MCQ For झाँसी की रानी : पाठ 10 हिंदी वसंत कक्षा 6

 काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

MCQ : CBSE Class 6 Hindi Vasant Ch 10 - Jhansi Ki Rani

1. सिंहासन हिल उठे , राजवंशों ने भृकुटी तानी थी , 
    बूढ़े भारत में भी आई फिर नई जवानी थी ,
    गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी ,
    दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी ,
    
चमक उठी सन सत्तावन में 
वह तलवार पुरानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी।

कानपूर के नाना की मुँहबोली बहन 'छबीली' थी ,
लक्ष्मीबाई नाम , पिता की वह संतान अकेली थी ,
नाना के संग पढ़ती थी वह , नाना के संग खेली थी ,
बरछी , ढाल , कृपाण , कटारी उसकी यही सहेली थी ,

वीर शिवाजी की गाथाएँ 
उसको याद ज़बानी थीं। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। 

(i) किसमें नई जवानी आ गई थी ?
  • बूढ़े भारत में 
  • राजवंशों में 
  • लोगों में 
  • कवि में 
उत्तर : बूढ़े भारत में 

(ii) सबने किसकी कीमत पहचान ली थी ?
  • आजादी की 
  • एकता की 
  • तलवार की 
  • गुलामी की 
उत्तर : आजादी की 

(iii) बुंदेले हरबोले क्या सुनाते थे ?
  • नाटक 
  • किस्सा 
  • कविता 
  • कहानी 
उत्तर : कहानी 

(iv) लक्ष्मीबाई किसके संग खेली थी ?
  • पिता के 
  • भाई के 
  • नाना के 
  • मित्र के 
उत्तर : नाना के 

(v) लक्ष्मीबाई को किसकी गाथाएँ याद थी ?
  • महाराणा की 
  • शिवाजी की 
  • शिवजी की 
  • अंग्रेजों की 
उत्तर : शिवाजी की 

2. लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार ,
    देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार ,
    नकली युद्ध , व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार ,
    सैन्य घेरना , दुर्ग तोड़ना , ये थे उसके प्रिय खिलवार,

महाराष्ट्र - कुल - देवी उसकी 
भी आराध्य भवानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। 

हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में ,
ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में ,
राजमहल में बजी बधाई खुशियाँ छाई झाँसी में ,
सुभट बुंदेलों की विरुदावलि - सी वह आई झाँसी में ,

चित्रा ने अर्जुन को पाया ,
शिव से मिली भवानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। । 

(i) लक्ष्मीबाई किसकी अवतार थी ?
  • वीरता की 
  • शिवाजी की 
  • शिवजी की 
  • अंग्रेजों की 
उत्तर : वीरता की 

(ii) लक्ष्मीबाई की आराध्य देवी कौन - सी थी ?
  • दुर्गा 
  • काली 
  • पार्वती 
  • भवानी 
उत्तर : भवानी 

(iii) राजमहल में खुशियाँ क्यों छा गई ?
  • युद्ध जीतने से 
  • पुत्र होने से 
  • लक्ष्मीबाई के आने से 
  • राज्य मिलने से 
उत्तर : लक्ष्मीबाई के आने से 

(iv) शिव व भवानी का उदाहरण किस सन्दर्भ में दिया गया है ?
  • लक्ष्मीबाई व गंगाधर की जोड़ी बनने के सन्दर्भ में 
  • महल में खुशियों के सन्दर्भ में 
  • विवाह  होने के सन्दर्भ में 
  • विजय के सन्दर्भ में 
उत्तर : लक्ष्मीबाई व गंगाधर की जोड़ी बनने के सन्दर्भ में 

(v) काव्यांश की भाषा किस प्रकार की है ?
  • सरल तथा सहज 
  • गंभीर 
  • व्यंग्यपूर्ण 
  • कठिन 
उत्तर : सरल तथा सहज। 

3. उदित हुआ सौभाग्य , मुदित महलों में उजयाली छाई ,
    किन्तु कालगति चुपके - चुपके काली घटा घेर लाई ,
    तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई ,
    रानी विधवा हुई हाय ! विधि को भी नहीं दया आई ,

निःसंतान मरे राजा जी 
रानी शोक - समानी थी ,
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। । 

बुझा दीप झाँसी का तब डलहौजी मन में हरषाया ,
राज्य हड़प करने का उसने यह अच्छा अवसर पाया ,
फ़ौरन फ़ौजें भेज दुर्ग पर अपना झंडा फहराया ,
लावारिस का वारिस बनकर ब्रिटिश राज्य झाँसी आया ,

