पालमपुर गाँव की कहानी, अध्याय 1 - कक्षा 9 : अर्थशास्त्र

 NCERT Solution for Class 9 Economics Ch 1 - Hindi Medium

NCERT Solution for Class 9 Ch 1 Economics : Palampur Gaon Ki Kahani

अभ्यास

1. भारत में जनगणना के दौरान दस वर्ष में एक बार प्रत्येक गाँव का सर्वेक्षण किया जाता है। पालमपुर से सम्बंधित सूचनाओं के आधार पर निम्न तालिका को भरिए :

(क) अवस्थिति क्षेत्र 

उत्तर :

अवस्थिति क्षेत्र : पालमपुर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित एक काल्पनिक गाँव है। 

(ख) गाँव का कुल क्षेत्र 

उत्तर :

गाँव का कुल क्षेत्र : 300  हेक्टेयर 

(ग) भूमि का उपयोग (हेक्टेयर में)

Arthshastra Ch 1 Class 9 NCERT Solution : Palampur Gaon Ki Kahani

उत्तर :

Palampur Gaon Ki Kahani Class 9 NCERT Solution Economics

(घ) सुविधाएँ 
NCERT Solution : Palampur Gaon Ki Kahani Class 9

उत्तर :

शैक्षिकइस गाँव में दो प्राथमिक विद्यालय तथा एक हाई स्कूल है।
चिकित्साइस गाँव में एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा एक निजी औषधालय भी है जिसमे रोगियों का उपचार किया जाता है।
बाज़ारपालमपुर में बाजार ज़्यादा विकसित नहीं है। लोग शहरों के थोक बाज़ारों से कई प्रकार की वस्तुएँ खरीदते है और उन्हें गाँव में लाकर बेचते है। गाँव में केवल छोटे - छोटे जनरल स्टोर है जिसमे आवश्यक वस्तुएँ मिलती है।
बिजली पूर्तिगाँव के सभी घरों में बिजली की पूर्ति होती है। इसके अतिरिक्त बिजली की पूर्ति नलकूप चलाने तथा छोटे व्यवसायों में भी होती है।
संचारएक बड़ा गाँव , रायगंज , पालमपुर से तीन किलोमीटर की दूरी पर है। प्रत्येक मौसम में यह सड़क गाँव को रायगंज और उससे आगे निकटतम छोटे कस्बे शाहपूर से जोड़ती है। इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं से लदी हुई बैलगाड़ियाँ , भैंसबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे मोटरसाइकिल , जीप , ट्रेक्टर और ट्रक देखे जा सकते है।
निकटतम कस्बाशाहपुर

2. खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है , जिन्हे उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है , क्या आप सहमत है ?

उत्तर :

आधुनिक खेती के तरीकों में अधिक उपज वाले बीजों का उपयोग शामिल है। इन बीजों का सर्वोत्तम परिणाम देने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों , ट्रैक्टरों की तरह कृषि उपकरणों और इलेक्ट्रिक टूबवेल्स जैसी उचित सिंचाई सुविधाओं की आवश्यकता होती है। ये सभी तत्त्व उद्योगों में निर्मित होते है। इसलिए , यह कहना सही होगा कि खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है, जिन्हे उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है। 

3. पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की किस तरह मदद की ?

उत्तर :

पालपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की निम्न तरह से मदद की :

  • बिजली की मदद से ट्यूबवेल चलने लगे जिससे भूमि का अधिकतर भाग सिंचित होने लगा। 
  • बिजली के प्रसार से प्रदुषण कम हुआ है क्योंकि यह एक सस्ता व प्रदुषण मुक्त साधन है जिससे सिंचाई की जाती है। 
  • बिजली के द्वारा कुओं से रहट द्वारा पानी निकालने की जगह ट्यूबवेल से सिंचाई होने लगी। 
  • यह किसानों की फसल की बुआई व कटाई में भी मदद करती है। 
4. क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है ? क्यों ?

उत्तर :

हाँ , सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि -

  • सिंचाई के द्वारा फसलों को सूखाग्रस्त जगहों पर भी उगाया जा सकता है। 
  • नए आधुनिक उच्च पैदावार वाले बीजों के उचित कार्य के लिए सिचाई बहुत आवश्यक है। 
  • नए अन्य आधुनिक आगत जैसे खाद , कीटनाशक आदि भी अप्रभावी हो जाते है यदि सिंचाई की उचित व्यवस्था न हो। 
  • सिंचाई के द्वारा हम उत्पादन की मात्रा को बढ़ा सकते है। 
  • मानसून का आना व जाना अनिश्चित होता है , इसलिए हमें प्रभावी उत्पादन के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है। 
5. पालमपुर के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की एक सारणी बनाइए। 

उत्तर :

परिवारों की संख्या भूमि (हेक्टेयर में)
150भूमिहीन
2402 हेक्टेयर से कम
602 हेक्टेयर से ज्यादा

6. पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम क्यों है ?

