गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्नोत्तर
कठिन शब्दार्थ :
- तादाद - संख्या।
- मूल - जड़ , उद्भव।
- ज़रिए - माध्यम से।
- चहुँ ओर - चारों ओर।
- द्योतक - प्रतीक , संकेत।
- सिलसिला - क्रम।
- कौम - जाति।
- लिपियाँ - ध्वनियों अथवा भाषा को लिखने का ढंग।
- अनादिकाल - युग के शुरुआत का समय।
- प्रागैतिहासिक काल - इतिहास में वर्णित काल के पूर्व का समय।
1. पुराने ज़माने के लोग ................ औज़ार बनाए।
प्रश्न 1. पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर :
पाठ - अक्षरों का महत्त्व , लेखक - गुणाकर मुले।
प्रश्न 2. पुराने ज़माने के लोग अक्षरों की खोज के बारे में क्या सोचते थे ? आज के लोग क्या जानते है ?
उत्तर :
पुराने ज़माने के लोग सोचते थे कि अक्षरों की खोज ईश्वर ने की है। लेकिन आज के लोग जानते है कि अक्षरों की खोज ईश्वर ने नहीं बल्कि मनुष्य ने की है।
प्रश्न 3. हमारी धरती कितने साल पुरानी है ?
उत्तर :
हमारी धरती पाँच अरब साल पुरानी है।
प्रश्न 4. दस हज़ार साल पहले आदमी कैसे औज़ारों का प्रयोग करता था ?
उत्तर :
दस हज़ार साल पहले आदमी पत्थरों के औज़ारों का प्रयोग करता था। फिर उसने ताँबे और काँसे के औज़ार बनाए।
2. अक्षरों की खोज ............. विकास हुआ।
प्रश्न 1. पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर :
पाठ - अक्षरों का महत्त्व , लेखक - गुणाकर मुले।
प्रश्न 2. मानव सभ्य कब से कहलाने लगा ?
उत्तर :
अक्षरों की खोज के साथ मानव अपने विचार और हिसाब - किताब लिखकर रखने लगा। तब से मानव सभ्य कहलाने लगा।
प्रश्न 3. यदि मानव अक्षरों की खोज न करता तो हम क्या न जान पाते ?
उत्तर :
यदि मानव अक्षरों की खोज न करता तो आज हम इतिहास को न जान पाते कि पिछले कुछ हज़ार सालों से मनुष्य किस प्रकार रहता था ? क्या - क्या सोचता था ? कौन - कौन से राजा हुए इत्यादि ?
प्रश्न 4. मनुष्य द्वारा विचारों को लिखकर रखने से क्या लाभ हुआ ?
उत्तर :
मनुष्य द्वारा विचारों को लिखकर रखने से एक पीढ़ी के ज्ञान का इस्तेमाल दूसरी पीढ़ी करने लगी।