बचपन : पाठ - 2 वसंत कक्षा 6 | Extra Question Answer

 Extra Question Answer for Hindi Class 6 Vasant

लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. लेखिका अपने बचपन के दिनों की चॉकलेट का वर्णन किस प्रकार करती है ?

उत्तर :

लेखिका का कहना है कि उन्हें हफ्ते में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। भाई - बहनों में सबसे अधिक चॉकलेट का स्टॉक लेखिका के पास रहता था क्योंकि वह कभी भी खड़े होकर चॉकलेट नहीं खाती थी। घर लौटकर साइड बोर्ड पर रख देती थी और रात को खाने के बाद बिस्तर में लेटकर मजे ले - लेकर खाती थी। 

प्रश्न 2. हवाई जहाज को दिल्ली के बच्चे कैसे देखते थे ?

उत्तर :

दिल्ली में जब कभी हवाई जहाज की आवाज आती , तो बच्चे उसे देखने बाहर दौड़ते। उन्हें ऐसा लगता कि मानो कोई भारी - भरकम पक्षी पंख फैलाकर उड़ा जा रहा है। फिर वह देखते ही गायब हो जाता था। उसकी स्पीड बहुत तेज होती थी। 

प्रश्न 3. लेखिका चश्मा न उतरने की जिम्मेदारी स्वयं पर क्यों लेती है ?

उत्तर :

लेखिका को डॉक्टर ने कहा था कि कुछ दिन पहनने के बाद चश्मा उतर जाएगा। परन्तु चश्मा नहीं उतरा क्योंकि वह दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर पढ़ती थी। लेकिन चश्मे का नंबर कम होता गया। 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. लेखिका (कृष्ण सोबती) के पहनने - ओढ़ने में क्या बदलाव आए है और क्यों ?

उत्तर :

लेखिका पहले रंग - बिरंगे कपडे पहनती थी। वह अलग - अलग तरह की पोशाकें जैसे - फ्रॉक , निकर - वाकर , स्कर्ट , लहंगे , गरारे आदि पहनती थी , परन्तु अब चूड़ीदार व घेरदार कुर्ते पहनती है जो हल्के रंग के होते है। क्योंकि हर उम्र में अलग - अलग रुचियाँ , रुझाव व शौक होते है। ढलती उम्र में हल्के रंग ही अच्छे लगते है। गहरे रंग तभी तक अच्छे  लगते है जब तक शरीर में चुस्ती तथा मन में उमंग व उत्साह होता है। जैसे ही उम्र बढ़ती है शरीर में स्फूर्ति कम होती है। मन का जोश ठंडा हो जाता है तो सादगी भरा जीवन अच्छा लगता है। यही सब लेखिका के साथ घटित हुआ। 

प्रश्न 2. लेखिका जूतों के बारे में क्या - क्या बातें बताती है ?

उत्तर :

लेखिका अपने बचपन के जूतों के बारे में बताती है कि वह इतवार के दिन अपने जूते पॉलिश करके चमकाती थी। इसलिए उन्हें बूट पॉलिश करना आज भी अच्छा लगता है। वे कहती है कि आजकल तो नई - नई किस्म के जूते आ चुके है जो कि पहले की अपेक्षा अधिक आरामदेह है। पहले के नए जूतों से पैरों में बहुत छाले पड़ते थे। इसलिए साथ में रुई रखा करते थे। जैसे ही जूते काटते तो रुई मोजों के अंदर रख लेते थे। 

प्रश्न 3. लेखिका को शनिवार का दिन किसकी याद दिलाता है ?

उत्तर :

लेखिका को बचपन में सेहत ठीक रखने के लिए हर शनिवार को ऑलिव ऑयल व कैस्टर ऑयल पिलाया जाता था। छोटे शीशे के गिलास जिन पर ठीक खुराक के लिए निशान पड़े रहते , उन्हें देखते ही मितली होने लगती थी। इस प्रकार लेखिका को शनिवार का दिन उनके बचपन की स्वास्थ्यवर्धक तेलीय औषधि की याद दिलाता है। 

प्रश्न 4. बचपन में लेखिका को ब्राउन ब्रैड लेने के लिए कहाँ जाना पड़ता था ?

उत्तर :

शिमला में रहने वाली लेखिका को ब्राउन ब्रैड लेने के लिए शिमला मॉल जाना पड़ता था। उसका घर मॉल से अधिक दूर नहीं था। एक छोटी - सी चढ़ाई और फिर गिरजा मैदान , फिर वहां से एक उतराई उतरते ही मॉल पर पहुँचते थे। कन्फैक्शनरी काउंटर से ब्राउन ब्रैड लेकर आना पड़ता था। 

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