अश्रुपूर्ण रानी ने देखा 
झाँसी हुई बिरानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। 

(i) कालगति ने क्या किया ?
  • काली घटा घेर लाई। 
  • कालिमा फैला दी। 
  • अँधेरा कर दिया। 
  • रोशनी फैला दी। 
उत्तर : काली घटा घेर लाई। 

(ii) राजा के मरने पर रानी की क्या स्थिति थी ?
  • रो रही थी। 
  • पागल हो गई थी। 
  • शोक में डूबी थी। 
  • गुमसुम हो गई थी। 
उत्तर : शोक में डूबी थी। 

(iii) डलहौज़ी को क्या करने का अवसर मिल गया ?
  • झाँसी आने का 
  • झाँसी को हड़पने का 
  • झंडा फहराने का 
  • फ़ौज भेजने का 
उत्तर : झाँसी को  हड़पने का 

(iv) झाँसी की क्या स्थिति हो गई ?
  • बेगानी हो गई। 
  • अजीब हो गई। 
  • लावारिस हो गई। 
  • बिरानी हो गई। 
उत्तर : बिरानी हो गई। 

(v) 'अश्रु' का पर्याय बताइए। 
  • पानी 
  • आँसू 
  • नेत्र 
  • बादल 
उत्तर : आँसू। 

4. अनुनय विनय नहीं सुनता है , विकट फिरंगी की माया ,
    व्यापारी बन दया चाहता था जब यह भारत आया ,
    डलहौज़ी ने पैर पसारे अब तो पलट गई काया ,
    राजाओं नव्वाबों को भी उसने पैरों ठुकराया ,

रानी दासी बनी , बनी यह
दासी अब महारानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। । 

छिनी राजधानी देहली की , लिया लखनऊ बातों - बात ,
कैद पेशवा था बिठूर में , हुआ नागपुर का भी घात ,
उदैपुर , तंजोर , सतारा , करनाटक की कौन बिसात ,
जब कि सिंध , पंजाब , ब्रह्मा पर अभी हुआ था वज्र - निपात ,

बंगाले , मद्रास आदि की 
भी तो यही कहानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। । 

(i) व्यापारी बन दया कौन चाहता था ?
  • ब्रिटिश शासन 
  • डलहौज़ी 
  • राजा 
  • फ़िरंगी 
उत्तर : ब्रिटिश शासन 

(ii) रानी क्या बन गई ?
  • महारानी 
  • नौकरानी 
  • पटरानी 
  • दासी 
उत्तर : दासी 

(iii) पेशवा को कहाँ कैद किया गया ?
  • बिठूर में 
  • तंजोर में 
  • नागपुर में 
  • सतारा में 
उत्तर : बिठूर में 

(iv) झाँसी वाली रानी किस प्रकार लड़ी थी ?
  • थोड़ा - बहुत 
  • खूब 
  • कम 
  • लड़ी नहीं 
उत्तर : खूब 

(v) 'निपात' का समानार्थी शब्द बताइए। 
  • कष्ट 
  • औज़ार 
  • आक्रमण 
  • ईश्वर 
उत्तर : आक्रमण 

5. रानी रोईं रनिवासों में , बेगम गम से थीं बेज़ार ,
    उनके गहने - कपड़े बिकते थे कलकत्ते के बाज़ार ,
    सरे - आम नीलाम छापते थे अंग्रेजों के अख़बार ,
    'नागपुर के जेवर ले लो' लखनऊ के लौ नौलख हार ,

यों परदे की इज़्ज़त पर -
देशी के हाथ बिकानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। । 

कुटियों में थी विषम बेदना , महलों में आहत अपमान ,
वीर सैनिकों के मन में था , अपने पुरखों का अभिमान ,
नाना धुंधूपंत पेशवा जुटा रहा था सब सामान ,
बहिन छबीली ने रण - चंडी का कर दिया प्रकट आह्वान ,

हुआ यज्ञ प्रारम्भ उन्हें तो 
सोई ज्योति जगानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। । 

(i) कलकत्ते के बाज़ार में क्या बिकता था ?
  • ज़ेवर 
  • गुलाम 
  • रानियों के गहने - कपड़े 
  • कीमती कपडे 
उत्तर : रानियों के गहने - कपड़े 

(ii) परदे की इज्ज़त कौन थी ?
  • दासियाँ 
  • परदा करने वाली 
  • गुलाम 
  • रानियाँ 
उत्तर : रानियाँ 

