NCERT Solution : नौकर | पाठ - 13 | हिंदी | वसंत | कक्षा 6
प्रश्न - अभ्यास
निबंध से
1. आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गाँधी जी ने कौन सा काम करवाया और क्यों ?
उत्तर :
कॉलेज के छात्रों को अपने अंग्रेजी ज्ञान पर बड़ा गर्व था। उन्होंने गांधीजी से कुछ सेवा के लिए पुछा। गाँधी जी ने उनके मन की बात ताड़कर उन्हें गेहूँ बीनने को कहा।
2. 'आश्रम में गाँधी कई ऐसे काम भी करते थे , जिन्हे आमतौर पर नौकर - चाकर करते है ' पाठ से ऐसे तीन प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हो।
उत्तर :
गांधीजी कई ऐसे काम भी करते थे , जिन्हे आमतौर पर नौकर - चाकर करते है। पाठ में ऐसे कई प्रसंग है , जिनमे से प्रमुख निम्नलिखित है -
- एक कार्यकर्त्ता ने जब गाँधीजी से कहा कि आश्रम में आटा कम पड़ गया है , तो वे आटा पीसने के लिए फ़ौरन उठकर खड़े हो गए।
- आश्रम में कुछ लोग रसोई के बर्तन बारी - बारी से दल बनाकर धोते थे। एक दिन गाँधी जी ने बड़े - बड़े पतीलों को साफ करने का काम अपने ऊपर ले लिया।
- एक बार गांधीजी के कुछ साथी तालाब की भराई का काम कर रहे थे। एक सुबह जब वे काम ख़त्म करके कुदाल , फावड़ा और टोकरियों के साथ वापस लौटे , तो उन्होंने देखा कि गाँधी जी ने उनके लिए नाश्ता तैयार कर रखा है।
3. लंदन में भोज पर बुलाये जाने पर गांधीजी ने क्या किया ?
उत्तर :
लंदन में भोज पर बुलाये जाने पर गाँधी जी खाना बनाने वालों में शामिल हो गए। वे तस्तरियाँ धोने , सब्ज़ी साफ़ करने और अन्य छोटे - मोटे कार्यों में उनकी मदद करने लगे।
4. गांधीजी ने श्रीमती पोलक के बच्चे का दूध कैसे छुड़वाया ?
उत्तर :
गाँधी जी श्रीमती पोलक के बच्चे को अपने बिस्तर पर लिटा लेते। वह चारपाई के पास पानी का एक बर्तन रखते ताकि बच्चे को जब भी प्यास लगे तो उसे पिला सके। इस प्रकार एक पखवाड़े तक माँ से अलग सुलाने के बाद बच्चे ने माँ का दूध छोड़ दिया।
5. आश्रम में काम करने या करवाने का कौन सा तरीका गाँधी जी अपनाते थे ? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर :
आश्रम में काम करने या करवाने के लिए स्वयं उस काम को करने लगते। वे उस काम को स्वयं करके बताते कि यह काम कैसे किया जाता है। इससे जो काम नहीं करना चाहता था , वह भी काम करने को प्रेरित हो जाता था।
निबंध से आगे
1. गाँधी जी इतना पैदल क्यों चलते थे ? पैदल चलने के क्या लाभ है ? लिखो।
उत्तर :
गाँधी जी इतना पैदल इसलिए चलते थे , क्योंकि वे दैनिक शारीरिक श्रम को बड़ा महत्त्व देते थे , इससे उनमे हर प्रकार का कार्य करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति बनी रहती थी। वैसे भी पैदल चलने से शारीरिक व्यव्याम होता है जिससे आदमी स्वस्थ रहता है।
2. अपने घर के किन्ही दस कामों की सूची बनाकर लिखो और यह भी कि उन कामों को घर के कौन - कौन से सदस्य अक्सर करते है ? तुम तालिका की सहायता ले सकते हो -
काम | मैं | माँ | पिता | भाई | बहन | चाचा | दादी | अन्य |
1. घर का सामान लाना | ||||||||
2. घर की सफाई करना | ||||||||
3. बिस्तर रखना | ||||||||
4. खाना बनाना | ||||||||
5. कपडे धोना |
- अब यह देखो कि कौन सबसे ज्यादा काम करता है और कौन सबसे कम। कामों का बराबर बँटवारा हो सके , इसके लिए तुम क्या कर सकते हो ? सोचकर कक्षा में बताओ।
उत्तर :
घर के दस कामों की सूची -
- घर का सामान लाना - पिताजी
- दूध और सब्जियाँ लाना - बड़ा भाई।
- घर की सफाई करना - माँ एवं बहन।
- बिजली एवं टेलीफोन का बिल जमा करना - पिताजी।
- मेरी फीस जमा करना - पिताजी।
- बिस्तर रखना - मैं स्वयं।
- खाना बनाना - माँ एवं बहन।
- कपडे धोना - माँ एवं बहन।
- बैंक से पैसे लाना - पिताजी
- क्यारियों में सब्ज़ी व फूल उगाना तथा देखभाल करना - पिताजी एवं मैं।
घर में सबसे ज्यादा काम पिताजी तथा माताजी करते है। कामों के बराबर बँटवारे के लिए हम कुछ कामों में उनकी मदद कर सकते है।
अनुमान और कल्पना
1. गांधीजी अपने साथियों की ज़रूरत के मुताबिक हर काम कर देते थे , लेकिन उनका खुद का काम कोई और करे , ये उन्हें पसंद नहीं था। क्यों ? सोचो और अपनी कक्षा में सुनाओ।
उत्तर :
गांधीजी अपने हिस्से का दैनिक श्रम खुद करना पसंद करते थे , जिससे उनमे हर प्रकार के कार्य करने की क्षमता और शक्ति बनी रहे।
