पाठ का सार - हिंदी (वसंत) कक्षा 6
मूल अवतरण के भावों अथवा विचारों को संक्षेप में लिखने की क्रिया को 'सारांश' कहते है। मूल में जो बात विस्तार से कही गयी है , 'सारांश' में उतनी ही बात संक्षेप में, सार - रूप में कहनी या लिखनी पड़ती है। विस्तार और विश्लेषण करने की यहाँ आवश्यकता नहीं। भाषा सरल और सुबोध होनी चाहिए। दूसरी बात यह कि सारांश मूल अवतरण से छोटा होना चाहिए।
यहाँ कक्षा 6 हिंदी वसंत के सभी पाठों का सारांश निम्नलिखित है। नीचे पाठों के नाम पर क्लिक कर के आप पढ़ या समझ सकते है।
- वह चिड़िया जो
- बचपन
- नादान दोस्त
- चाँद से थोड़ी - सी गप्पें
- अक्षरों का महत्त्व
- पार नज़र के
- साथी हाथ बढ़ाना
- ऐसे - ऐसे
- टिकट - अलबम
- झाँसी की रानी
- जो देखकर भी नहीं देखते
- संसार पुस्तक है
- मैं सबसे छोटी होऊं
- लोकगीत
- नौकर
- वन के मार्ग में
- साँस - साँस में बाँस