(iii) वीर सैनिकों के मन में क्या था ?
  • अपने पूर्वजों के नाम 
  • अपने पूर्वजों का गर्व 
  • अपने पूर्वजों की याद 
  • अपने पूर्वजों के कार्य 
उत्तर : अपने पूर्वजों का गर्व 

(iv) काव्यांश में किसे जगाने की बात कही गई है ?
  • सोई ज्योति 
  • सोई लड़की 
  • सोए राजा 
  • सोए सैनिक 
उत्तर : सोई ज्योति 

(v) काव्यांश की भाषा ..... तथा सहज है। -रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए। 
  • सरल 
  • कठिन 
  • प्रवाह 
  • प्रांजल 
उत्तर : सरल। 

6. महलों ने दी आग , झोपड़ी ने ज्वाला सुलगाई थी ,
    यह स्वतंत्रता की चिनगारी अन्तरतम से आई थी ,
    झाँसी चेती , दिल्ली चेती , लखनऊ लपटें छाई थीं ,
    मेरठ , कानपूर , पटना ने भारी धूम मचाई थी ,

जवलपुर , कोल्हापुर में भी 
कुछ हलचल उकसानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। । 

इस स्वतंत्रता - महायज्ञ में कई वीरवर आए काम ,
नाना धुंधूपंत , ताँतिया, चतुर अज़ीमुल्ला सरनाम ,
अहमद शाह मौलवी , ठाकुर कुँवर सिंह सैनिक अभिराम ,
भारत के इतिहास - गगन में अमर रहेंगे जिनके नाम ,

लेकिन आज जुर्म कहलाती ,
उनकी जो कुर्बानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। 

(i) स्वतंत्रता के लिए चिंगारी कहाँ से आई थी ?
  • विदेश से 
  • हृदय से 
  • गाँवों से 
  • झोपड़ी से 
उत्तर : हृदय से 

(ii) जबलपुर तथा कोल्हापुर में क्या करना था ?
  • लड़ाई करवानी थी 
  • भीड़ इकट्ठी करनी थी। 
  • हलचल लानी थी। 
  • झंडा फहराना था। 
उत्तर : हलचल लानी थी। 

(iii) कवि ने किसे महायज्ञ कहा है ?
  • स्वतंत्रता की प्राप्ति 
  • वीरों की आहुति 
  • लोगों को इकठ्ठा करना 
  • स्वतंत्रता के लिए प्रयास 
उत्तर : स्वतंत्रता के लिए प्रयास 

(iv) वीरों की कुरबानी क्या कहलाती थी ?
  • जुर्म 
  • धोखा 
  • फरेब 
  • कायरता 
उत्तर : जुर्म 

(v) 'जुर्म' शब्द का अर्थ बताइए। 
  • खेल 
  • सजा 
  • अपराध 
  • देश 
उत्तर : अपराध। 

7. इनकी गाथा छोड़ चले हम झाँसी के मैदानों में ,
    जहाँ खड़ी है लक्ष्मीबाई मर्द बनी मर्दानों में ,
    लेफ्टिनेंट वॉकर आ पहुँचा , आगे बढ़ा जवानों में ,
    रानी ने तलवार खींच ली , हुआ द्वन्द आसमानों में ,

ज़ख़्मी होकर वॉकर भागा ,
उसे अजब हैरानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी 

रानी बढ़ी कालपी आई , कर सौ मील निरंतर पार ,
घोड़ा थककर गिरा भूमि पर , गया स्वर्ग तत्काल सिधार ,
यमुना - तट पर अंग्रेजों ने फिर खाई रानी से हार ,
विजयी रानी आगे चल दी , किया ग्वालियर पर अधिकार ,

अंग्रेजों के मित्र सिंधिया 
ने छोड़ी राजधानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। 

(i) झाँसी के मैदानों में कौन खड़ा है ?
  • वॉकर 
  • जवान 
  • लक्ष्मीबाई 
  • डलहौजी 
उत्तर : लक्ष्मीबाई 

(ii) वॉकर को किस बात की हैरानी थी ?
  • युद्ध में हार की 
  • लक्ष्मीबाई की वीरता की 
  • अपने जख्मी होने की 
  • सेना को देखकर 
उत्तर : लक्ष्मीबाई की वीरता की 

(iii) यमुना - तट पर क्या हुआ ?
  • रानी की हार 
  • कई अंग्रेज घायल 
  • अंग्रेजों की विजय 
  • अंग्रेजों की हार 
उत्तर : अंग्रेजों की हार 

