स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Essay on Independence Day | Class 6 | हिंदी व्याकरण
स्वतंत्रता किसे प्रिय नहीं होती है ? अर्थात यह सभी को प्रिय होती है। यहाँ तक कि पशु - पक्षी भी सभी बंधनो को तोड़कर बंधनमुक्त होना चाहते है। वे भी बंधन तोड़कर मुक्त आकाश में विचरण करना चाहते है। मनुष्यों की भी इस सम्बन्ध में वही स्थिति है जो पशु - पक्षियों की है। अर्थात मानव भी कभी पराधीनता के बंधन में नहीं रहना चाहता है। भारत देश भी सैकड़ों साल तक गुलाम रहा है और यहाँ के लोगों ने पराधीनता का दुःख झेला है। अनेक वीरों, देशभक्तों, शहीदों ने अपने प्राणो का बलिदान दिया जिसके फलस्वरूप हमें आजादी प्राप्त हुई। यह आजादी हमें 15 अगस्त, 1947 को प्राप्त हुई जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है।
भारत देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्ति दिलाने के लिए चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, तंत्याटोपे, मंगलपांडे, झाँसी की रानी, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपतराय जैसे देशभक्तों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। महात्मा गाँधी, पं. जवाहरलाल नेहरू के अथक प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता, जिससे यह आजादी मिली और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त 1947 को लालकिले पर ध्वज फहराया। स्वतंत्रता की रक्षा के लिए तथा इन शहीदों की याद में हम प्रतिवर्ष इसी दिन यह पर्व हर्ष तथा उल्लास के साथ मनाते है।
हमारे देश के प्रधानमंत्री इस दिन प्रातः काल लालकिले पर ध्वज फहराते है तथा राष्ट्र के नाम सन्देश प्रसारित करते है। सम्पूर्ण देश में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। सरकारी भवनों तथा कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। जगह - जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, जिनमे इन शहीदों के बलिदानों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। विद्यालयों में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। विद्यार्थी इनमे पूरी लगन से भाग लेते है और अपना कौशल दिखाते है।
स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। राष्ट्र के सभी लोग, चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम, सिख हो या ईसाई, इसे मिल-जुलकर प्रेम और सौहार्द से मनाते है। यह त्योहार हमें अपने देश के गौरव का ज्ञान कराता है। इस पर्व से हमें देश के प्रति ईमानदार तथा कर्तव्यनिष्ठ बनने की प्रेरणा मिलती है। हम अपनी स्वतंत्रता की कीमत को न भूले, यह पर्व हमें इसकी याद दिलाता है। हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपना सबकुछ न्योछावर करने के लिए तैयार रहे। हमें अपने देश पर गर्व है तथा हम स्वतंत्रता दिवस की प्रतीक्षा उत्सुकता से करते है जिससे कि महापुरुषों के बलिदान को हम भूल न सकें।