NCERT Solution for Class 6 Hindi Chapter 7 वसंत : टिकट - अलबम

 NCERT Solution : हिंदी (वसंत) कक्षा 6 - पाठ 7 - टिकट अलबम 

प्रश्न - अभ्यास 

कहानी से 

1. नागराजन ने अलबम के मुख्य पृष्ठ पर क्या लिखा और क्यों ? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के - लड़कियों पर क्या हुआ ? 
उत्तर :
अलबम के मुख्य पृष्ठ पर लिखा था - ए.एम. नागराजन "इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है ? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल , सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे , उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है , रहेगा। "
ऐसा अलबम पर इसलिए लिखा ताकि कोई उसे चुराने की कोशिश न करे। अलबम हमेशा के लिए नागराजन के पास रहे। इसका कक्षा के दूसरे लड़के - लड़कियों पर यह असर हुआ कि सभी ने इसे अपने अलबम और कॉपियों में उतार लिया। 

2. नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की क्या दशा हुई ? 
उत्तर :
नागराजन का अलबम हिट हो जाने के बाद राजप्पा मन ही मन कुढ़ने लगा और अपने फालतू टिकटों के बदले नागराजन से कुछ अच्छे टिकट लेने की बात सोचने लगा ताकि उसका अलबम और अच्छा हो जाए , परन्तु उसने मौका देखकर नागराजन का अलबम ही चुरा लिया। 

3. अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुज़र रहा था ? 
उत्तर :
अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल तेजी से धड़क रहा था। उस समय उसके दिमाग में बस अलबम चुराने की बात थी। इसलिए अलबम को कमीज के नीचे छिपाकर वह तुरंत घर की ओर भागा। 

4. राजप्पा ने नागराजन का टिकट - अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया ?
उत्तर :
राजप्पा ने साँकल की आवाज़ सुनकर सोचा कि पुलिस आ गई है। तलाशी लेने पर वह पकड़ा जा सकता है। इसलिए उसने नागराजन का अलबम अंगीठी में डाल दिया। 

5. लेखक ने राजप्पा के टिकट इक्कठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की ?
उत्तर :
जिस प्रकार मधुमक्खियाँ घूम - घूमकर फूलों से मकरंद चूसती है और बड़े ही परिश्रम से छत्ता बनाकर उसमे शहद बनाती है और फिर उसकी रक्षा बड़े ही जतन से करती है , इसी तरह राजप्पा ने भी एक - एक दुर्लभ टिकट बड़ी मुश्किल से एकत्र कर अलबम बनाया था। 

कहानी से आगे 

1. टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीज़ें भी जमा करते है। सिक्के उनमे से एक है। तुम कुछ अन्य चीज़ों के बारे में सोचो जिन्हे जमा किया जा सकता है। उनके नाम लिखो। 
उत्तर :
कुछ बच्चे छोटे - बड़े , रंग - बिरंगे कंचे (काँच की गोलियाँ ) इकट्ठे करते है तो कुछ बच्चे कहानियों की पुस्तकें और कॉमिक्स इकठ्ठा करते है। कुछ बच्चे तरह - तरह के खिलौने ही इकठ्ठा करके अपना शौक पूरा करते है। 

2. टिकट अलबम का शौक रखने के राजप्पा और नागराजन के तरीके में क्या फर्क है ? तुम अपने शौक के लिए कौन सा तरीका अपनाओगे ?
उत्तर :
अलबम के लिए टिकट इक्कठा करने में दोनों के तरीकों में यह फर्क है कि नागराजन को वह अलबम अपने मामा से मिला है , परन्तु राजप्पा ने अपने अलबम के टिकेटों को मधुमक्खी की तरह परिश्रम करके इक्कठा किया है। अपने शौक के लिए मैं राजप्पा की तरह परिश्रम करके एक - एक दुर्लभ टिकट इक्कट्ठा करना चाहूँगा। लेकिन मैं टिकटों के लिए किसी को मुर्ख नहीं बनाऊँगा और न ही चोरी करने की बात सोचूँगा। 

3. इकठ्ठा किये हुए टिकटों का अलग - अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है , जैसे - देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो। 
उत्तर :
इकठ्ठा किये गए टिकटों को उनके मूल्य के आधार पर, उनके आकार के आधार पर , उनके समय के आधार पर तथा उनके रंग के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। 

4. कई लोग चीजें इकट्ठी करते है और 'गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज करवाते है। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी ? सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो। 
उत्तर :
'गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज करवाने की प्रेरणा प्रसिद्धि पाने की रहती होगी। उनका शौक पूरा होता होगा और वे उस क्षेत्र में औरों से बेहतर रहते होंगे। 

अनुमान और कल्पना 

1. राजप्पा अलबम के जलाये जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है ? अगर वह कह देता तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फर्क पड़ता ? कैसे ?
उत्तर :
राजप्पा यदि अलबम जलाये जाने की बात नागराजन से कहता , तो नागराजन उसे ईर्ष्यालु और चोर समझता। कहानी के अंत में अपना अलबम देकर राजप्पा , नागराजन की नज़रों में ऊँचा बन जाता है , तब वह हीन बन जाता। नागराजन के मन में राजप्पा के लिए  सम्मान न रह जाता , कहानी के अंत पर यही फर्क पड़ता। 

2. कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे ? वे राजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रह जाते है ? अपने शिक्षक को बताओ। 
उत्तर :
हर छात्र की अपनी व्यक्तिगत रुचियाँ तथा शौक होते है। उनके शौक कुछ और रहे होंगे। अलबम बनाने के लिए परिश्रम तथा समय भी लगता है। इस कारण वे दर्शक मात्र बनकर रह जाते है। 

