झाँसी की रानी : पाठ - 10 हिंदी वसंत कक्षा 6 | Extra Question Answer

 Extra Questions with Answers : झाँसी की रानी

लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. बुंदेलखंड के हरबोलों ने क्या बताया ?

उत्तर :

बुंदेलखंड के हरबोलों ने बताया कि सन 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में झाँसी की रानी पुरुषों की भाँति लड़ी एवं वीरगति को प्राप्त हुई। 

प्रश्न 2. लक्ष्मीबाई कौन थी ? उसका बचपन का नाम क्या था ?

उत्तर :

लक्ष्मीबाई कानपुर के नाना साहिब की मुँहबोली बहन थी। उसका  बचपन का नाम छबीली था। 

प्रश्न 3. लक्ष्मीबाई के प्रिय खेल कौन - से थे ?

उत्तर :

लक्ष्मीबाई के प्रिय खेल थे - नकली युद्ध करना , व्यूह बनाना , शत्रु की सेना को घेरना , शत्रु के किले तोडना , खूब शिकार खेलना। 

प्रश्न 4. 'चित्रा ने अर्जुन को पाया , शिव से मिली भवानी थी' - आशय स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर :

इन पंक्तियों में लक्ष्मीबाई के विवाह का वर्णन है। जिस प्रकार चित्रा का विवाह वीर अर्जुन से तथा शिव का विवाह पार्वती से हुआ था , उसी प्रकार लक्ष्मीबाई का विवाह गंगाधर राव से हुआ। 

प्रश्न 5. झाँसी का दीपक कब बुझ गया ?

उत्तर :

जब राजा गंगाधर राव की मृत्यु हो गई तो झाँसी का दीपक बुझ गया। 

प्रश्न 6. आज़ादी के प्रथम संग्राम में जिन वीरों ने कुर्बानी दी , उनके नाम लिखिए। 

उत्तर :

आज़ादी के प्रथम संग्राम में नाना धुंधूपंत , ताँतिया टोपे , अजीमुल्ला , अहमद शाह मौलवी , ठाकुर कुँवर सिंह जैसे वीरों ने अपनी कुर्बानी दी। इनका नाम सूरज - चाँद की भाँति हमेशा अमर रहेगा। 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. 'झाँसी की रानी' कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए। 

उत्तर :

प्रस्तुत कविता में लक्ष्मीबाई की वीरता का वर्णन किया गया है। बुंदेलखंड के हरबोले लोग आज भी लक्ष्मीबाई की वीरता के गीत गाकर सुनाते है। कविता में भारत के बूढ़ा होने , लोगों में स्वतंत्रता प्राप्ति का जोश आने , लक्ष्मीबाई के बचपन - जवानी , विवाह , विधवा होने , अंग्रेजों के षड्यंत्र को विफल करने , उन्हें परास्त करने तथा उनके साथ घमासान युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने का  वर्णन है। इस कविता में सन 1857 में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय की राजनैतिक स्थितियों का भी पता चलता है। यह देशप्रेम की भावना तथा मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रेरणा प्रदान करती है। 

प्रश्न 2. अंग्रेजों का मुकाबला रानी लक्ष्मीबाई ने किस प्रकार किया ?

उत्तर :

जब लेफ्टिनेंट वॉकर झाँसी में जवानों को लेकर आ पहुंचा तो रानी ने उससे युद्ध करने के लिए अपनी तलवार खींच ली। लेफ्टिनेंट वॉकर घायल होकर भाग गया। वह रानी से हारकर बहुत हैरान हुआ। रानी 100 मील का रास्ता पार कर कालपी पहुँची। लेकिन वहां उसका घोडा थककर धरती पर गिर गया और मर गया। रानी ने ग्वालियर को जीत लिया। वह आगे पहुंची वहाँ सेना का नेतृत्व जनरल स्मिथ कर रहा था , ह्यूरोज भी अपनी सेना लेकर आ पहुंचा। रानी ह्यूरोज तथा जनरल स्मिथ से घिर गई, लेकिन रानी ने उनका मुकाबला वीरता से किया , परन्तु आगे नाला आ गया। घोड़ा नाला पार न कर पाया। शेरनी - सी रानी को अंग्रेजों ने घायल कर दिया और रानी वीरगति को प्राप्त हुई। 

Previous Post Next Post