MCQ For नौकर : पाठ 15 हिंदी वसंत कक्षा 6

 गद्यांशों पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

MCQ For Class 6 Hindi Vasant Ch 15 : MCQ For Class 6 Hindi Vasant Ch 15

1. आश्रम में गाँधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हे आमतौर पर नौकर - चाकर करते है। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रूपए कमाते थे , उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में गाँधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में कभी - कभी घंटों मेहनत करते थे। एक बार एक कार्यकर्त्ता ने कहा कि आश्रम में आटा कम पड़ गया है। आटा पिसवाने में हाथ बँटाने के लिए गाँधी फ़ौरन उठकर खड़े हो गए। 

(i) आश्रम में गांधीजी किनके काम भी करते थे ?
  • अन्य लोगों के 
  • नौकर - चाकरों के 
  • परिवार वालों के 
  • आश्रमवासियों के 
उत्तर : नौकर - चाकरों के 

(ii) गांधीजी प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से क्या करते थे ?
  • मशीन से आटा पीसते थे। 
  • चक्की पर दलिया पीसते थे। 
  • चक्की पर आटा पीसते थे। 
  • सब्जियाँ काटते थे। 
उत्तर : चक्की पर आटा पीसते थे। 

(iii) गांधीजी किस प्रकार का आटा पीस लेते थे ?
  • मोटा या महीन आटा 
  • पतला आटा 
  • सफ़ेद आटा 
  • दानेदार आटा 
उत्तर : मोटा या महीन आटा 

(iv) गांधीजी किस काम में घंटों मेहनत करते थे ?
  • चक्की चलाने में 
  • आटा पीसने में 
  • चक्की रोकने में 
  • चक्की को ठीक करने में 
उत्तर : चक्की को ठीक करने में 

(v) एक बार आश्रम में क्या कम पड़ गया ?
  • आटा 
  • सब्जियाँ 
  • कार्यकर्त्ता 
  • दाल 
उत्तर : आटा 

2. कौपीनधारी इस महान व्यक्ति को अनाज बीनते देखकर उनसे मिलने वाले लोग हैरत में पड़ जाते थे। बाहरी लोगों के सामने शारीरिक मेहनत का काम करते गाँधी को शर्म नहीं लगती थी। एक बार उनके पास कॉलेज के कोई छात्र मिलने आए। उनको अंग्रेजी भाषा के अनुसार अपने ज्ञान का बड़ा गर्व था। गाँधी से बातचीत के अंत में वे बोले , "बापू , यदि मैं आपको कोई सेवा कर सकूँ  तो कृपया मुझे अवश्य बताएँ। " उन्हें आशा थी कि बापू उन्हें कुछ लिखने - पढ़ने का काम देंगे। गाँधी ने उनके मन की बात ताड़ ली और बोले , "अगर आपके पास समय हो , तो इस थाली के गेहूँ बीन डालिए।" आगुंतक बड़ी मुश्किल में पड़ गए , लेकिन अब तो कोई चारा नहीं था। एक घंटे तक गेहूँ बीनने के बाद वह थक गए और गाँधी से विदा माँग कर चल दिए। 

(i) कौपीनधारी किसके लिए प्रयुक्त किया गया है ?
  • गांधीजी के लिए 
  • लेखक के लिए 
  • शारीरिक मेहनत करने वालों के लिए 
  • नौकरों के लिए 
उत्तर : गांधीजी के लिए 

(ii) गांधीजी को किस काम में शर्म नहीं लगती थी ?
  • आश्रम के काम करने में 
  • नौकरों के काम करने में 
  • शारीरिक मेहनत करने में 
  • दिन भर काम करने में 
उत्तर : शारीरिक मेहनत करने में 

(iii) कॉलेज के छात्रों को गांधीजी से कैसा काम मिलने की आशा थी ?
  • आश्रम का 
  • लिखने - पढ़ने का 
  • सोचने - समझने का 
  • मेहनत का 
उत्तर : लिखने - पढ़ने का 

(iv) गांधीजी ने छात्रों को क्या काम दिया ?
  • आटा पीसने का 
  • चक्की चलाने का 
  • सब्जियाँ छीलने का 
  • गेहूँ बीनने का 
उत्तर : गेहूं बीनने का 

(v) छात्रों ने कितने समय तक गेहूँ बीना ?
  • थकने तक 
  • एक घंटे तक 
  • दो घंटे तक 
  • कुछ देर तक 
उत्तर : एक घंटे तक 

