NCERT Solution for Class 8 Hindi Ch 17 वसंत - बाज और साँप

 NCERT Solution : पाठ 17 - बाज और साँप , हिंदी (वसंत) कक्षा 8 

प्रश्न - अभ्यास

शीर्षक और नायक 

  • लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने साँप और बाज को ही क्यों चुना ? आपस में चर्चा कीजिए। 
उत्तर :
लेखक ने इस कहानी के लिए बाज और साँप को इसलिए चुना क्योंकि  दोनों का स्वाभाव एकदम विपरीत है। इसके अलावा अन्य कारण निम्नलिखित है -
  • एक तरफ बाज अत्यंत तेज गति से उड़ने वाला प्राणी (पक्षी) है , वही साँप सरकने वाला प्राणी है। 
  • एक को जहाँ आकाश की स्वतंत्रता अत्यंत प्रिय है , वही दूसरे को अपनी दुर्गन्धयुक्त गुफा ही सुखद लगती है। 
  • बाज जहाँ साहस एवं वीरता के लिए प्रसिद्द है , वही साँप के पास कोई गुण नहीं है। 
  • शिकारी पक्षी बाज अपने सामने आए खतरों की परवाह नहीं करता ; भले ही उसकी जान चली जाए , किन्तु सांप को अपनी जान बचाने की चिंता लगी रहती है। 
यही कहानी पिंजरे में पाले गए खरगोश और शिकारी कुत्ते के माध्यम से भी कही जा सकती है। 

कहानी से 

1. घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा , "मुझे कोई शिकायत नहीं है। " विचार प्रकट कीजिये। 
उत्तर :
घायल होने के बाद भी बाज ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि -
  • बाज उन्मुक्त गगन में उड़ने वाला , स्वतंत्रता प्रिय पक्षी है। 
  • बाज ने अपने मजबूत पंखों से गगन के विस्तार को जी भरकर नाप लिया था। 
  • बाज ने अपनी जिंदगी का हर सुख भोग लिया था। 
  • उसे अपनी ज़िंदगी से कोई शिकायत न थी। 
2. बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था ?
उत्तर :
ज़िंदगी भर आकाश में उड़ने वाला बाज घायल होने के बावजूद भी आकाश में उड़ना चाहता था क्योंकि -
  • उसे आकाश की स्वतंत्रता अत्यंत प्रिय है। 
  • उसने अभी भी ज़िंदगी से हार नहीं मानी है। 
  • वह अत्यंत साहसी है। उसे अपनी मौत से ज़रा भी भय नहीं है। 
3. साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की ?
उत्तर :
साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था , फिर भी उसने उड़ने की कोशिश की , क्योंकि -
  • वह देखना चाहता था कि आकाश में ऐसा कौन - सा आकर्षण है , जिससे आकर्षित होकर बाज घायल होकर भी उड़ने को विवश हो गया। 
  • वह आकाश में छिपे खजाने (आकर्षण) का रहस्य जानना चाहता था। 
  • वह भी आकाश में उड़ने का स्वाद चखना चाहता था। 
  • बाज की मृत्यु के बाद उसके (साँप के ) मन का चैन खो गया था। उसकी जिज्ञासा बढ़ गई थी। 
4. बाज के लहरों ने गीत क्यों गाया था ?
उत्तर :
सागर की उठती - गिरती चट्टानों से टकराने वाली लहरें आजीवन किनारों से , चट्टानों से टकराकर स्वतंत्रता पाने के लिए संघर्ष करती प्रतीत होती है। लहरें साहसी एवं निडर है। बाज शत्रुओं से लड़ते हुए घायल हो गया था , परन्तु उसने स्वतंत्रता का मोह न छोड़ा और अपने प्राणों को हथेली पर रखकर आसमान में उड़ने को निकल पड़ा। यही कारण है कि लहरों ने बाज के लिए गीत गाया। 

5. घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा ?
उत्तर :
घायल बाज को देखकर साँप इसलिए खुश हुआ होगा , क्योंकि -
  • अब सांप को बाज से डरने की आवश्यकता नहीं थी। 
  • बाज अब साँप पर हमला नहीं कर सकता था। 
  • आजीवन अन्य पक्षियों का शिकार करने वाला बाज आज दयनीय दशा में उसके सामने असहाय पड़ा था। 
  • बाज अब अपने जीवन से हार मान चूका था और शीघ्र ही मृत्यु को प्राप्त हो जाएगा। 
कहानी से आगे 

1. कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो। 
उत्तर :
स्वतंत्रता की प्रेरणा प्रदान करने वाली पंक्तियाँ -
  • "आह ! काश , मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता। "
  • उसने गहरी लम्बी सांस ली और पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा। 
  • हमारा यह गीत उन साहसी लोगों के लिए है जो अपने प्राणों को हथेली पर रखे हुए घूमते है। 
  • चतुर वही है जो प्राणों की बाजी लगाकर ज़िंदगी के हर खतरे का बहादुरी से सामना करे। 
  • ओ निडर बाज ! शत्रुओं से लड़ते हुए तुमने अपना कीमती रक्त बहाया है। पर वह समय दूर नहीं है , जब तुम्हारे ख़ून की एक - एक बूँद ज़िंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी , बहादुर दिलों में स्वतंत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करेगी। 
  • "हमारा गीत ज़िंदगी के उन दीवानों के लिए है , जो मरकर भी मृत्यु से नहीं डरते। "
2. लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा ? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी ? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए। 
उत्तर :
लहरों का गीत सुनने के बाद सांप को भी स्वतंत्रता एवं साहसपूर्ण ज़िंदगी जीने की प्रेरणा मिली होगी। उसने सोचा होगा कि एक न एक दिन तो मरना है ही , क्यों न बाज की तरह साहसी कदम उठाते हुए मरा जाए। कायरतापूर्ण जीना भी कोई जीना है। 
यह सोचकर साँप ने फिर उड़ने की कोशिश करते हुए आकाश की ऊँचाइयाँ नापने का प्रबल इरादा बनाया। आकाश के असीम विस्तार में फैली स्वतंत्रता को पाने की आशा लिए साँप उड़ गया होगा। 
बाज की तरह ही साहस करके सॉंप उड़ तो गया होगा परन्तु न तो उसके पंख थे न ही साँप उड़ना जानता था , फिर भी साँप जोश से भरा हुआ था। उसे स्वतंत्रता की चाहत ऐसा करने के लिए साहसी बना रही थी। इस बार साँप ने बल लगाकर उड़ान शुरू की थी। सांप ठीक से उड़ न सका। इस बार वह चट्टान पर न गिरकर सरिता की धारा में गिरा। उसे गिरता देखकर सफ़ेद फेन युक्त लहरों ने उसे आँचल से ढक लिया। लहरें उसे लेकर उस अनंत सागर की ओर बढ़ चली , जहाँ साहसी एवं निडर बाज ले जाया गया था। 

3. क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं ? विचार प्रकट कीजिए। 
उत्तर :
मेरा मानना है कि उड़ते समय पक्षियों को सचमुच आनंद का अनुभव होता है। इसका कारण यह है कि जब हम किसी पक्षी को किसी तरह से पिंजरे में बंद कर देते है , तो वह अपनी ख़ुशी खो बैठता है। वह उदास होकर पिंजरे में रखा खाना तथा पानी लेना छोड़ देता है। उसकी स्वतंत्रता छिन जाती है। वह हमेशा ही पिंजरे से निकल भागने का प्रयास करता है और मौका मिलते ही पिंजरे से निकल भागता है। पक्षी का भोजन तो पिंजरे में भी मिल जाता है , पर उसका उड़ने का आनंद छिन चुका होता है। वह उड़ने का आनंद न मिलने के कारण ही पिंजरे में वापस नहीं आता है। 

4. मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनो से पूरी करता है। 
उत्तर :
मानव ने अपनी उड़ने की इच्छा के कारण नाना प्रकार के प्रयोग किए। कभी वह गर्म हवा भरे गुब्बारे के माध्यम से उड़ने का प्रयास किया तो कभी ग्लाइडरों के द्वारा। इन प्रयोगों में अनेक लोगों को अपनी जान तक गँवानी पड़ी ; पर साहसी मानव ने जान की परवाह किए बिना प्रयोग एवं खोज जारी रखी , जिसका परिणाम यह हुआ कि उसने वायुयान का निर्माण कर लिया। 
आज मनुष्य अपनी उड़ने की इच्छा हेलीकाप्टर , वायुयानों तथा अंतरिक्ष यानों के द्वारा पूरी करता है। 

अनुमान और कल्पना 
  • यदि इस कहानी के पात्र  बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती ? अपनी कल्पना से लिखिए। 
उत्तर :
छात्र अपनी कल्पना से स्वयं लिखे। 

भाषा की बात 

1. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए। 
उत्तर :
  • आँखें चमक उठना - जंगल में भटक रहे गोलू ने जब अपने पिता की आवाज सुनी तो उसकी आँखें चमक उठी। 
  • सिर धुनना - साल भर जो विद्यार्थी परिश्रम नहीं करेगा , वह परीक्षा परिणाम देखकर सिर धुनने के आलावा ुर क्या काम कर सकता है !
  • आँखों से ओझल होना - सूरज निकला और ओस की बूँदें आँखों से ओझल होने लगी। 
  • डींग हांकना - इंजीनियर बनने के लिए डींग हाँकना बंद करके भरपूर परिश्रम करना सीखें। 
  • प्राणों की बाजी लगा देना - कारगिल युद्ध में भारतीय वीरों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर शत्रुओं को भागने पर विवश कर दिया। 
2. 'आरामदेह' शब्द में 'देह' प्रत्यय है। यहाँ 'देह' 'देनेवाला' के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में 'द' , 'प्रद' , 'दाता' , 'दाई' आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे - सुखद , सुखदाता , सुखदाई , सुखप्रद। उपयुर्क्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो - दो शब्द बनाइए। 
उत्तर :
द - दुखद , नीरद 
प्रद - लाभप्रद , कष्टप्रद 
दाता - करदाता , अन्नदाता 
दाई - दुखदाई , लाभदाई 

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