NCERT Solution : अध्याय 3 - अपवाह , भूगोल
अभ्यास
1. दिए गए चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए।
(i) वूलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है ?
उत्तर :
(घ) जम्मू - कश्मीर
(ii) नर्मदा नदी का उद्गम कहाँ से है ?
उत्तर :
(ख) अमरकंटक
(iii) निम्नलिखित में से कौन - सी लवणीय जलवाली झील है ?
उत्तर :
(क) सांभर
(iv) निम्नलिखित में से कौन - सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है ?
उत्तर :
(ख) गोदावरी
(v) निम्नलिखित नदियों में से कौन - सी नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है ?
उत्तर :
(घ) तापी
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए -
(i) जल विभाजक का क्या कार्य है ? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
जल विभाजक वह भूभाग है जो दो नदियों के अपवाह को परस्पर अलग करता है अथवा बांटता है। विंध्याचल पर्वत भारत का सबसे बड़ा जल विभाजक क्षेत्र है। अंबाला नगर के आसपास का क्षेत्र सिंधु नदी तंत्र गंगा नदी तंत्र के बीच जल विभाजक का काम करता है। पश्चिमी घाट की पहाड़ी और हिमालय भी एक बड़ा जल विभाजक क्षेत्र है।
(ii) भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन - सी है ?
उत्तर :
भारत के सबसे विशाल नदी द्रोणी गंगा नदी की है।
(iii) सिंधु एवं गंगा नदियाँ कहाँ से निकलती है ?
उत्तर :
सिंधु नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के पश्चिमी किनारे से निकलती है जबकि गंगा नदी हिमालय में गंगोत्री से निकलती है।
(iv) गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए ? ये कहाँ पर एक - दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है ?
उत्तर :
गंगा नदी की दो प्रमुख धाराएं हैं - पहली भागीरथी और दूसरा अलकनंदा। यह दोनों नदियां उत्तराखण्ड के देवप्रयाग में एक दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है।
(v) लम्बी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) क्यों है ?
उत्तर :
लंबी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) निम्नलिखित प्रमुख कारणों से है :
- तिब्बत की जलवायु शीत एवं शुष्क है। इस कारण ब्रह्मपुत्र नदी में जल की मात्रा कम होती है, फलस्वरूप अपरदन भी कम होता है।
- यह क्षेत्र अधिक कठोर चट्टानों से बना है, इसलिए अपरदन की क्रिया का प्रभाव इन पर कम पड़ता है। परिणाम स्वरूप अपरदन कम होता है जिस कारण इस नदी में गाद अर्थात सिल्ट भी कम होता है।
- ब्रह्मपुत्र नदी का अपवाह क्षेत्र भी संकीर्ण है इस कारण इसकी सहायक नदियां अपेक्षाकृत छोटी एवं कम है। परिणाम स्वरूप नदी में जल की मात्रा कम होती है, जिससे गाद अर्थात सिल्ट की मात्रा कम होता है।
उत्तर :
प्रायद्वीपीय भारत में बहने वाली नर्मदा एवं तापी नदी गर्त अर्थात भ्रंश से होकर बहती है। मुहानों पर नदियों का ढाल अपेक्षाकृत अधिक होता है। जिस कारण ये नदियां गार्ज और ज्वारनदमुख का निर्माण करते हैं।
(vii) नदियों तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्त्व को बताएं।
उत्तर :
नदियों तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्त्व निम्नलिखित है :
- नदी एवं झीलों का जल प्राकृतिक संसाधन का उदाहरण है। जो मानव के अनेक क्रियाकलापों के लिए अनिवार्य है। यही कारण है कि मानव की सभ्यताएं नदियों के किनारों पर ही बसी हुई थी। नदियों पर बांध बनाकर कई प्रकार से लाभ लेते हैं।
- नदियों से नहर निकालकर सिंचाई की जाती है जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ती है।
- नदियों का जल पेयजल के उपयोग में लाया जाता है।
- ऊंचाई से जल को गिराकर टरबाइन चलाई जाती है जैसे जल विद्युत उत्पन्न किया जाता है।
- नदियां एवं झीलों में संरक्षित जल मनोरंजन का प्रमुख साधन है। यह पर्यटकों को नौवहन जैसा मनोरंजन साधन उपलब्ध करवाती है।
- नदी एवं झील से उद्योग के लिए जल उपलब्ध होते है।
3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) नीचे भारत की कुछ झीलों के नाम दिए गए है। इन्हे प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वर्गों में बांटिए।
उत्तर :
प्राकृतिक झील : वूलर , डल , नैनीताल , भीमताल , लोकताल , बारापानी , चिल्का , सांभर , पुलिकट
मानव निर्मित झील : गोबिंद सागर , राणा प्रताप सागर , निज़ाम सागर , नागार्जुन सागर , हीराकुंड।
(2) हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य अंतरों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
हिमालय नदियां | प्रायद्वीपीय नदियाँ |
---|---|
इन नदियों की उत्पत्ति हिमालय से होती है। | इन नदियों की उत्पत्ति पश्चिमी घाट से होती है। |
ये नदियाँ बारहमासी होती है। | ये नदियां मौसमी होती है। |
ये नदियां वर्षा के साथ - साथ ऊँचे पर्वतों से पिघलते हुए बर्फ से पानी प्राप्त करती है। | ये नदियां पानी के लिए सिर्फ वर्षा पर निर्भर होती है। सूखे मौसम में बड़ी नदियों का जल भी घटकर छोटी - छोटी धाराओं में बहने लगती है। |
(3) प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों की तुलना कीजिए।
उत्तर :
पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ | पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ |
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महानदी , गोदावरी , कृष्णा , कावेरी पूर्व की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ है। | नर्मदा और तापी पश्चिम की ओर बहने वाली दो प्रमुख नदियाँ है। |
ये नदियाँ बंगाल की खाड़ी की तरफ बहती है। | ये नदियां अरब सागर की तरफ बहती है। |
ये नदियां ज्यादा मात्रा में गाद का संवहन करती है इसलिए डेल्टा का निर्माण करती है। | ये नदियाँ कम मात्रा में गाद का संवहन करती है इसलिए ज्वारनदमुख का निर्माण करती है। |
ज्यादा सहायक नदियाँ | कम सहायक नदियाँ |
(4) किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नदियाँ महत्वपूर्ण क्यों है ?
उत्तर :
किसी देश की अर्थव्यवस्था की लिए नदियाँ महत्त्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि :
- इनका जल मूल प्राकृतिक संसाधन है तथा अनेक मानवीय क्रियाकलापों के लिए अनिवार्य है।
- नदियों के जल का प्रयोग घरेलू , औद्योगिक तथा कृषि के लिए किया जाता है।
- इनका प्रयोग जल विद्युत् के उत्पादन के लिए किया जाता है।
- ये मछली पालन जैसे उद्योगों में भी सहायक है।