साथी हाथ बढ़ाना पाठ 7 कक्षा 6 हिंदी वसंत

 काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या तथा अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. साथी हाथ ................. हाथ बढ़ाना। 

शब्दार्थ :

  1. बोझ - भार , वजन। 
  2. परबत - पर्वत , पहाड़। 
  3. सीस - सिर। 
  4. फ़ौलादी - लोहे के समान मज़बूत। 
  5. राहें - रास्ते। 

प्रसंग - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक वसंत भाग - 1 में 'साथी हाथ बढ़ाना' नामक कविता से लिया गया है। इसके रचियता सुप्रसिद्ध गीतकार साहिर लुधियानवी हैं। 

कवि का कहना है कि मेहनत करने वाले लोग के सामने कठिन मुश्किलें भी नहीं टिकती है। 

व्याख्या - कवि लोगों से एक साथ मिलकर काम करने का आह्वान करता है कि हे साथी ! अपने हाथ का सहारा दूसरों को भी देना। कोई अकेला व्यक्ति काम करते हुए थक जाता है तो उसके बोझ को बाँट कर कम कर लेना चाहिए , जिससे वह भी साथ चल सके। 

हे साथी ! तुम लोगों की मदद करना। परिश्रम करने वाले लोगों ने एक साथ जब भी किसी कठिन से कठिन काम करने का निश्चय किया , उनको सागर ने रास्ता दिया और पर्वत भी झुक गया। अर्थात उनके सामने मुश्किलें नहीं टिक सकीं। हमारे सीने और भुजाएँ फौलाद की तरह मजबूत है। हमारी भुजाओं में काम करने की शक्ति है , जिनसे हम कठिन से कठिन काम भी कर लेंगे और मुश्किलों पर विजय प्राप्त कर लेंगे। 

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. कवि और कविता का नाम लिखिए। 

उत्तर :

कवि - साहिर लुधियानवी , कविता - साथी हाथ बढ़ाना। 

प्रश्न 2. कवि लोगों को क्या कहता है ?

उत्तर :

कवि लोगों को कहता है कि यदि कोई व्यक्ति काम करते हुए थक जाता है तो उसके बोझ को बाँटकर कम कर देना चाहिए , जिससे वह भी साथ चल सके। अर्थात अपने हाथ का सहारा दूसरों को भी देना चाहिए। 

प्रश्न 3. हम मुश्किलों पर विजय कैसे प्राप्त करेंगे ?

उत्तर :

हम अपनी भुजाओं के बल  पर काम करके मुश्किलों पर विजय प्राप्त कर लेंगे। 

प्रश्न 4. परिश्रमी लोगों की मदद प्रकृति किस प्रकार करती है ?

उत्तर :

परिश्रमी लोगो के लिए सागर भी रास्ता देता  है , पर्वत भी झुक जाता है। अर्थात प्रकृति भी परिश्रमी लोगों की मदद करती है। 

2. मेहनत अपने .............. हाथ बढ़ाना। 

शब्दार्थ :

  1. लेख - भाग्य। 
  2. गैर - पराए। 
  3. खातिर - के लिए। 
  4. मंज़िल - लक्ष्य। 
  5. सच - सत्य। 
  6. नेक - अच्छा। 

प्रसंग - पूर्ववत। 

इन पंक्तियों में बताया गया है कि मनुष्य को परिश्रम से नहीं डरना चाहिए। परिश्रम से ही सभी कठिनाइयों पर विजय पाई जा सकती है। 

व्याख्या - कवि अपने मेहनतकश साथियों से कहता है कि मेहनत तो हमारी किस्मत की रेखा है , फिर मेहनत करने से क्यों डरें। कल तक हमने मेहनत जमींदार मालिकों के लिए की। आज हमें अपने स्वतंत्र देश के लिए मेहनत करनी है। हे साथियों , हमारा सबका दुःख एक समान है और सुख भी एक जैसा ही है। अपनी मंज़िल तो सच्चाई की मंजिल है और अपना रास्ता भी नेक , अर्थात भला है। हे साथी , तुम एक - दूसरे की मदद करना। 

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. कवि और कविता का नाम लिखिए। 

उत्तर :

कवि - साहिर लुधियानवी , कविता - साथी हाथ बढ़ाना। 

प्रश्न 2. कवि मेहनत को क्या कहता है ?

 उत्तर :

कवि मेहनत को अपनी किस्मत की  रेखा कहता है। कल तक जो मेहनत जमींदार तथा मालिकों के लिए करते थे , आज हमें अपने स्वतंत्र देश के लिए करनी  है। 

प्रश्न 3. हमारी मंजिल क्या है ?

उत्तर :

हमारी मंजिल सच्चाई को अपनाना , नेक रास्ते पर चलना तथा एक दूसरे की मदद करना है। 

प्रश्न 4. लेख , खातिर तथा मंजिल शब्दों का अर्थ  लिखिए। 

उत्तर :

लेख - भाग्य , खातिर - के लिए , मंजिल - लक्ष्य। 

3. एक से एक ............... हाथ बढ़ाना। 

शब्दार्थ :

  1. कतरा - बूँद। 
  2. दरिया - नदी। 
  3. ज़र्रा - रेत का कण। 
  4. सेहरा - रेगिस्तान। 
  5. राई - सरसों का दाना। 
  6. इंसां - आदमी। 
  7. किस्मत - तकदीर। 

प्रसंग - पूर्ववत। 

एकता की ताकत का वर्णन करते हुए कवि का कहना है कि एक साथ मिलकर काम करके मनुष्य अपनी किस्मत को अपने वश में कर सकता है। 

व्याख्या - कवि कहता है कि जिस प्रकार पानी की एक - एक बूँद से नदी बन जाती है , रेत का एक - एक महीन कण मिलकर रेगिस्तान बना देता है , एक - एक महीन छोटा सा राई का दाना मिलकर विशालकाय पहाड़ बन जाता है , उसी प्रकार इंसान मिल - जल कार्य करें तो अपनी किस्मत अपने वश में कर सकते है , अर्थात असम्भव कार्य को भी संभव बना सकते है। हे साथी ! तुम एक - दूसरे को सहारा जरूर देना। 

अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. कवि और कविता का नाम लिखिए। 

उत्तर :

कवि - साहिर लुधियानवी  , कविता - साथी हाथ बढ़ाना। 

प्रश्न 2. एकता में कितनी ताकत है ?

उत्तर :

एकता की ताकत का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि एक साथ मिलकर काम करके मनुष्य अपनी किस्मत को अपने वश में कर सकता है। 

प्रश्न 3. दरिया किस प्रकार बनता है ?

उत्तर :

एक से एक कतरा मिलने पर दरिया बनता है। 

प्रश्न 4. इंसान अपनी किस्मत किस प्रकार वश में कर सकता है ?

उत्तर :

इंसान अपनी किस्मत एकता से रहकर वश में कर सकता है। 

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