3. आश्रम का एक नियम यह था कि सब लोग अपने बर्तन खुद साफ़ करें। रसोई के बर्तन बारी - बारी से कुछ लोग दल बाँध कर धोते थे। एक दिन गाँधी ने बड़े - बड़े पतीलों को खुद साफ़ करने का काम अपने ऊपर लिया। इन पतीलों की पेंदी में खूब कालिख लगी थी। राख भरे हाथों से वह एक पतीले को खूब ज़ोर - ज़ोर से रगड़ने में लगे हुए थे कि तभी कस्तूरबा वहाँ आ गई। उन्होंने पतीले को पकड़ लिया और बोलीं, "यह काम आपका नहीं है। इसे करने को और बहुत से लोग है। " गाँधी को लगा कि उनकी बात मान लेने में ही बुद्धिमानी है और वे चुपचाप कस्तूरबा को उन बर्तनों की सफाई सौंप कर चले आए। बरतन एकदम चमकते न हों , तब तक गाँधी को संतोष नहीं होता था। एक बार जेल में उनको जो मददगार दिया गया था उसके काम से असंतुष्ट होकर उन्होंने बताया था कि वे खुद कैसे लोहे के बर्तनों को भी माँज कर चाँदी - सा चमका सकते थे। 

(i) आश्रम के नियमानुसार सब लोगों को क्या करना पड़ता था ?
  • अपने बरतन खुद साफ़ करना। 
  • अपने कपड़े खुद धोना। 
  • अपने लिए खाना बनाना। 
  • अपने लिए सामान लाना। 
उत्तर : अपने बरतन खुद साफ़ करना 

(ii) एक दिन गांधीजी ने कौन - सा काम अपने ऊपर लिया ?
  • बर्तन साफ़ करने का 
  • आटा पीसने का 
  • बड़े - बड़े पतीले साफ करने का 
  • सफाई करने का 
उत्तर : बड़े - बड़े पतीले साफ़ करने का 

(iii) गांधीजी को बड़े - बड़े पतीले धोने से किसने रोका ?
  • गांधीजी के मित्र ने 
  • गांधीजी के माँ ने 
  • गांधीजी के शिष्य ने 
  • कस्तूरबा ने 
उत्तर : कस्तूरबा जी ने 

(iv) गांधीजी को कब तक संतोष न होता था ?
  • जब तक बर्तन एकदम साफ न हों। 
  • जब तक बर्तन एकदम चमकते न हों। 
  • जब तक वे काम न कर लें। 
  • जब तक वे आटा न पीस लें। 
 उत्तर : जब तक बर्तन एकदम चमकते न हों 

(v) गांधीजी बर्तनों को माँज कर कैसा चमका देते थे ?
  • चाँदी - सा 
  • सोने - सा 
  • मोती - सा 
  • पीतल - सा 
उत्तर : चाँदी - सा 

4. शरीर से जब तक बिल्कुल लाचारी न हो तब तक गाँधी को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। हर प्रकार का काम करने की उनमें अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर - युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लाद कर एक - एक दिन में पच्चीस - पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टालस्टॉय बाड़ी में रहते थे , तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पड़ते थे , शहर में खरीददारी करते और शाम होते - होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का ख़ुशी - ख़ुशी अनुकरण करते थे। 

(i) शरीर से जब तक बिल्कुल लाचारी न हो , तब तक गांधीजी क्या करना चाहते थे ?
  • मेहनत के काम 
  • प्रातःकाल का भ्रमण 
  • अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम 
  • आश्रम के काम 
उत्तर : अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम 

(ii) गांधीजी में हर प्रकार के काम करने की ______ थी। रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए। 
  • शक्ति 
  • अद्भुत क्षमता और शक्ति 
  • हिम्मत तथा ताकत 
  • इच्छा तथा चाह 
उत्तर : अद्भुत क्षमता और शक्ति 

(iii) गांधीजी दिन में अकसर कितना पैदल चलते थे ?
  • मीलों 
  • दस मील 
  • पांच - सात मील 
  • बयालीस मील 
उत्तर : बयालीस मील 

(iv) गांधीजी शहर क्या करने जाते थे ?
  • खरीददारी 
  • घूमने - फिरने 
  • मित्रों से मिलने 
  • आश्रम के काम करने 
उत्तर : खरीददारी 

(v) गांधीजी के कार्यों का अनुकरण कौन करता था ?
  • उनके परिवारजन 
  • उनके वंशज 
  • उनके साथी 
  • देशवासी 
उत्तर : उनके साथी। 
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