गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
मास्टर : (हँसकर) कुछ नहीं , माता जी , मोहन ने महीना भर मौज की। स्कूल का काम रह गया। आज ख्याल आया। बस डर के मारे पेट में 'ऐसे - ऐसे' होने लगा - 'ऐसे - ऐसे ! अच्छा , उठिए साहब ! आपके 'ऐसे - ऐसे' की दवा मेरे पास है। स्कूल से आपको दो दिन की छुट्टी मिलेगी। आप उसमे काम पूरा करेंगे और आपका 'ऐसे - ऐसे' दूर भाग जाएगा। (मोहन उसी तरह मुँह छिपाए रहता है। ) अब उठकर सवाल शुरू कीजिए। उठिए , खाना मिलेगा।
(मोहन उठता है। माँ ठगी - सी देखती है। दो ओर से पिता और दीनानाथ दवा लेकर प्रवेश करते है। )
माँ : क्यों रे मोहन , तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है। हमारी तो जान निकल गई। पंद्रह - बीस रूपए खर्च हुए , सो अलग। (पिता से) देखी जी आपने !
पिता : (चकित होकर) क्या - क्या हुआ ?
माँ : क्या - क्या होता ! यह 'ऐसे - ऐसे' पेट का दर्द नहीं है , स्कूल का काम न करने का डर है।
(i) मोहन ने महीना भर क्या किया ?
- लड़ाई
- पढाई
- मौज
- मस्ती
उत्तर : मौज
(ii) मोहन के पेट में 'ऐसे - ऐसे' क्यों होने लगा ?
- चोट के मारे
- पढ़ने के मारे
- लड़ाई के मारे
- डर के मारे
उत्तर : डर के मारे
(iii) दो दिन की छुट्टी में मोहन को क्या करना होगा ?
- स्कूल का काम
- घर का काम
- खेलने का काम
- जरुरी काम
उत्तर : स्कूल का काम
(iv) माँ तथा पिताजी की जान क्यों निकल गई ?
- मोहन को चोट लगने के कारण
- मोहन के बीमार होने के कारण
- मोहन के छुट्टी करने के कारण
- मोहन के घर से जाने के कारण
उत्तर : मोहन के बीमार होने के कारण
(v) 'ऐसे - ऐसे' का अर्थ बताइए।
- स्कूल का काम न करने का डर
- स्कूल जाने का डर
- स्कूल से छुट्टी का डर
- घर जाने का डर
उत्तर : स्कूल का काम न करने का डर।