Extra Question with Answer : चाँद से थोड़ी - सी गप्पें
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. चाँद का घटना - बढ़ना किसे कहा गया है ?
उत्तर :
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच चाँद का आकार धीरे - धीरे बढ़ता जाता है और अंत में पूर्णिमा के दिन वह एकदम गोल हो जाता है। वही प्रथमा से अष्टमी के बीच (कृष्ण पक्ष में) गोल चाँद का आकार धीरे - धीरे घटने लगता है और वह आधा रह जाता है।
प्रश्न 2. 'गोल न हो जाएँ, बिलकुल गोल' से कवि का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
कवि लड़की के माध्यम से चन्द्रमा को कहता है कि जब तुम घटते हो तो घटकर बिलकुल ही पतले हो जाते हो और नजर ही नहीं आते हो।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. 'चाँद से थोड़ी - सी गप्पें' - कविता का प्रतिपाद्य / सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में बाल सुलभ कल्पनाओं का अत्यंत सुन्दर ढंग से वर्णन किया गया है। बच्चों ने चाँद से अनेक ढंग से अपना रिश्ता जोड़ रखा है। वे चाँद को देखकर अनेक कल्पनाएँ करते है। इस कविता में एक छोटी लड़की आकाश को चाँद का वस्त्र समझती है जिस पर तारों रूपी सितारे जड़े है। चाँद का यह वस्त्र सभी दिशाओं में फैला है। उस वस्त्र में केवल चाँद का गोरा - चिट्टा मुँह ही दिखता है। कविता के अंत में वह चाँद के घटने - बढ़ने को बीमारी बताती है , जो ठीक होने को ही नहीं आती है।