पार नज़र के : पाठ 6 हिंदी वसंत कक्षा 6 | Extra Question with Answer

 Extra Question with Answer : पार नज़र के

लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. स्पेस - सूट के बारे में आप क्या जानते है ?

उत्तर :

स्पेस - सूट से ऑक्सीजन मिलती है जिससे साँस लिया जा सकता है। स्पेस - सूट से बाहर की ठंड से बचा जा सकता है। इस सूट के खास किस्म के जूतों की वजह से दूसरे ग्रह पर चलना मुमकिन हो जाता है। 

प्रश्न 2. अंतरिक्ष यान के संबंध में नासा का वक्तव्य क्या था ?

उत्तर :

नासा का वक्तव्य था कि मंगल की धरती पर उतरा हुआ अंतरिक्ष यान वाइकिंग अपना निर्धारित कार्य कर रहा है। हालाँकि किसी अज्ञात कारणवश अंतरिक्ष यान का यांत्रिक हाथ बेकार हो गया है। नासा के तकनीशियन इस बारे में जांच कर रहे है तथा इस यांत्रिक हाथ को दुरुस्त करने के प्रयास भी जारी है। 

प्रश्न 3. कुछ दिनों बाद पृथ्वी के सभी प्रमुख अख़बारों में क्या छपा था ?

उत्तर :

कुछ दिनों बाद पृथ्वी के सभी प्रमुख अख़बारों में छपा था - "नासा के तकनीशियनों को रिमोट कंट्रोल के सहारे वाइकिंग को दुरुस्त करने में सफलता मिली है। यांत्रिक हाथ ने अब मंगल की मिट्टी के विभिन्न नमूने इकट्ठे करने का काम आरम्भ कर दिया है।"

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. छोटू अपने पापा का सिक्योरिटी पास लेकर कहाँ गया ?

उत्तर :

छोटू अपने पापा का सिक्योरिटी पास लेकर सुरंगनुमा रास्ते की तरफ गया , जहाँ से उसके पापा रोज काम पर जाते थे। उसने देखा कि जमीन के भीतर उस रास्ते पर दीये जल रहे थे और प्रवेश करने से पहले एक बंद दरवाजा था। दरवाजा में एक खाँचा बना हुआ था। छोटू ने खाँचे में कार्ड डाला , जिससे दरवाजा खुल गया। छोटू ने सुरंग में प्रवेश किया। फिर अंदर वाले खाँचे में सिक्योरिटी पास आ गया। उसने कार्ड उठा लिया , कार्ड उठाते ही दरवाजा बंद हो गया। वह सुरंगनुमा रास्ता ऊपर की तरफ जाता था। लेकिन सुरंग में जगह - जगह लगाए गए निरीक्षक यंत्रो की जानकारी छोटू को नहीं थी। निरीक्षक यंत्रों की सहायता से सिपाहियों ने छोटू को पकड़ लिया और उसके घर छोड़ आए। इस प्रकार छोटू सब कुछ तो नहीं देख पाया , परन्तु उसने बहुत कुछ देख लिया। 

प्रश्न 2. छोटू के पापा ने छोटू को मंगल ग्रह के निवासियों के बारे में क्या बताया ?

उत्तर :

छोटू के पापा ने बताया कि एक समय था जब मंगल ग्रह पर सभी लोग जमीन के ऊपर ही रहते थे। बगैर किसी तरह के यंत्रों की मदद के , बगैर किसी ख़ास किस्म की पोशाक के , हमारे पुरखे जमीन के ऊपर ही रहा करते थे। लेकिन धीरे - धीरे वातावरण में परिवर्तन आने लगा। धरती पर कई तरह के जीव रहते थे। जो एक के बाद एक मरने लगे। इस परिवर्तन की जड़ में सूरज में हुआ परिवर्तन था। सूरज में परिवर्तन होते ही यहाँ का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया। प्रकृति के बदले हुए रूप का सामना करने में यहाँ के पशु - पक्षी , पेड़ - पौधे व अन्य जीव अक्षम साबित हुए। केवल हमारे पूर्वजों ने इस स्थिति का सामना किया। 

प्रश्न 3. छोटू के पापा ने छोटू को ज़मीन के नीचे घर बनाने के बारे में क्या बताया ?

उत्तर :

छोटू के पापा ने बताया कि जब ज़मीन के ऊपर प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने लगा तो हमारे पूर्वजों ने इस स्थिति का सामना किया। अपने तकनीकी ज्ञान के आधार पर हमने ज़मीन के नीचे घर बना लिया। ज़मीन के ऊपर लगे विभिन्न यंत्रों के सहारे हम सूरज की शक्ति , रोशनी और गर्मी का इस्तेमाल करते आ रहे है। उन्ही यंत्रों के सहारे हम ज़मीन के नीचे जी रहे है। यंत्र सुचारु रूप से चलते रहे , इसके लिए बड़ी सतकर्ता बरतनी पड़ती है। 

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