काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
1. गोल है खूब मगर 
    आप तिरछे नज़र आते है ज़रा। 
    आप पहने हुए है कुल आकाश 
    तारों - जड़ा ;
    सिर्फ मुँह खोले हुए है अपना 
     गोरा - चिट्टा 
     गोल मटोल ,
     अपने पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त। 
(i) गोल किसे कहा गया है ?
- मुँह को
 - चाँद को
 - आसमान को
 - तारों को
 
उत्तर : चाँद को 
(ii) आकाश पर क्या जड़ा है ?
- तारे
 - चाँद
 - बादल
 - मोती
 
उत्तर : तारे 
(iii) गोरा - चिट्टा मुँह किसका है ?
- आकाश का
 - तारों का
 - चाँद का
 - दिशाओं का
 
उत्तर : चाँद का 
(iv) 'गोल - मटोल' किस प्रकार का शब्द युग्म है ?
- विलोम अर्थ वाला शब्द युग्म
 - सजातीय शब्द युग्म
 - पुनरुक्त शब्द - युग्म
 - समान ध्वनि वाला शब्द - युग्म
 
उत्तर : समान ध्वनि वाला शब्द - युग्म 
(v) यहाँ किसे पोशाक कहा गया है ?
- आकाश को
 - चाँद को
 - कपड़ों को
 - तारों को
 
उत्तर : आकाश को। 
2. आप कुछ तिरछे नज़र आते है जाने कैसे 
     - खूब हैं गोकि !
     वाह जी , वाह !
     हमको बुद्धू ही निरा समझा है !
     हम समझते ही नहीं जैसे कि 
     आपको बीमारी है :
     आप घटते है तो घटते ही चले जाते है ,
     और बढ़ते है तो बस यानी कि 
     बढ़ते ही चले जाते है -
      दम नहीं लेते है जब तक बिल्कुल ही 
      गोल न हो जाएँ ,
      बिल्कुल गोल। 
      यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं होने में
     आता है। 
(i) काव्यांश के कवि का नाम बताइए। 
- शमशेर सिंह
 - शमशेर
 - शमशेर बहादुर सिंह
 - वीर बहादुर सिंह
 
(ii) चाँद किस प्रकार का नज़र आ रहा है ?
- तिरछा
 - चौकोर
 - टेढ़ा
 - पतला
 
(iii) चाँद के घटने - बढ़ने को क्या कहा है ?
- बनावटीपन
 - बीमारी
 - ढकोसला
 - खेल
 
(iv) चाँद कब तक दम नहीं लेता है ?
- तिरछा न होने तक
 - गोल न होने तक
 - बिलकुल न घटने तक
 - बिलकुल गोल न होने तक
 
(v) चाँद के मरज़ की क्या स्थिति है ?
- कुछ ठीक है।
 - ठीक ही नहीं होता है।
 - ठीक होने वाला है।
 - बढ़ता जा रहा है।