NCERT Solution for Class 8 Hindi Chapter 1 वसंत : ध्वनि

NCERT Solution : हिंदी (वसंत) पाठ 1 - ध्वनि 

प्रश्न - अभ्यास

कविता से 

1. कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा ?
उत्तर :
कवि को निम्नलिखित कारणों से ऐसा लगता है कि उसका अंत अभी नहीं होगा -
  • कवि आत्मविश्वास से भरा हुआ है। 
  • कवि के उपवन में वसंत का आगमन हुआ है। 
  • वह अपने स्वप्न भरे हाथों से कलियों को जगाना चाहता है और उन्हें अपने जीवन - अमृत से सींचकर हरा - भरा करना चाहता है। 
  • खिले फूलों को वह अपने जीवन संसार में ले जाना  चाहता है , जिससे उसका जीवन भी सुंदरता और खुशियों से भर उठे। इस प्रकार कवि कल्पनाशील कार्य कर रहा है। 
2. फूलों का अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन - कौन सा प्रयास करता है ?
उत्तर :
फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि निम्नलिखित प्रयास करता है -
  • कवि कलियों की निद्रा दूर भगाने का प्रयास करता है। 
  • वह उनका तंद्रालस दूर करने का प्रयास करता है। 
  • वह उन्हें अपने नवजीवन के अमृत से सहर्ष सींचने का प्रयास करता है। 
3. कवि अपनी कविता में एक कल्पनाशील कार्य की बात बता रहा है। अनुमान कीजिये और लिखिए कि उसके बताये कार्यों का अन्य किन - किन सन्दर्भों से सम्बन्ध जुड़ सकता है ? जैसे - नन्हे - मुन्ने बालक को माँ जगा रही हो। 
उत्तर :
कवि पुष्पों की तन्द्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए निम्नलिखित क्रियाएँ करना चाहता है -
  • अपने स्वप्न भरे कोमल हाथ उन पर फेरना चाहता है। 
  • पुष्पों को एक नए मनोहर प्रभात का सन्देश देना चाहता है। 
  • उनका तंद्रालस छीन लेना चाहता है। 
कविता से आगे 

1. वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है ? आपस में चर्चा कीजिये। 
उत्तर :
हमारे देश भारत में साल भर में छः ऋतुएँ आती है। इन सबका अपना अलग - अलग महत्त्व है। इन ऋतुओं में वसंत ऋतू अत्यंत विचित्र एवं निराली है। इसे 'ऋतुराज' के नाम से भी जाना जाता है। 
इस ऋतू का आगमन मार्च - अप्रैल मास में होता है। भारतीय पंचांग के अनुसार यह वसंत पंचमी नामक त्योहार से शुरू होता है। इस ऋतू में पेड़ों पर नए - नए पत्ते आ जाते है। वातावरण में न अधिक सर्दी होती है और न अधिक गर्मी। यह ऋतू सभी के लिए स्वास्थ्यवर्धक होती है। चारों ओर खिले फूल , आम के बौर से मादक बना वातावरण , कोयल का मस्ती - भरा गान , खेतों में चारों ओर बिखरे सरसों का फूल तथा उपवन में खिले रंग - बिरंगे फूल इस ऋतू के त्योहार जीवन को उमंग से भर देते है। वसंत की इन विशेषताओं के कारण इसे ऋतुराज कहना सर्वथा उचित है। 

2. वसंत ऋतू में आने वाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिये और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए। 
उत्तर :
वसंत ऋतू मार्च - अप्रैल अर्थात फाल्गुन के कुछ दिनों से आरम्भ होकर चैत्र तथा बैसाख के कुछ दिनों अर्थात कुल दो महीने से अधिक समय तक रहती है। इस ऋतू में 
  1. मस्ती और रंगों का त्योहार होली ,
  2. वसंत पंचमी (ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा वसंत पंचमी के दिन ही की जाती है),
  3. खेतों में हरी - भरी एवं पकी फसलों की ख़ुशी में तथा हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले वीर हकीकत राय की याद में मनाया जाने वाला त्योहार बैसाखी धूमधाम एवं उल्लासपूर्वक मनाये जाते है। 
वसंत ऋतू पर निबंध :- भारत को प्राकृतिक सौंदर्य से पूर्ण करने में ऋतुओं का विशेष योगदान है। यहाँ की ऋतुओं में वसंत ऋतु सबसे प्रमुख है। इसे ऋतुराज भी कहते है। वसंत में न अधिक सर्दी होती है और न अधिक गर्मी। वनों और बागों में चारों ओर रंग - बिरंगे फूल खिलते है। खेतों में दूर - दूर तक सरसों के पीले फूल लहराते है। वनों में पलाश के वृक्षों पर लाल - लाल फूलों का सौंदर्य तो देखते ही बनता है। फूलों पर भौरें गुनगुनाते है और तितलियाँ मस्ती से उड़ने लगती है। आमों के पेड़ों पर कोयल मधुर स्वर में कूकने लगती है। 
वसंत पंचमी का उत्सव इसी ऋतु के स्वागत में मनाया जाता है। इस दिन , विशेषकर गाँवों में पीले वस्त्र पहने जाते है। घरों में पीले रंग का हलवा बनता है। किसान तथा गाँव के बुजुर्ग इस दिन की पूजा - अर्चना के बाद ही नई फसल का अनाज खाना शुरू करते है। 
विद्या की देवी भगवती सरस्वती का पूजन भी इसी दिन होता है। यह ऋतू वीरों के बलिदान की याद भी दिलाती है। इसी दिन बाल - वीर हकीकत राय ने धर्म के लिए बलिदान दिया था। 
वास्तव में वसंत ऋतु एक अद्भुत मादकता और आनंद से ओत - प्रोत करने वाली ऋतु है। 

