Desert Animals Hindi Translation

 Hindi Translation of the story "Desert Animals"

मरुस्थल के जीव 

(पढ़ने से पूर्व - क्या तुम भारत और विश्व के कुछ मरुस्थलों के नाम बता सकते हो ? तुम्हारे विचार से उन क्षेत्रों में कौन रहता है ?)

Deserts are....................spring.

मरुस्थल पृथ्वी पर सबसे सूखे इलाके है, वहां कभी - कभी तो महीनो और वर्षों तक कोई वर्षा नहीं होती। पर मरुस्थल के जीव तो बिना जल के जीवित नहीं रह सकते; अथवा तपती झुलसाती धुप में लम्बी अवधि तक नहीं रह सकते, इसलिये उन्हें कठोर मौसम से जूझने के लिये विभिन्न तरीके खोजने पड़ते है, उदाहरणार्थ, गर्बिल दिन का अधिकांश गर्म भाग ठन्डे भूमिगत बिलों में गुजारते है। और विचित्र कीट जिन्हे काले कीट कहते है, अपनी टांगो पर नमी की बूंदों को समेट लेने में कुशल होते है, फिर वह टांगों को ऊपर उठा लेते है जब तक कि नमी की बूँदें उनके मुँह में लुढ़ककर नहीं पहुँच जाती। सभी रेगिस्तान लहरियादार रेत के टीलों के अनंत समुद्र नहीं होते। कुछेक पथरीले होते है तथा उनपर छोटी -छोटी झाड़ियाँ इधर -उधर उगी होती है, कुछ अन्य में वसंत ऋतू में रंग -बिरंगे फूल भी बिखरे दिखाई देते है। 

There are.....................speed.

संसार में 2300 से अधिक किस्म के साँप है, जिनकी लम्बाई मात्र 15 सेंटीमीटर से लेकर 11 मीटर से अधिक होती है। अधिकतर सर्प दंशरहित होते है, वे हानि नहीं पहुँचाते। पर कुछेक ऐसे है जो विषधर होते है, वे एक बार काट लें तो मनुष्य जिन्दा नहीं रह सकता। अधिकांश सर्प अंडे देते है पर अनेक अपने बच्चे को जन्म देते है। अमरीका के सूखे पथरीले मरुस्थल में एक खतरनाक साँप रहता है जो बहुत बदनाम है। वह डरावने तरीके से खड़ -खड़ की आवाज पैदा करता है जिसे 30 मीटर की दुरी तक सुना जा सकता है , और वह विद्युत् गति से दौड़कर काट सकता है। 

But the rattlesnake................eating.

पर खड़खड़ा साँप अथवा जिसे कभी - कभी 'रैटलर' कहा जाता है, वह यथासंभव मनुष्यों से बचता रहता है। वह अपनी पूँछ को ऊपर उठाकर उसके छोड़ को फड़फड़ाकर आवाज पैदा करता है जब भी उसे छेड़ा जाता है, वह इस आशा से शोर मचाता है कि घुसपैठियाँ वहाँ से चला जाये। पर यदि उसकी चेतावनी अनसुनी कर दी जाती है और उसे अपने लिये खतरे की आशंका हो जाती है तो वह कुंडली मारकर काटने के लिये तैयार हो जाता है। पर यह साँप स्वयं अपनी पूँछ से निकलता शोर नहीं सुन सकता। अधिकांश साँपों की भांति वह जमीन पर होने वाले स्फुरण या स्पंदन के द्वारा ही आवाज सुन पाता है। यदि कोई व्यक्ति साँप के पास से गुजरता है तो वह उसकी हलचल ही महसूस कर सकता है। पर यदि वही व्यक्ति जोर से शोर करे तो साँप कुछ भी नहीं सुन पायेगा। शोर करने वाले साँप बहुत आम है तथा विस्तृत क्षेत्र में पाये जाते है, वे अमरीका महाद्वीप के पार तक मिलते है, कनाडा से लेकर अर्जेटीना तक। वे अनेक प्रकार के जीवों को खाते है जिनमे चूहे, गिलहरी तथा अन्य छोटे -छोटे जीव है। वे अपने शिकार को अपने विष से मार लेते हैं। सभी साँपों की भांति वे उस अभागे जीव को पूरे का पूरा निगल लेते है।  कुछ ही साँपों को सप्ताह में एक बार भोजन की जरूरत होती है, और कुछ तो जैसे विशाल अजगर, एक वर्ष से अधिक समय तक बिना खाये -पीये जीवित रह सकते है। 

Mongoose like...........suspicious.

