उत्तर :
लाला झाऊलाल ने वह बेढंगा लोटा पसंद न होने पर भी इसलिए ले लिया , क्योंकि उन्हें अपनी पत्नी के गुस्से का डर था। लाला झाऊलाल उससे किसी तरह का झगड़ा मोल नहीं लेना चाहते थे। उन्हें यह भी डर था कि यदि उन्होंने लोटे में पानी पीने से मना किया तो क्या पता इससे भी ख़राब बर्तन में अगली बार पानी और भोजन मिले।
2. "लाला झाऊलाल जी ने फ़ौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया। " आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन - कौन सी बातें समझ ली होंगी ?
उत्तर :
मेरे विचार से लाला झाऊलाल ने निम्नलिखित बातें समझ ली होंगी -
- सिर से पाँव तक भीगे और एक पैर को सहलाते अंग्रेज के हाथ में अपना ही लोटा देखकर झाऊलाल समझ गए कि उनके लोटे से अंग्रेज को चोट लग गई है।
- अब वह अंग्रेज गालियां देता हुआ झगड़ा करने जरूर आएगा।
- उस अंग्रेज के साथ आस - पास के लोग भी आएँगे और तरह - तरह की बातें बनाएँगे।
उत्तर :
अंग्रेज के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने से इसलिए इंकार कर दिया था , जिससे कि अंग्रेज को ज़रा भी शक न हो कि ये दोनों एक - दूसरे से मिले हुए है। ऐसा होने पर उनकी योजना कामयाब ना हो पाती।
अपने अजीब व्यव्हार द्वारा वह अंग्रेज का ध्यान लाला झाऊलाल को पुलिस थाने ले जाने की ओर से हटाना चाहते थे। उनकी भावनाओं को उद्वेलित कर वे उनसे वह लोटा ऊँचे से ऊँचे दाम पर ख़रीदवाना चाहते थे। वह इसमें कामयाब भी रहे थे।
4. बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था ? लिखिए।
उत्तर :
बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध अपनी पत्नी के संदूक से लाकर किया था। उन्होंने यह काम इतनी सफाई से किया था कि उनकी पत्नी को इसकी भनक भी नहीं लग पाई थी।
5. आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया ? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।
उत्तर :
अंग्रेज ने वह पुराना लोटा इसलिए खरीद लिया , क्योंकि उसके पडोसी मेजर डगलस के साथ पुरानी चीज़ों के संग्रह करने में उसकी होड़ लगी रहती थी। गत वर्ष हिंदुस्तान आने पर मेजर डगलस यहाँ से जहाँगीरी अंडा लेकर गए थे। अब यह अंग्रेज इस अकबरी लोटे को खरीदकर उन्हें यह दिखाना चाहता था कि वह भी हिंदुस्तान से अच्छी चीजें ला सकता है। यह अकबरी लोटा उस जहाँगीरी अंडे से एक पुश्त पुराना था। इसके अलावा इस लोटे का मूल्य भी अधिक था , इसलिए इनका महत्त्व अधिक होता। वह मेजर डगलस से इस प्रतिस्पर्धा में आगे रहना चाहता था।
अनुमान और कल्पना
1. "इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊंगा। "
बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही ? लिखिए।
उत्तर :
"इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा। " यह बात बिलवासी जी ने लाला झाऊलाल से कही। ऐसा उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि ये रूपए उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक से उस समय निकाले थे , जब वह सो रही थी। उन्होंने सोती पत्नी के गले से ताली चुपचाप निकालकर संदूक से रुपए निकाल लिए थे। यह बात उनकी पत्नी न जान सकी। अब उनकी पत्नी को यह बात पता चले , उससे पहले ही वे इन रुपयों को संदूक में रखने की जल्दबाजी में थे।
2. "उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई। "
समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उडी तो क्यों ? लिखिए।
उत्तर :
यह सत्य है कि समस्या लाला झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी जी की उडी। उसका कारण यह था कि ये ढाई सौ रूपए उन्होंने पत्नी के संदूक से उठाए थे। यदि यह बात उनकी पत्नी को पता चल जाती तो इससे भी बड़ी समस्या उठ खड़ी होती। जब तक ये रूपए चुपचाप उसी जगह नहीं रख देते , उन्हें नींद कैसे आ सकती थी। यही कारण था कि उनकी नींद उडी हुई थी।
3. "लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए। "
"अजी इसी सप्ताह में ले लेना। "
"सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से ?"
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है ? लिखिए।
उत्तर :
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से यह पता चलता है कि उनकी पत्नी ने लाला झाऊलाल से पहले भी कुछ माँगा होगा। उन्होंने अपनी पत्नी को 'हाँ' तो कह दिया होगा पर देने में बहुत ही विलम्ब कर दिया होगा। हो सकता है कि उन्होंने 'हाँ' करके भी न दिया होगा।
क्या होता यदि
1. अंग्रेज लोटा न खरीदता ?
उत्तर :
अंग्रेज लोटा न खरीदता तो बिलवासी जी जो रूपए लाला झाऊलाल को देने के लिए लाए थे , वही रूपए उनको देते और लाला झाऊलाल इसे अपनी पत्नी को देकर वायदा पूरा करते। ऐसा करके वे अपनी पत्नी की निगाहों में अपना स्थान ऊँचा रख पाते।
2. यदि अंग्रेज को पुलिस को बुला लेता ?
