गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
शब्दार्थ :
- परखना - जानकारी प्राप्त करना।
- सैर - घूमना।
- आदी - अभ्यस्त।
- स्पर्श - छूना।
- अपार - असीमित।
- अचरज - आश्चर्य।
- रोचक - अच्छा लगने वाला।
- खुशनसीब - किस्मतवाला।
- समां - माहौल।
- मुग्ध - मोहित।
- कदर करना - इज़्ज़त करना।
- मचल उठना - लालायित होना।
- संवेदना - सुख - दुःख महसूस करने का गुण।
- आस - आशा।
- दृष्टि - निगाह , देखने की क्षमता।
- नियामत - ईश्वर का दिया उपहार।
1. क्या यह ............. भर जाता है।
प्रश्न 1. पाठ तथा लेखिका का नाम लिखिए।
उत्तर :
पाठ - जो देखकर भी नहीं देखते , लेखिका - हेलेन केलर।
प्रश्न 2. लेखिका दृष्टिहीन होते हुए भी चीजों को कैसे पहचानती है ?
उत्तर :
लेखिका दृष्टिहीन होते हुए भी चीजों को छूकर पहचानती है।
प्रश्न 3. लेखिका को आनंद कब मिलता है ?
उत्तर :
लेखिका को फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने में अपार आनंद मिलता है।
प्रश्न 4. लेखिका को महँगे कालीन से भी अधिक क्या प्रिय है ?
उत्तर :
लेखिका को चीड़ की फैली पत्तियों या घास का मैदान किसी महँगे कालीन से भी अधिक प्रिय है।
2. कभी - कभी ............. जा सकता है।
प्रश्न 1. पाठ तथा लेखिका का नाम लिखिए।
उत्तर :
पाठ - जो देखकर भी नहीं देखते , लेखिका - हेलेन केलर।
प्रश्न 2. लेखिका का मन क्यों मचल उठता है ?
उत्तर :
लेखिका का मन उन सब चीजों को देखने के लिए मचल उठता है जिन्हे उसे छूने भर से ही इतनी ख़ुशी मिलती है।
प्रश्न 3. आँख होते हुए भी मनुष्य कम क्यों देखते है ?
उत्तर :
जिन लोगों के पास आँखें है वे सचमुच बहुत कम देखते है क्योंकि इस दुनिया के अलग - अलग सुन्दर रंग उनकी संवेदना को नहीं छू पाते है।
प्रश्न 4. ईश्वर द्वारा दी गई दृष्टि से मनुष्य क्या प्राप्त कर सकता है ?
उत्तर :
ईश्वर द्वारा दी गई दृष्टि से मनुष्य जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा - भरा कर सकता है।