The Old-Clock Shop Story Translation in Hindi

 Hindi Version Of The Lesson : The Old-Clock Shop

  • It's Christmas Eve.............late hour.
  • क्रिसमस  की पूर्व संध्या है और दुकानें बंद करने का समय हो गया है। 
  • रे की पुरानी - घड़ियों की दुकान अभी खुली है। 
  • इतनी देर हुए दो ग्राहक उसके पास आते है। 
Christmas Eve..............sold that day.

क्रिसमस की पूर्व संध्या आ गई थी। जब अंतिम ग्राहक घरों  को लौट रहे थे , अमरीका की साल्टलेक सिटी बर्फ की सफ़ेद चादर से ढकी थी। फिर भी पुरानी घड़ियों की दुकान पर बत्तियां जल रही थी , उसका बूढ़ा , बहरा मालिक रे उस घडी को ठीक कर  रहा था जो उसने उस दिन बेचीं थी। 

Having finished.............of his neck.

अपना काम पूरा करके जब रे खड़ा हुआ और पिछले कमरे में जा रहा था तो अगले दरवाज़े में से ठंडी हवा का झोंका उसकी गर्दन के पीछे लगा। 

He turned to meet............across the counter.

वह अंतिम क्षण के ग्राहक को मिलने के लिए मुड़ा , तो उसकी बूढी समझदार आँखों से वह समझ गया कि वे ग्राहक नहीं है। उसने दो आदमी देखे। एक बीस वर्ष के आसपास था , दूसरा पचास के समीप। युवक तो दरवाज़े पर ही खड़ा रहा। बड़ी आयु वाला आदमी काउंटर की ओर आया , उसकी आँखों में मित्र भाव न था। रे ने अपना बढ़ता हुआ भय छुपा लिया, और धीरे - धीरे कॉपी व पेंसिल काउंटर पर सरकाई। 

He smiled at the...................to his friend.

वह बैर - भाव चेहरे की ओर देखकर मुस्कुराया , फिर अपने कानों की ओर संकेत करके अपना सिर एक ओर से दूसरी ओर हिलाया। कॉपी को पढ़कर उस व्यक्ति को एकदम आश्चर्य हुआ और उसके चेहरे का भाव बदल दिया। फिर उसने मुड़कर अपने मित्र से कुछ कहा। 

Ray used the chance...............be sorry about.

रे ने इस अवसर का लाभ उस व्यक्ति को ध्यान से देखने में उठाया। उसने उस व्यक्ति के कोट की दाईं जेब में एक पिस्तौल की आकृति व उस व्यक्ति के बेचैन हाथ को ध्यान से देखा। उसका क्रोध उबाल रहा था , परन्तु उसके मन की आवाज उस पर काबू रख रही थी जो कह रही थी "शांत रहो। " उसने कॉपी पर लिखा "मैं आप की क्या सहायता करूँ ?" पहली बार वह वृद्ध आदमी रे की ओर देख कर मुस्कुराया। वह क्रूर , कड़वी मुस्कान थी। वे दोनों समझते थे कि वह वहाँ क्यों आया था और उसका साथी दरवाजे पर क्यों खड़ा था। देखने में वे ऐसे आदमी लगते थे जिनका भाग्य साथ न दे रहा था , और वे ऐसा काम करने को तैयार थे जिसके लिए उन्हें बाद में खेद होगा। 

  • Ray knows...............Merry Christmas.
  • रे समझ जाता है उसके पास आए व्यक्तियों को धन की कमी है। 
  • वह काफी धन के बदले में एक पुरानी घडी स्वीकार कर लेता है। 
  • शांति व सद्भावना का सन्देश सब ओर फ़ैल जाता है। जब पुरानी घड़ियाँ बज उठती है "क्रिसमस मुबारक" 
The clocks ticked...................with no interest.

घड़ियां बजती रही। रे ने शांत भाव से एक और सन्देश लिखा। "क्या आप कोई घंटा - घड़ी या घड़ी लेने आए हो ?" फिर उसने 'उधार' पट की ओर संकेत किया जो लटकने वाले घंटा - घड़ियों व जेबी घड़ियों से भरा था। वह बंधक साहूकार तो न था , परन्तु फिर भी वह उन लोगों को इंकार न कर सकता था जो उसके सामने अपनी पुरानी घड़ियों को रख देते थे और जो धन मिले ले लेते थे। वह अपनी क्षमता से अधिक ऋण दे देता था। जब उनके मालिक चाहते थे वे उन्हें मिल जाती थी उतने ही मूल्य पर जो उन्होंने दिया था , बिना ब्याज के। 

Then the older man..............the man wrote.

तब लगा कि बड़ी आयु वाला व्यक्ति कुछ शांत हुआ। उसने अपना हाथ जेब से निकाला और झट से अपनी कलाई पर बंधी घड़ी पर दृष्टि डाली। "आप मुझे  इस घड़ी का मूल्य क्या देंगे ?" उस आदमी ने लिखा। 

Ray noticed a little................"Whatever it's worth".

रे ने देखा कि उस व्यक्ति की सुरमई आँखों में कुछ लज्जा थी। घड़ी कोई विशेष न थी , फिर भी उसमे बड़ी शक्ति थी। इसके बदले में कुछ मिल सकता था , वह बुरी परिस्थिति से निकलने का साधन थी। यह समझकर कि पहली बात तो यह कि वह आदमी बड़े अभाव के कारण ही उसकी दुकान पर आया है , रे ने पूछा , "आपको इसका कितना मूल्य चाहिए ?" कॉपी पर झट से उत्तर आया , "जितने भी मूल्य की यह है। "

Ray reached into................Merry Christmas!"

रे ने अपनी नकदी पेटिका में हाथ डाली और पचास डॉलर का नोट निकाला और उस आदमी की आँखों में झाँका। ऐसा लगता था कि वे कह रही हो  "धन्यवाद" वे दोनों जानते थे कि घड़ी इतने मूल्य की न थी। जाने के लिए मुड़ने से पहले उस आदमी ने लिखा , "मैं जल्दी से जल्दी इसे वापस लेने आऊँगा। क्रिसमस मुबारक "

The little story..............old-clock shop.

यह छोटी - सी कहानी उस समय समाप्त हुई जब सब घड़ियों ने मिलकर 'आधा घंटा' बजाया। अलार्म घड़ियां जो अभी तक चुपचाप देख रही थी , वे एक दम इतने जोश से बज उठी कि रे तक तो लगा कि वह भी सुन रहा है। उनका मधुर , संगीतमय सन्देश आशा से भरा था। 

'विश्व शांति और सबके प्रति सद्भावना ' का शाश्वत सन्देश पुरानी घड़ियों की दुकान में खड़े तीनों व्यक्तियों ने अनुभव किया।

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