गद्यांशों पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
1. मैंने इरादा किया है कि कभी - कभी तुम्हे इस दुनिया की और उन छोटे - बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं छोटी - छोटी कथाएँ लिखा करूँ। तुमने हिंदुस्तान और इंग्लैंड का कुछ हाल इतिहास में पढ़ा है। लेकिन इंग्लैंड केवल एक छोटा - सा टापू है और हिंदुस्तान , जो एक बहुत बड़ा देश है , फिर भी दुनिया का एक छोटा - सा हिस्सा है। अगर तुम्हे इस दुनिया का कुछ हाल जानने का शौक है , तो तुम्हे सब देशों का और उन सब जातियों का जो इसमें बसी हुई है , ध्यान रखना पड़ेगा , केवल उस एक छोटे - से देश का नहीं जिसमें तुम पैदा हुई हो।
(i) लेखक दुनिया तथा दुनिया के छोटे - बड़े देशों के विषय में क्या करना चाहता है ?
- उनकी छोटी - छोटी कथाएँ लिखना।
- उनकी कथाएँ लिखना।
- उनकी घटनाएँ बताना।
- उनका वर्णन करना।
उत्तर : उनकी छोटी - छोटी कथाएँ लिखना
(ii) इंग्लैंड क्या है ?
- बहुत बड़ा देश
- बहुत बड़ा राष्ट्र
- छोटा - सा टापू
- बड़ा टापू
उत्तर : छोटा - सा टापू
(iii) लेखक ने किसे दुनिया का छोटा - सा हिस्सा कहा है ?
- इंग्लैंड को
- हिंदुस्तान को
- भारत को
- टापू को
उत्तर : हिंदुस्तान को
(iv) लेखक ने किस शौक की बात की है ?
- कथाएँ लिखने के शौक की
- सैर करने के शौक की
- जातियों को जानने के शौक की
- दुनिया का हाल जानने के शौक की
उत्तर : दुनिया का हाल जानने के शौक की
(v) 'इरादा' का पर्याय बताइए।
- विचार
- वादा
- भावना
- तथ्य
उत्तर : विचार।
2. यह तो तुम जानती ही हो कि यह धरती लाखों करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों के पहले सिर्फ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब इस धरती पर कोई जानदार चीज़ न थी। आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है , उस ज़माने का ख्याल करना भी मुश्किल है , जब यहाँ कुछ था। लेकिन विज्ञान जानने वालों और विद्वानों ने , जिन्होंने इस विषय को खूब सोचा और पढ़ा है , लिखा है कि एक समय ऐसा था जब यह धरती बेहद गर्म थी और इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं रह सकती थी। और अगर हम उनकी किताबें पढ़ें और पहाड़ों और जानवरों की पुरानी हड्डियों को गौर से देखें तो हमें खुद मालूम होगा कि ऐसा समय जरूर रहा होगा।
(i) यह धरती कितनी पुरानी है ?
- दो हजार वर्ष
- लाखों - करोड़ों वर्ष
- हजारों वर्ष
- लाखों वर्ष
उत्तर : लाखों - करोड़ों वर्ष
(ii) जानवरों से पहले इस धरती पर क्या स्थिति थी ?
- कोई पक्षी न था।
- कोई पशु न थे।
- कोई जानदार चीज न थी।
- जलीय जीव थे।
उत्तर : कोई जानदार चीज न थी।
(iii) इस धरती पर कब कोई जानवर चीज नहीं रह सकती थी ?
- जब यह बेहद ठंडी थी।
- जब यहाँ पानी - ही - पानी था।
- जब यहाँ वायु नहीं थी।
- जब यह बेहद गरम थी।
उत्तर : जब यह बेहद गरम थी।
(iv) 'ऐसा समय जरूर रहा होगा। ' - से लेखक का क्या तात्पर्य है ?
- धरती पर कोई जीव न था।
- धरती पर वनस्पतियाँ न थीं।
- धरती पर पानी न था।
- धरती पर हवा न थी।
उत्तर : धरती पर कोई जीव न था।
(v) 'गौर' का पर्यायवाची बताइए।
- ध्यान
- गहरा
- गंभीर
- रंग
उत्तर : ध्यान।
2. लेकिन ख़ुशी की बात है कि उस पुराने जमाने की लिखी हुई किताबें न होने पर भी कुछ ऐसी चीजें है , जिनसे हमें उतनी ही बातें मालूम होती है जितनी किसी किताब से होती। ये पहाड़ , समुद्र , सितारे , नदियाँ , जंगल , जानवरों की पुरानी हड्डियाँ और इसी तरह की और भी कितनी ही चीजें है , जिनसे हमें दुनिया का पुराना हाल मालूम हो सकता है। मगर हाल जानने का असली तरीका यह नहीं है कि हम केवल दूसरों की लिखी हुई किताबें पढ़ ले , बल्कि खुद संसार - रूपी पुस्तक को पढ़ें। मुझे आशा है कि पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर तुम थोड़े ही दिनों में उनका हाल जानना सीख जाओगी। सोचो , कितनी मजे की बात है। एक छोटा - सा रोड़ा जिसे तुम सड़क पर या पहाड़ के नीचे पड़ा हुआ देखती हो , शायद संसार की पुस्तक का छोटा - सा पृष्ठ हो , शायद उससे तुम्हे कोई नई बात मालूम हो जाए। शर्त यही है कि तुम्हे उसे पढ़ना आता हो।
(i) पुराने ज़माने की क्या चीजें हमारे पास नहीं है ?
- मोहरें
- कागज़
- सबूत
- किताबें
उत्तर : किताबें
(ii) पहाड़ , समुद्र , सितारे , नदियाँ , जंगल आदि से हमें क्या मालूम हो सकता है ?
- दुनिया का पुराना हाल
- दुनिया का भविष्य
- दुनिया की स्थिति
- दुनिया की ख़बरें
उत्तर : दुनिया का पुराना हाल
(iii) दुनिया के हाल जानने का असली तरीका क्या है ?
- अवशेष खोजना
- संसार - रूपी पुस्तक पढ़ना
- पुस्तकें पढ़ना
- स्मारकों पर घूमना
उत्तर : संसार - रूपी पुस्तक पढ़ना
(iv) लेखक ने किसे संसार - रूपी पुस्तक का छोटा - सा पृष्ठ कहा है ?
- पहाड़ को
- सड़क को
- पेड़ों को
- छोटे - से रोड़े को
उत्तर : छोटे - से रोड़े को
(v) संसार रूपी पुस्तक से हमें कब नई बात मालूम होगी ?
- जब हमें उसे पढ़ना आता हो
- जब हम उसे देखें
- जब हम उसमे खो जाएँ
- जब हम घूमते रहें।
उत्तर : जब हमें उसे पढ़ना आता हो।