भाषा की बात 

1. निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूँढ़कर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ -

खोंसना             जमघट             टटोलना             कुढ़ना             ठहाका 
अगुआ             पुचकारना         खलना                हेकड़ी             तारीफ़ 

उत्तर :
शब्द अर्थ वाक्य प्रयोग
खोंसना छिपाकर रख लेना लड़के ने किताब कमीज के नीचे खोंस ली।
जमघट भीड़ मदारी का खेल देखने के लिए बच्चों का जमघट लग गया।
टटोलना ढूँढना / खोजना सुजीत ने जेबें टटोलकर देख लीं , परन्तु रूपए न मिले। शायद गिर गए थे।
कुढ़ना अपने आप पर गुस्सा होना आजकल लोग दूसरों की ख़ुशी देखकर कुढ़ते हैं।
ठहाका जोर की हँसी फिल्म देखते हुए सभी ठहाके लगा रहे थे।
अगुआ आगे चलने वाला अर्जुन के युद्ध में अगुआ श्रीकृष्ण कर रहे थे।
पुचकारना प्यार से बुलाना रोते बच्चों को माँ ने पुचकारकर गोद में उठा लिया।
खलना पीड़ादायक होना कर्ज वापस करने में खलता है।
हेकड़ी अकड़ / ज़बरदस्ती कमजोर को सभी अपनी हेकड़ी दिखाते है।
तारीफ़ प्रशंसा करना मेहनती व्यक्ति की तारीफ़ हर कोई करता है।

2. कहानी से व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए 'नहीं' का अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उल्टा अर्थ देने वाले शब्द भी लिखो। 

उत्तर :

छात्र स्वयं करें। 

कुछ करने को 

1. मान लो कि स्कूल में तुम्हारी कोई प्रिय चीज खो गई है। तुम चाहते हो कि जिसे वह चीज मिले वह तुम्हें लौटा दे। इस सम्बन्ध में स्कूल के बोर्ड पर लगाने के लिए एक नोटिस तैयार करो जिसमे निम्नलिखित बिंदु हो -
(क) खोई हुई चीज 
(ख) कहाँ खोई ?
(ग) मिल जाने पर कहाँ लौटाई जाए ?
(घ) नोटिस लगाने वाले / वाली का नाम और कक्षा 

उत्तर :

सूचित किया जाता है मेरी गोल्डन रंग की टाइटन कलाई घड़ी खेलते समय विद्यालय प्रांगण में खो गई है। जिसे भी मिले कृपा करके VI - A के कक्षाध्यापक को लौटा दे। वापस करने वाले को उचित पारितोषिक दिया जाएगा।
- प्रसून कुमार VI - A

2. डाक टिकटों के बारे में और जानना चाहते हो तो नेशनल बुक ट्रस्ट , नयी दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक 'डाक टिकटों की कहानी' पढ़ो। 

उत्तर :

छात्र स्वयं करें। 

सुनना - सुनाना 

1. राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तुम भी कोई शौक रखते हो ?उससे जुड़े किस्से सुनाओ। 

उत्तर :

राजप्पा और नागराजन की तरह मैं भी गंभीर शौक रखता हूँ। मुझे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े सेनानियों के चित्र इकठ्ठा करने का शौक है। मैं उन सेनानियों के चित्रों के साथ उनके विषय में जानकारी भी रखने का शौक़ीन हूँ। मैंने इसके लिए एक फाइल भी बना रखी है। 
एक बार जब किसी कार्यक्रम में मैंने तात्याँ टोपे के बारे में एक संक्षिप्त भाषण दिया तो कक्षा के सभी लड़के यह जानने के इच्छुक हो उठे कि मैंने यह सब कहाँ से पढ़ा। मेरी फाइल देखने के लिए कई लड़के मेरे घर आ गए। मैं अपनी फाइल खोना नहीं चाहता था , इसलिए मैंने उन्हें एक दिन बाद आने को कहा। मैंने उस फाइल की फोटोप्रति कराकर अगले दिन उन्हें दे दी। वे उसे ही असली फाइल समझ रहे थे। चार - पाँच दिन बाद पता चला कि  वह फाइल तो फट चुकी है। मुझे ख़ुशी हुई कि मैंने अपनी मूलचित्रों वाली फाइल नहीं दी थी। वह फाइल आज भी मेरे पास सुरक्षित है। इससे मेरा शौक तो पूरा होता ही है , ज्ञान में भी वृद्धि होती है। 

2. कुछ कहानियाँ सुखांत होती है और कुछ कहानियाँ दुखांत। इस कहानी के अंत को तुम दुखांत मानोगे या सुखांत ? बताओ। 

उत्तर :

इस कहानी को हम दुखांत ही मानेंगे , क्योंकि राजप्पा नागराजन की अलबम को लेकर कुढ़ रहा था। वह अलबम चोरी कर लेता है और फिर पकड़े जाने के डर से उस अलबम को न अपने पास रख पाता है और न ही नागराजन के पास रहने देता है। कहानी के अंत में अपना अलबम नागराजन को देने लगता है , परन्तु दिल से देना भी नहीं चाहता है। इसलिए वह नागराजन को अगले दिन आने के लिए कहता है और उसके जाने के बाद दरवाजा बंद करके फूट - फूटकर रो उठता है। 

बोलते चेहरे 

कुढ़ता चेहरा     ईर्ष्यालु चेहरा     घमंडी चेहरा     अपमानित चेहरा 
    भूखा चेहरा       चालबाज़ चेहरा     भयभीत चेहरा     रुआँसा चेहरा 
• इन भावों को अभिव्यक्त करके दिखाओ। 

उत्तर :

छात्र स्वयं करके देखें। 
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