(iv) सिंधिया किसका मित्र था ?
  • अंग्रेजों का 
  • लक्ष्मीबाई का 
  • वीरों का 
  • राजाओं का 
उत्तर : अंग्रेजों का 

(v) 'स्वर्ग' का विलोम शब्द बताइए। 
  • सहारा 
  • देवलोक 
  • दिशा 
  • नरक 
उत्तर : नरक। 

8. विजय मिली , पर अंग्रेजों की फिर सेना घिर आई थी ,
    अबके जनरल स्मिथ सन्मुख था , उसने मुँह की खाई थी ,
    काना और मंदरा सखियाँ रानी के संग आई थी ,
    युद्ध क्षेत्र में उन दोनों ने भारी मार मचाई थी ,

पर , पीछे ह्यु रोज़ आ गया ,
हाय ! घिरी अब रानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। 

तो भी रानी मार - काटकर चलती बनी सैन्य के पार ,
किन्तु सामने नाला आया , था यह संकट विषम अपार ,
घोड़ा अड़ा , नया घोड़ा था , इतने में आ गए सवार ,
रानी एक , शत्रु बहुतेरे , होने लगे वार पर वार ,

घायल होकर गिरी सिंहनी 
उसे वीर - गति पानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। 

(i) रानी के संग कौन था ?
  • उसके सिपाही 
  • उसके मित्र 
  • उसकी सखियाँ 
  • उसके परिवारजन 
उत्तर : उसकी सखियाँ 

(ii) ह्यु रोज़ के आने पर क्या हो गया ?
  • रानी डर गई। 
  • रानी घिर गई। 
  • रानी रुक गई। 
  • रानी भाग गई। 
उत्तर : रानी घिर गई। 

(iii) रानी के सामने कौन - सा विषम  संकट आ गया ?
  • रास्ते में नाला आ गया। 
  • घोड़ा गिर गया। 
  • रास्ते में पेड़ गिर गया। 
  • घोड़ा भागने लगा। 
उत्तर : रास्ते में नाला आ गया 

(iv) रानी लक्ष्मीबाई को क्या पाना था ?
  • विजय 
  • वीर - गति 
  • महल 
  • लक्ष्य 
उत्तर : वीर - गति 

(v) 'सिंहनी' विशेषण का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?
  • कवयित्री के
  • रानी लक्ष्मीबाई के 
  • गाँव की औरतों के 
  • महिलाओं के 
उत्तर : रानी लक्ष्मीबाई के। 

9. रानी गई सिधार , चिता , अब उसकी दिव्य सवारी थी ,
    मिला तेज से तेज , तेज की वह सच्ची अधिकारी थी ,
    अभी उम्र कुल तेईस की थी , मनुज नहीं अवतारी थी ,
    हमको जीवित करने आई बन स्वतंत्रता नारी थी ,

दिखा गई पथ , सिखा गई 
हमको जो सीख सिखानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। । 

जाओ रानी हम याद रखेंगे हम कृतज्ञ भारत वासी ,
यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनाशी ,
होवे चुप इतिहास , लगे सच्चाई को चाहे फाँसी ,
हो मदमाती विजय , मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी ,

तेरा स्मारक तू ही होगी ,
तू खुद अमिट निशानी थी। 
बुंदेले हरबोलों के मुँह 
हमने सुनी कहानी थी। 
खूब लड़ी मर्दानी वह तो 
झाँसी वाली रानी थी। 

(i ) रानी की दिव्य सवारी क्या थी ?
  • पालकी 
  • रथ 
  • चिता 
  • घोड़ा 
उत्तर : चिता 

(ii) रानी को मनुष्य न मानकर क्या माना जाता है ?
  • देवी 
  • अवतारी 
  • वीरांगना 
  • संहारक 
उत्तर : अवतारी 

(iii) रानी ने हमें क्या दिखाया ?
  • पथ 
  • युद्ध - कला 
  • वीरता 
  • बलिदान 
उत्तर : पथ 

(iv) भारतवासी किसके प्रति कृतज्ञ रहेंगे ?
  • झाँसी के 
  • झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के 
  • वीरों के 
  • शहीदों के 
उत्तर : झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के 

(v) झाँसी की रानी को किस प्रकार की निशानी कहा गया है ?
  • अचूक निशानी 
  •  पक्की निशानी 
  • अमिट निशानी 
  • हृदय की निशानी 
उत्तर : अमिट निशानी। 
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