Extra Question Answer for Class 6
प्रश्न 1. सवेरा होते ही आँखें मलते केशव व श्यामा कार्निस के सामने क्यों पहुँच जाते थे ?
उत्तर :
सवेरा होते ही आँखें मलते केशव व श्यामा कार्निस के सामने इसलिए पहुँच जाते थे क्योंकि कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। वे अण्डों को तथा चिड़िया को देखने को उत्सुक रहते थे।
प्रश्न 2. 'बच्चों को क्या खिलाएगी बेचारी ?' ये शब्द किसने , किससे कहे ? क्यों कहे ?
उत्तर :
'बच्चों को क्या खिलाएगी बेचारी ?' ये शब्द श्यामा ने अपने भाई केशव से कहे। उसने ये शब्द इसलिए कहे क्योंकि वह जानना चाहती थी कि चिड़िया अपने बच्चों को क्या खिलाएगी। चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ से लाएगी कि सारे बच्चों का पेट भर सके।
प्रश्न 3. श्यामा व केशव ने चिड़िया के बच्चों की भूख शांत करने तथा प्यास बुझाने के लिए क्या उपचार किया ?
उत्तर :
श्यामा व केशव ने चिड़िया के बच्चों की भूख शांत करने के लिए थोड़े से चावल के दाने एक प्याले में रख दिए तथा पीने के लिए पानी भी रख दिया।
प्रश्न 4. केशव ने श्यामा को क्या कहकर चिड़िया के अंडे नहीं देखने दिए ?
उत्तर :
केशव ने श्यामा को कहा कि तू गिर पड़ी तो अम्मा जी मेरी चटनी बना डालेंगी। अम्मा जी कहेंगी कि तूने ही इसे ऊपर चढ़ाया होगा। तू अंडे देखकर क्या करेगी। अंडे बड़े आराम से है। जब बच्चे निकलेंगे तो उनको पालेंगे।
प्रश्न 5. माँ ने अण्डों के टूट जाने के पश्चात केशव से क्या कहा ?
उत्तर :
माँ ने केशव से कहा कि तू इतना बड़ा हुआ , तुझे अभी इतना भी मालूम नहीं कि छूने से चिड़िया के अंडे गंदे हो जाते है। चिड़िया फिर उन्हें सेती है। इसका पाप तेरे सिर पड़ेगा। तूने एक साथ तीन - तीन जानें ली है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. श्यामा ने चिड़िया के बच्चों की सुरक्षा के लिए अपने भाई केशव की मदद किस प्रकार की ?
उत्तर :
श्यामा चिड़िया के बच्चों की भूख शांत करने के लिए माँ की आँख बचाकर मटके से चावल निकाल लाई। बच्चों को धूप से बचाने के लिए श्यामा कूड़े की टोकरी (छत बनाने के लिए ) उठा लाई। जब केशव दाना , पानी , टोकरी आदि रखने के लिए कार्निस पर चढ़ने का प्रयास करने लगा तो श्यामा दोनों हाथों से स्टूल को पकड़कर खड़ी थी ताकि केशव नीचे न गिर जाए।
प्रश्न 2. केशव ने स्टूल पर चढ़कर कार्निस पर क्या देखा और क्या किया ?
उत्तर :
केशव ने कार्निस पर देखा कि थोड़े तिनके बिछे हुए है और उन पर तीन अंडे पड़े है। जैसे घोंसले उसने पेड़ों पर देखे थे , वैसा कोई घोंसला नहीं है।
केशव ने अण्डों को उठाकर एक पुराने कपडे पर रखा। फिर छाया के लिए उन अंडों पर टोकरी उल्टी करके रखी। उसने दाने और पानी की प्याली भी टोकरी के नीचे रख दी। फिर धीरे - धीरे नीचे उतर आया।
प्रश्न 3. बच्चे चिड़िया के अण्डों की सुरक्षा हेतु कमरे से बाहर कैसे निकले ?
उत्तर :
गर्मी के दिन थे। अम्मा दोनों बच्चों को कमरे के सुलाकर खुद सो गई थी। लेकिन बच्चों की आँखों में नींद नहीं थी। अम्मा जी को बहलाने के लिए दोनों दम रोके आँखें बंद किए मौके का इन्तजार कर रहे थे। जब उन्हें लगा कि अम्मा जी अच्छी तरह से सो गई है। दोनों चुपके से उठे और बहुत धीरे से दरवाज़े की चिटकनी खोलकर बाहर आकर अंडों की सुरक्षा की तैयारियाँ करने लगे।
प्रश्न 4. चार बजे अचानक श्यामा कार्निस के पास जाकर क्यों चौंक गई ?
उत्तर :
चार बजे अचानक श्यामा की नींद खुली। वह दौड़ती हुई कार्निस के पास गई और ऊपर की तरफ ताकने लगी , वहाँ रखी टोकरी का पता न था। संयोग से उसकी नजरें नीचे गई। उसने देखा अंडे नीचे पड़े है। वह एकदम चौंक गई और उसने अपने भाई से कहा - भैया , अंडे तो नीचे पड़े है , बच्चे उड़ गए।
प्रश्न 5. 'नादान दोस्त' कहानी पढ़कर बच्चों की किस मानसिकता का पता चलता है ?
उत्तर :
'नादान दोस्त' कहानी के नाम से ही स्पष्ट है कि बचपन में बच्चे नादान होते है , उन्हें दोस्ती , दुश्मनी , ईर्ष्या - द्वेष , निंदा - स्तुति आदि से कोई लेना - देना नहीं होता। उनके लिए अच्छाई - बुराई का कोई अलग - अलग अर्थ नहीं होता। वे नासमझ एवं अबोध होते है।
इस कहानी में केशव व श्यामा चिड़िया की मदद करना चाहते है। वे उसके अंडों की सुरक्षा के लिए अथक प्रयास करते है परन्तु सब कुछ उल्टा हो जाता है और अंडे टूट जाते है।