नेवलों को समूह में शिकार करना पसंद है, पर वे सदैव निकटवर्ती खतरनाक लुटेरों या हमलावरों पर नजर रखते है। बिलों में अपनी नाक घुसेड़ते , पत्थरों को अपने पंजे से उलटते तथा जमीन को अपने पैने नाखूनों से खरोचतें हुए, ये समूहगत नेवले देखने में बहुत रोचक लगते है। अफ्रीका के अनेक भागों में आम दिखने वाले ये नेवले लगभग 20 के झुण्ड में यात्रा करते है तथा वे भृंग नामक कीट तथा अन्य छोटे - मोटे जीवों की खोज करते है। 

वे झुण्ड में शिकार करते है, जब कभी वे चट्टानों या झाड़ियों के पीछे दृष्टि से ओझल हो जाते है तो वे एक - दूसरे से संपर्क बनाए रखने के लिये चींचीं करते अथवा पुकारते है। खतरों से बचाव के लिये सदा सचेत - जैसे बाज , गरुड़ तथा बड़े साँप से बचने के लिये वे एक - दूसरे को विशेष प्रकार की खतरे की आवाज निकलते है , यदि वे किसी ऐसे जीव को देख लेते है। 

Mongooses are....................night.

नेवले साँपों को मारने में सक्षम होने के लिये प्रसिद्ध है, और वे स्वयं चोट नहीं खाते। उनकी प्रतिक्रिया इतनी तीव्र होती कि वे हर बार सांप के वार से बच जाते है। वे साँप को निरंतर तंग करते है जब तक कि कुछ समय पश्चात वह थक नहीं जाता, फिर वे उसे मारने के लिये झपट पड़ते है। 

सभी मादा नेवले अपने बच्चों को लगभग एक ही समय जन्म देती है। उन्हें पूरा समय किसी पुराणी दीमक के टीले अथवा खोखले वृक्ष के तने के अंदर पाला जाता है। जब अधिकांश व्यसक नर नेवले भोजन की खोज में बाहर निकल जाते है, एक या दो नर नेवले रक्षक के रूप में पीछे रह जाते है जब तक कि अन्य रात्रि विश्राम के लिये लौट नहीं आते। 

Another animal.....................at all.

एक अन्य जीव जो मरुस्थल में रहता है, वह है ऊँट। ऊँटों को सर्वप्रथम हजारों वर्ष पूर्व लोगों ने पालतू बनाया था। जंगल में ऊँट प्रायः 30 की संख्या तक छोटे झुंडों में रहते है। ऊंटों के लम्बे , बड़े रोंयेदार जाड़े के कोट होते है जो उन्हें गर्म रखते है तथा ग्रीष्म में उनके पास ठंडा रखने के लिये छोटे , व्यवस्थित कोट होते है। प्यासा ऊँट 30 गैलन तक पानी पी सकता है, लगभग 500 पूरे गिलास, केवल दस मिनटों में। पर आमतौर से उसे अपनी जरुरत का सारा पानी रेगिस्तान पौधों से ही मिलता है तथा वह 10 माह तक बिना कोई जल पीये जीवित रह सकता है। 

There are two............................through.

ऊंट दो भिन्न प्रकार के होते है। एक जिनका एक ही कूबड़ होता है तथा दूसरा जिनके दो कूबड़ होते है। ये कूबड़ इस जीव को मरुस्थल में जीवित रहने में मदद देते है। ये उनके भंडारघर होते है। पर वे इनमे पानी भण्डारण  नहीं करते जैसा कि लोग गलती से सोचते है, ये कूबड़ तो चर्बी से भरे होते है। यही चर्बी उन्हें जीवित रखती है जब भोजन सुलभ नहीं होता। यदि उन्हें कई दिनों तक खाने को नहीं मिले तो उनका कूबड़ सिकुड़ जाता है क्योंकि उसमे भरी चर्बी या वसा काम हो जाती है। कई अन्य तरीके भी है जो ऊंट को रेगिस्तान जीवन के अनुकूल बनाते है। उनके मुँह इतने कठोर होते है कि नुकीले काँटे भी उसमे छेद नहीं  कर सकते। 

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