे पहले प्रवेश परीक्षा में बैठना पड़ा। इसमें जब सफलता मिली , तब मेरा नाम लिखा गया। मैंने देखा कि यहाँ के शिक्षक और विद्यार्थी अनुशासन में रहते है और समय का सदुपयोग करते है। हर घंटे में शिक्षक समय पर आते है और अपना कार्य पूरा कर चले जाते है। इसका भवन भी बड़ा सुन्दर है। कमरों की कमी नहीं है। खेलने के सामान के आलावा और भी अनेक सुविधाएँ विद्यार्थियों को दी जाती है। स्कूल का अपना पुस्तकालय है , जहाँ से विद्यार्थी एक सप्ताह के लिए किताबें लेते है और समय पर लौटाते है। परीक्षाएँ भी समय पर होती है। आरम्भ में सामूहिक प्रार्थना होती है, फिर महापुरुषों के उपदेश सुनाये जाते है। यहाँ के छात्रों में प्रतियोगिता की भाव रहता है। एक विद्यार्थी दूसरे से आगे बढ़ने की इच्छा रखता है और इस होड़ में शामिल होने के लिए मेहनत करता है। यही कारण है कि इस स्कूल के विद्यार्थी बहुत कम फेल करते है और अधिकतर विद्यार्थी अच्छी श्रेणी में पास करते है। यहाँ के छात्र परीक्षाओं में नक़ल करने की कल्पना भी नहीं करते। अतएव यहाँ के विद्यार्थी दूसरे स्कूलों से कहीं अधिक अच्छे और योग्य समझे जाते है। कितना अच्छा होता , यदि हमारे देश के सभी स्कूल इसी तरह के होते !