उत्तर :
यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता तो पुलिस उस अंग्रेज और लाला झाऊलाल को थाने ले जाती। दोनों को समझा - बुझाकर किसी तरह से वह मामले को आपस में सुलझाने को कहती। दोनों के न मानने पर वह उन्हें जेल में बंद करने की धमकी देती।
3. जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे , तभी उनकी पत्नी जाग जाती ?
उत्तर :
पत्नी के गले से चाबी निकालते समय यदि वह जाग जाती तो बिलवासी जी से नाना प्रकार के प्रश्न पूछती। वह यह भी पूछती कि चाबी से संदूक खोलकर क्या करते ? ऐसी क्या ज़रूरत आ गई जो मुझसे नहीं कह सकते थे। अपने ही घर में चोरी करने का इरादा बनाने का कारण पूछती। इस प्रकार उनकी पत्नी अधिक सजग हो जाती और बिलवासी जी वचन देकर भी लाला झाऊलाल की मदद न कर पाते।
पता कीजिए
1. "अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया। "
उल्का क्या होती है ? उल्का और ग्रहों में कौन - कौन सी समानताएँ और अंतर होते है ?
उत्तर :
उल्का सामान्यतः किसी तारे का छोटा चट्टानी टुकड़ा होती है। यह तारे के चारों ओर अपने पथ से अलग होकर तेजी से धरती की ओर गिरती है तथा हवा के साथ घर्षण के कारण जलने लगती है। ग्रह भी किसी तारे का ही हिस्सा होता है। हालांकि ग्रहों का आकार उल्काओं की अपेक्षा काफी बड़ा होता है तथा इनका एक निश्चित मार्ग होता है। ग्रह अपने तारों के चारों तरफ घूमता है।
2. "इस कहानी में आपने दो चीजों के बारे में मजेदार पढ़ी - अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी।
आपके विचार से ये कहानियां सच्ची है या काल्पनिक ?
उत्तर :
मेरे विचार से यह कहानियाँ सच्ची नहीं बल्कि काल्पनिक लगती है।
3. अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।
उत्तर :
अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज के बारे में छात्र स्वयं कहानी बनाएँ।
4. बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया , वह सही था या गलत ?
उत्तर :
बिलवासी जी जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया था , वह सही नहीं था। उसका कारण यह है कि गले से चाबी निकालते समय उनकी पत्नी जाग जाती तो बिलवासी जी के घर की शांति भंग हो जाती। उनके स्वयं के लिए समस्या पैदा हो जाती। वे पत्नी की निगाह में गिर जाते। इससे वे जिस उद्देश्य के लिए ऐसा कर रहे थे , वह भी पूरा नहीं हो पाता। वे लाला झाऊलाल की मदद न कर पाते। लाला झाऊलाल भी अपनी पत्नी की निगाहों में अपना स्थान नीचा कर बैठते।
भाषा की बात
1. इस कहानी में लेखक ने जगह - जगह पर सीधी - सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों , उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार / रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।
उत्तर ;
- "अजी हटो , ढाई सौ रूपए के लिए अपने भाई से भीख माँगोगी , मुझसे ही ले लेना। "
- "सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से ?"
- कल ढाई सौ रूपए या तो गिन देना है या सारी हेकड़ी से हाथ धोना है।
- लोटे ने दाएँ देखा न बाएँ , वह नीचे गली की ओर चल पड़ा। अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।
- यह लोटा न जाने किस अनधिकारी के झोंपड़े पर काशीवास का सन्देश लेकर पहुँचेगा।
- लाला झाऊलाल को आज ही मालुम हुआ कि अंग्रेजी भाषा में गालियों का ऐसा प्रकांड कोश है।
- यह वह विश्व प्रसिद्द अकबरी लोटा है जिसकी तलाश में संसार - भर के म्यूजियम परेशान है।
- "इस भेद को मेरे सिवाय मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए , मैं नहीं बताऊँगा। "
मुहावरे | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
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1. दुम दबाकर भागना | डरकर भागना | कुत्ते को आता देख बिल्ली दुम दबाकर भाग गई |
2. खुक्ख होना | पास में पैसा न होना | दो महीने से वेतन न मिलने के कारण मोहन बिलकुल खुक्ख हो गया है। |
3. हाथ धोना | गवाँ देना , खो देना | शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए उसका एक्सीडेंट हो गया और उसे जान से हाथ धोना पड़ा। |
4. आँखों से ओझल होना | अदृश्य होना | सवेरा हुआ और तारे आँखों से ओझल होने लगे। |
5. हँसी खेल न होना | काम आसान न होना | आई. आई. टी. परीक्षा पास करना हँसी खेल नहीं है। |
- पाठ 1 : ध्वनि
- पाठ 2 : लाख की चूड़ियाँ
- पाठ 3 : बस की यात्रा
- पाठ 4 : दीवानों की हस्ती
- पाठ 5 : चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
- पाठ 6 : भगवान के डाकिए
- पाठ 7 : क्या निराश हुआ जाए
- पाठ 8 : यह सबसे कठिन समय नहीं
- पाठ 9 : कबीर की साखियाँ
- पाठ 10 : कामचोर
- पाठ 11 : जब सिनेमा ने बोलना सीखा
- पाठ 12 : सुदामा चरित
- पाठ 13 : जहाँ पहिया है
- पाठ 15 : सूरदास के पद
- पाठ 16 : पानी की कहानी
- पाठ 17 : बाज और साँप
- पाठ 18 : टोपी