संसार पुस्तक है हिंदी वसंत पाठ का सार

 Summary for Class 6 Hindi Vasant Ch 12 (Sansar Pustak Hai)

पाठ का सार - पंडित जवाहर लाल नेहरू इलाहाबाद में थे और उनकी पुत्री इंदिरा गाँधी मसूरी में थी। साथ में रहकर इंदिरा गाँधी अनेक बातें नेहरू जी से पूछ लिया करती थी। नेहरू जी उन्हें पत्र के माध्यम से इस दुनिया और छोटे देशों के बारे में बताना चाहते थे। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि अगर दुनिया का हाल जानने का शौक है , तो उसमें बसी जातियाँ और देशों के विषय में जानना होगा , केवल उसी देश के विषय में नहीं, जिसमें कोई पैदा हुआ है। यह दुनिया एक है और उसमे रहने वाले सभी भाई - बहन है। 

👉 NCERT Solution for Class 6 Hindi Vasant Ch 12 - संसार पुस्तक है

यह धरती लाखों - करोड़ों वर्ष पुरानी है। एक समय था जब धरती बेहद गर्म थी और इस पर कोई सजीव नहीं रह सकता था , ऐसा विद्वानों ने लिखा है। पुराने ज़माने में जब आदमी नहीं था , तब किताबें कौन लिखता ? हम मनगढंत बातें सोच लेते जो सच न होतीं। पहाड़, समुद्र , सितारे , नदियाँ , जंगल आदि के माध्यम से भी पुरानी दुनिया का पता लग सकता है। इसके लिए संसार रूपी पुस्तक को पढ़ना होगा। कोई भी भाषा सीखने के लिए जिस प्रकार पहले उसके अक्षर सीखने पड़ते है , इसी प्रकार प्रकृति के अक्षर पढ़ने पड़ेंगे। 

👉 MCQs for Class 6 Hindi Vasant Ch 12 - संसार पुस्तक है

कोई चिकना सा रोड़ा भी अपने बारे में कुछ बताता है कि यह गोल , चिकना और चमकीला कैसे हो गया। कोई चट्टान तोड़ने पर उसका कोना नुकीला होता है। यह पहाड़ों के दामन में पड़ा रहता है। पानी बहाकर घाटी तक ले आया। पहाड़ी नाले ने दरिया तक पहुँचाया और यह लुढ़कता रहा , जिससे उसके किनारे घिस गए और यह चिकना व चमकदार बन गया। अगर दरिया उसे ओर आगे ले जाता , तो वह छोटा होकर बालू का एक कण बन जाता और सागर के किनारे जम जाता। छोटे बच्चे उस पर घरौंदे बनाकर खेलते। 

👉 Extra Questions for Class 6 Hindi Vasant Ch 12 - संसार पुस्तक है

अगर छोटा सा पत्थर इतनी जानकारी दे सकता है , तो पहाड़ो और अन्य चीजों से हमें अनेक बातें मालूम हो सकती है। 

👉 गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर - संसार पुस्तक है

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