3. "ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है" - इस कथन की पुष्टि आप किन - किन बातों से कर सकते है ? लिखिए। 
उत्तर :
लोगों के जीवन पर ऋतु परिवर्तन का गहरा प्रभाव पड़ता है। इसकी पुष्टि हम निम्नलिखित बातों से कर सकते है -
  • खान - पान : हर ऋतु के अपने विशेष खान - पान होते है। लोग उन ऋतुओं के अनुसार ही अपने लिए भोजन में खाद्य - वस्तुओं का समायोजन करते है। जैसे - ग्रीष्म ऋतु में हम शीतलता प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थों का अधिक प्रयोग करते है और शीत ऋतु में गर्मी प्रदान करने वाले खाद्य एवं पेय पदार्थों का। 
  • पहनावा - हर ऋतु में अलग - अलग प्रकार के परिधानों का प्रयोग किया जाता है। ग्रीष्म ऋतु में हम सूती वस्त्रों का अधिक प्रयोग करते है , वही शरद ऋतु में ऊनी तथा रंगीन कपड़ों का अधिकाकिक प्रयोग होता है। 
  • त्योहार - विभिन्न ऋतुओं के अनुसार उन दिनों में पड़ने वाले त्योहार भी अलग - अलग होते है। ये त्योहार लोगों के जीवन को गहराई से प्रभावित करते है। 
  • स्वास्थ्य अनुकूलता - कुछ ऋतुएँ स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत उत्तम होती है। इनमे एक ओर जहाँ खाद्य सामग्री की प्रचुरता होती है , वही जीवाणुओं का संक्रमण भी कम होता है। जैसे - शरद ऋतु एवं वसंत ऋतू। इसके विपरीत ग्रीष्म एवं वर्षा ऋतुएँ स्वास्थ्य के लिए कम अनुकूल मानी जाती है। 
इस प्रकार हम कह सकते है, ऋतु परिवर्तन का लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। 

अनुमान और कल्पना 

1. कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइये कि इनमे किस ऋतु का वर्णन है ?
फूटे हैं आमों में बौर 
भौंर वन - वन टूटे है ,
होली मची ठौर - ठौर 
सभी बंधन छूटे है। 
उत्तर :
पढ़ने से पता चलता है कि कविता की इन पंक्तियों में वसंत ऋतु का वर्णन है। उसका कारण यह है कि इनमें आमों में बौर आने तथा होली के त्योहार का उल्लेख किया गया है। 

2. स्वप्न भरे कोमल - कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का सन्देश देता है , उन्हें जगाना चाहता है और ख़ुशी - ख़ुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा - भरा करना चाहता है। फूलों - पौधों के लिए आप क्या - क्या करना चाहेंगे ?
उत्तर :
फूलों - पौधों के लिए मैं निम्नलिखित कार्य करना चाहूँगा -
  • फूलों - पौधों का अधिक संख्या में रोपण करते हुए उनकी देखभाल करूँगा तथा नष्ट होने से बचाने का प्रयास करूँगा। 
  • समय - समय पर इनमे पानी , खाद , निराई आदि की व्यवस्था भी करूंगा। 
  • इन फूलों को न मैं तोडूंगा , न किसी को तोड़ने दूँगा। 
  • इन फूलों - पौधों को प्यार भरे हाथों से स्पर्श करूंगा। 
3. कवि अपनी कविता में एक कल्पनाशील कार्य की बात बता रहा है। अनुमान कीजिये और लिखिए कि उसके बताये कार्यों का अन्य किन - किन सन्दर्भों से सम्बन्ध जुड़ सकता है ? जैसे - नन्हे - मुन्ने बालक को माँ जगा रही हो। 
उत्तर :
कवि के बताये कार्यों का निम्न सन्दर्भों से सम्बन्ध जुड़ सकता है -

(क) प्रातः काल पिता के साथ उपवन में गया बालक 
  • फूलों पर बैठी तितलियों को पकड़ने या छूने का प्रयास करता हो। 
  • वह उपवन में चुग रहे पक्षियों को पकड़ने का प्रयास करता हो। 
(ख)
  • मैं फूलों और पत्तियों पर ओस की बूँदों को हाथ से छूने की क्रिया करूँ  . 
  • माली उन पौधों की बहुत सावधानी से काट - छाँट कर रहा हो। 
  • किसान हरे - भरे पौधों को छू रहा हो।  
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