साँस - साँस में बाँस पाठ का सार कक्षा 6 हिंदी वसंत

 Saans - Saans Mein Baans (साँस - साँस में बाँस) : Summary in Hindi

पाठ का सार - पाठ में बाँस के पेड़ की उपयोगिता का वर्णन है। बाँस को दैनिक जीवन के अनेक कार्यों में प्रयोग किया जाता है। यह भारत के अनेक भागों में अधिक मात्रा में पाया जाता है। विशेषतः देश के पूर्वोत्तर राज्यों में यह खूब उगता है। वहाँ यह लोगों की रोज़ी - रोटी का साधन है। बाँस की बनी अनेक वस्तुएँ बनाने में नागालैंड के लोग अत्यंत कुशल होते है। 

NCERT Solution for Class 6 Hindi Ch 17 - साँस - साँस में बाँस

बाँस का उपयोग मानव प्राचीन काल से ही करता आ रहा है। प्रारम्भ में उसने भोजन इकठ्ठा करने के लिए डलिया के आकार की कोई वस्तु बनाई होगी। यह तरीका उसने चिड़िया के घोंसले की देखकर सीखा होगा। बाँस में टोकरियाँ , चटाइयाँ , टोपियाँ , बरतन , बैलगाड़ियाँ , फर्नीचर , सजावटी सामान , जाल , मकान , पुल आदि बनाए जाते है। असम के लोग ऐसे ही जाल 'जकाई' से मछली पकड़ते है। वहाँ चाय के बागानों में काम करने वाले लोगों की टोपियाँ तथा टोकरियाँ भी बाँस से ही बनी होती है। 

MCQs for Hindi Class 6 Ch 17 - साँस - साँस में बाँस

बरसात के दिनों में खाली समय में बाँस की वस्तुएँ बनाने का अच्छा समय होता है। इसके लिए बाँस को छोटे - छोटे टुकड़ों में काट लेते है। उसकी पतली - पतली खपच्चियाँ बनाकर रंग में रंगते है। फिर उन खपच्चियों से मनचाही टोकरियाँ तथा अन्य वस्तुएँ तैयार कर लेते है। यह हुनर सीखने में काफी समय लगता है। तैयार टोकरियाँ घर में प्रयोग की जा सकती है या बाज़ार में बेचकर आमदनी का साधन भी बनाया जा सकता है। 

Extra Questions for Class 6 Hindi Ch 17 - साँस - साँस में बाँस

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