2. 'नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं , अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है , फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी। ' गाँधी जी ऐसा क्यों कहते होंगे ? तर्क के साथ समझाओ।
उत्तर :
नौकरों को अपने भाई के समान मानने पर वे काम को अपना मानकर ज़्यादा अच्छी तरह से करेंगे। वे काम को बोझ न समझकर उसमें रूचि लेंगे।
3. गाँधी जी कही - लिखी बाते लगभग सौ से अधिक किताबों में दर्ज है। घर के काम , बीमारों की सेवा , आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गाँधी जी को लिखने का समय कब मिलता होगा ? गांधीजी का एक दिन कैसे गुजरता होगा , इस पर अपनी कल्पना से लिखो।
उत्तर :
गाँधी जी ने अपने हर कार्य के लिए समय - विभाजन कर रखा होगा। ढेरों काम करने के बाद भी वे लेखन के समय लेखन - कार्य करते रहे होंगे। गांधीजी का दिन अत्यंत व्यस्तता में गुजरता होगा , वे हर समय किसी काम में लगे रहते होंगे।
4. पाठ में बताया गया है कि गाँधी जी और उनके साथी आश्रम में रहते थे। घर और स्कूल के छात्रावास से गाँधी जी का आश्रम किस तरह अलग था ? कुछ वाक्यों में लिखो।
उत्तर :
साधु - संतों या साधक समुदाय के रहने का स्थान आश्रम कहलाता है। घर और स्कूल के छात्रावास से गाँधी जी का आश्रम बहुत अलग था। आश्रम में गांधीजी कई ऐसे काम करते थे , जिन्हे आमतौर पर नौकर करते है। आश्रम में सभी अपने बर्तन खुद साफ़ करते थे। वहां रहने वाले व्यक्तियों को आश्रम के नियमों का पालन करना पड़ता था। स्कूल के छात्रावास में सभी कामों के लिए कर्मचारी नियुक्त होते है , लेकिन आश्रम में रहने वाले ही सभी कार्य स्वयं करते थे।
5. ऐसे कामों की सूची बनाओ जिन्हे तुम हर रोज खुद कर सकते हो।
उत्तर :
हम निम्नलिखित काम खुद कर सकते है -
- किताब - कापियाँ ठीक जगह पर रखना
- बिस्तर लगाना एवं उठाना
- दूध ले आना
- सब्ज़ियाँ खरीदना
- अपने कमरे की सफाई करना आदि।
भाषा की बात
1. (क) 'पिसाई' संज्ञा है। पीसना शब्द से 'ना' निकाल देने पर 'पीस' धातु रह जाती है। पीस धातु में 'आई' प्रत्यय जोड़ने पर 'पिसाई' शब्द बनता है। किसी - किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है , जैसे ढोना से ढुलाई, बोना से बुआई।
मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते है।
नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गई है। बताओ ये किन क्रियाओं से बनी है ?
रोपाई .................... कटाई .....................
सिंचाई ................... सिलाई ....................
कताई ................... रँगाई ....................
(ख) हर काम - धंधे के क्षेत्र की अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द भंडार भी होते है। पिछले पृष्ठ पर लिखे शब्दों का संबंध दो अलग - अलग कामों से है। पहचानो कि दिए गए शब्दों के सम्बन्ध किन - किन कामों से है।
उत्तर :
(क) संज्ञा क्रिया
रोपाई रोपना
सिंचाई सींचना
कताई कातना
कटाई काटना
सिलाई सिलना
रँगाई रँगना
(ख) रोपाई , सिंचाई, कटाई - कृषि क्षेत्र से सम्बंधित है।
कताई, सिलाई, रँगाई - कपड़ा उद्योग क्षेत्र से सम्बंधित है।
2. (क) तुमने कपड़ों को सिलते हुए देखा होगा। नीचे इस काम से जुड़े कुछ शब्द दिए गए है। आस - पास के बड़ों से या दरजी से इन शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ।
तुरपाई बखिया कच्ची सिलाई चोर सिलाई
उत्तर :
तुरपाई - कपड़े तो ठीक सिले है पर तुरपाई अच्छी नहीं है।
बखिया - कपड़े पर जहाँ निशान है, वहां बखिया मार दीजिए।
कच्ची सिलाई - कच्ची सिलाई करके पहले डिज़ाइन बना लो , फिर दुबारा सिलाई कर लेना।
चोर सिलाई - कपड़े में चोर सिलाई की गई है।
(ख) नीचे लिखे शब्द पाठ से लिए गए है। इन्हे पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं पुल्लिंग।
कालिख भराई चक्की रौशनी सेवा पतीला
उत्तर :
कालिख (स्त्रीलिंग) - पतीलों की पेंदी में खूब कालिख लगी थी।
भराई (स्त्रीलिंग) - तालाब की भराई का काम चल रहा था।
चक्की (स्त्रीलिंग) - वे चक्की में गेहूँ पीसा करते थे।
रोशनी (स्त्रीलिंग) - चन्द्रमा की रोशनी में गाँधी जी पत्र पूरा कर लेते थे।
सेवा (स्त्रीलिंग) - गाँधी जी ने गोखले की खूब सेवा की।
पतीला (पुल्लिंग) - पतीलों को खुद साफ़ करने का काम गांधीजी ने अपने हाथों में ले लिया।