ऐसे - ऐसे पाठ का सार हिंदी वसंत पाठ 8

 CBSE Hindi Class 6 Vasant Ch 8 Summary

पाठ का सार - मोहन आठ - नौ साल का बालक है। वह अपने कमरे में तख़्त पर लेटा हुआ बार - बार पेट को पकड़कर कराह रहा है। उसकी माँ गर्म पानी की बोतल से उसके पेट की सिकाई कर रही है। पिताजी डॉक्टर को बुला चुके है। उन्होंने मोहन की माँ को बताया कि इसने एक केला और एक संतरा खाया था। दफ़्तर से बस अड्डे तक ठीक - ठाक आया पर बस अड्डे पर कहने लगा कि पेट में कुछ 'ऐसे - ऐसे' हो रहा है। तब से बार - बार पूछने पर बस एक ही बात कहता है कि कुछ ऐसे - ऐसे हो रहा है। माँ कहती है कि यह कोई बीमारी तो नहीं। माँ ने उसे हींग , चूरन , पिपरमेंट , फिटकरी दे दी है। तभी डॉक्टर का फ़ोन आता है। पिताजी उनको मोहन के विषय में बताते है। डॉक्टर पाँच मिनट में आने की बात कहता है। इसी बीच पड़ोसी दीनानाथ आते है और कहते है कि मोहन तो बड़ा चंचल लड़का है। तभी वैद्य जी आते है। वह नाड़ी दबाकर देखते है और वात का प्रकोप तथा कब्ज़ बताकर दवाइयाँ देने की बात करते है। कुछ देर में डॉक्टर आ जाता है। वह जीभ देखकर बदहज़मी की बात करता है और दवा भेजने की बात कहता है। इसी बीच पड़ोसन आकर कुछ नई - नई बीमारियों की चर्चा करती है। 

👉 NCERT Solution for Hindi Vasant Ch 8 : ऐसे - ऐसे

 तभी मोहन के मास्टर जी आते है और मोहन का हाल चाल पूछते है। वे कहते है कि कल तो तुम्हे स्कूल भी आना है। तुम्हारे बिना क्लास सूनी - सूनी रहेगी। माँ , मास्टर जी को मोहन की 'ऐसे - ऐसे' वाली बीमारी के विषय में बताती है। मास्टर जी समझ जाते है कि इसने छुट्टियों का काम नहीं किया है। इसी कारण यह सब बहानेबाजी कर रहा है। वे मोहन को दो दिन की छुट्टी और देकर काम पूरा करके स्कूल आने की बात करते है। यह बात सुनकर माँ ठगी सी रह जाती है। इसी बीच पिताजी दवा की शीशी लेकर आते है। सारी बात सुनते ही दवा की शीशी उनके हाथ से गिरकर फूट जाती है और सब हँसने लगते है। 

👉 MCQs for Hindi Vsant Ch 8 : ऐसे - ऐसे

Previous Post Next Post