चाँद से थोड़ी - सी गप्पें कक्षा 6 हिंदी वसंत

 काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या तथा अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. गोल है ...................... चारों सिम्त। 

शब्दार्थ :

  1. कुल - सारा , पूरा। 
  2. सिम्त - दिशाएँ। 

प्रसंग - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक वसंत भाग - 1 की 'चाँद से थोड़ी - सी गप्पें' नामक कविता से लिया गया है। इसके रचियता श्री शमशेर बहादुर सिंह है। 

कवि ने इन पंक्तियों में बाल सुलभ कल्पनाओं में चाँद के तारों जड़ित वस्त्र का वर्णन किया है। 

व्याख्या - एक दस - ग्यारह साल की लड़की चाँद को देखकर कहती है कि चाँद , आप तो खूब गोल है , पर आप जरा सा तिरछे दिखाई पड़ते है। आपने सारे आकाश को वस्त्र बनाकर पहन रखा है। आसमान में चमकते तारे आपके कपडे पर जड़े सितारे हैं। आपका सारा शरीर वस्त्र से ढका है। केवल आपका गोरा , चिट्टा , सुन्दर गोल मुँह ही दिखाई देता है। आपकी पोशाक सभी दिशाओं में फैली हुई है। 

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. कवि और कविता का नाम लिखिए। 

उत्तर :

कवि - शमशेर बहादुर सिंह , कविता - चाँद से थोड़ी - सी गप्पें। 

प्रश्न 2. प्रस्तुत पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर :

प्रस्तुत  पंक्तियों में कवि ने बाल सुलभ कल्पनाओं में चाँद के तारों जड़ित कपड़ों का वर्णन किया है। चाँद की पोशाक पर सितारे रूपी तारे जड़े हुए है। चाँद का सारा शरीर वस्त्रों से ढका हुआ है। 

प्रश्न 3. चाँद की पोशाक कैसी है ?

उत्तर :

पोशाक के रूप में चाँद ने सारे आकाश को वस्त्र बनाकर पहन रखा है। आसमान में चमकते तारे चन्द्रमा के कपड़ों पर जड़े सितारे है। चाँद की पोशाक सभी दिशाओं में फैली हुई है। 

प्रश्न 4. चाँद कैसा दिखाई देता है ?

उत्तर :

चाँद गोरा चिट्टा , सुन्दर गोल मुँह वाला दिखाई देता है। 

प्रश्न 5. 'कुल' तथा 'सिम्त' शब्दों के अर्थ लिखिए। 

उत्तर :

कुल - सारा , पूरा , सिम्त - दिशाएँ। 

2. आप कुछ ............... आता है। 

शब्दार्थ :

  1. गोकि - यद्यपि , हालाँकि। 
  2. बुद्धू - बेवकूफ , कम बुद्धि का। 
  3. निरा - पूरा। 
  4. दम - साँस। 
  5. मरज़ - मर्ज़ , बीमारी। 

प्रसंग - इन पंक्तियों में लड़की चाँद को देखकर कहती है कि आपका यह घटना - बढ़ना कोई बीमारी है। 

व्याख्या - लड़की चाँद को देखकर कहती है कि चाँद , आप थोड़ा - सा तिरछे दिखाई पड़ते हो। यद्यपि आप खूब है। वाह ! आपने तो हमें पूरा बेवकूफ या कम अक्ल समझ रखा है , जैसे कि हमें कुछ पता ही नहीं। हम भी आपको खूब समझते है कि आपको बीमारी है। आप घटते हो तो घटकर बिलकुल ही पतले हो जाते हो और जब बढ़ते हो तो बढ़कर पूरी तरह गोल - मटोल हो जाते हो। आपकी यह बीमारी कभी भी ठीक होने को नहीं आती है। 

अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. कवि और कविता का नाम बताइए। 

उत्तर :

कवि - शमशेर बहादुर सिंह , कविता - चाँद से थोड़ी - सी गप्पें। 

प्रश्न 2. चन्द्रमा को किस बीमारी से ग्रसित कहा गया है ?

उत्तर :

चन्द्रमा को घटने - बढ़ने की बीमारी से ग्रसित कहा गया है। 

प्रश्न 3. प्रस्तुत पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर :

प्रस्तुत पंक्तियों में लड़की चन्द्रमा को देखकर कहती है कि आपका यह घटना - बढ़ना कोई बीमारी है। आपने हमें बेवकूफ समझ रखा है , परन्तु आप भी बेवकूफ है , क्योंकि आप जब घटते हो तो घटकर बिलकुल पतले हो जाते हो और बढ़ते हो तो बढ़कर पूरी तरह गोल - मटोल हो जाते हो। आपकी यह बीमारी कभी भी ठीक होने को नहीं आती है। 

प्रश्न 4. 'गोकि' तथा 'मरज़' शब्दों के अर्थ लिखिए। 

उत्तर :

गोकि - यद्यपि , मरज़ - बीमारी। 

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