उत्तर :

पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम है क्योंकि :

  • पालमपुर  में श्रमिकों की माँगे कम होने व पूर्ति के अधिक होने के कारण पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों के बीच बहुत अधिक प्रतियोगिता है। इसलिए ये श्रमिक स्वयं सरकार द्वारा निर्धारित की मजदूरी से कम मजदूरी पर काम करने को तैयार हो जाते है। 
  • पालमपुर गाँव के अधिकतर खेतिहर श्रमिक कार्यकुशल नहीं है। 
  • श्रमिकों की माँग उनकी पूर्ति से कम है। 
7. अपने क्षेत्र में दो श्रमिकों से बात कीजिए। खेतों में काम करने वाले या विनिर्माण कार्य में लगे मजदूरों में से किसी को चुनें। उन्हें कितनी मजदूरी मिलती है। क्या उन्हें नकद पैसा मिलता है या वस्तु - रूप में ? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है ? क्या वे कर्ज में है ?

उत्तर :

मैंने अपने क्षेत्र में दो मजदुर सलीम और आलम से बात की जो खेतों में काम करते है। उन्हें 80 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती है। 

कभी - कभी उन्हें मजदूरी के बदले चावल व गेहूँ भी मिल जाते है और कभी - कभी पैसे भी मिल जाते है। उन्हें काम फसलों के समय ही मिलता है। वर्ष में 6 - 7 महीने का काम मिलता है जिससे परिवार का भरण - पोषण नहीं हो पाटा। इसलिए उन्होंने ऋण भी ले रखे थे। जिसके कारण वे गरीबी में जकड़े हुए पाए गए। 

8. एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के अलग - अलग कौन से तरीके है ? समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिए। 

उत्तर :

एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के अलग - अलग तरीके निम्नलिखित है :

  • उत्पादन को सिंचाई के आधुनिक संयंत्रों के प्रयोग द्वारा बढ़ाया जा सकता है। 
  • उत्पादन को उच्च पैदावार वाले बीजों के प्रयोग द्वारा बढ़ाया जा सकता है। 
  • उत्पादन को कीटनाशकों का प्रयोग करके भी बढ़ाया जा सकता है। 
  • उत्पादन को आधुनिक उपकरणों जैसे ट्रैक्टर , कंबाइन हार्वेस्टर , थ्रेशर , ड्रिलिंग का प्रयोग करके भी बढ़ाया जा सकता है। 
  • रासायनिक खादों का प्रयोग करके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। 
  • बहुविध फसल प्राणी द्वारा भी उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। 
9. एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान के कार्य का ब्यौरा दीजिए। 

उत्तर :

1 हेक्टेयर भूमि वाले किसान को छोटे किसान की श्रेणी में रखा जाएगा। ज्यादातर काम किसान और उसके परिवार के सदस्य करते है। किसान आमतौर पर खेत की जुताई करने के लिए एक जोड़ी बैलगाड़ी का उपयोग करते है। उसके परिवार के सदस्य बीज बोने में उसकी सहायता करते है। फसल के समय , उसे कुछ मजदूरों को रखने की आवश्यकता होती है। 

10. मझोले और बड़े किसान कृषि से कैसे पूँजी प्राप्त करते है ? वे छोटे किसानों से कैसे भिन्न है ? 

उत्तर :

मझोले और बड़े किसानों के पास अधिक भूमि होती है अर्थात उनकी जोतों का आकार काफी बड़ा होता है जिससे वे अधिक उत्पादन करते है। उत्पादन अधिक होने से वे इसे बाजार में बेच कर काफी पूँजी प्राप्त कर लेते है जिसका प्रयोग वे उत्पादन की आधुनिक विधियों को अपनाने में करते है। 

इनकी पूँजी छोटे किसानों से भिन्न होती है क्योंकि छोटे किसानों के पास भूमि कम होने के कारण उत्पादन उनके भरण - पोषण के लिए भी कम बैठता है। उन्हें आधिक्य प्राप्त न होने के कारण बचतें नहीं होती इसलिए खेती के लिए उन्हें पूँजी बड़े किसानों या साहूकारों से उधार लेकर पूरी करनी पड़ती है जिस पर उन्हें काफी ब्याज चुकाना पड़ता है। 

11. सविता को किन शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला है ? क्या ब्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती ?

उत्तर :

सविता को सिंचाई के लिए बीज , उर्वरक और कीटनाशक खरीदने और पानी के लिए धन की आवश्यकता थी। उसे अपने कृषि उपकरणों की मरम्मत के लिए भी धन आवश्यकता थी। इसलिए , उसे अपने गाँव के एक बड़े किसान तेजपाल सिंह से पैसे उधार लेने का फैसला लिया। तेजपाल सिंह रूपए का ऋण देने के लिए सहमत हुए। चार महीनों के लिए 24 प्रतिशत की ब्याज दर पर 3000 रूपए मिले। तेजपाल ने फसल के मौसम के दौरान अपने खेत पर काम करने के लिए सविता को 35 रूपए प्रतिदिन देकर सहमत किया। 

सविता की स्थिति बेहतर होती अगर वह बैंक से ऋण प्राप्त कर सकती थी। बैंक उसे कम ब्याज दर ऋण देता। इसके अलावा , सविता खेत मजदूर के रूप में तेजपाल सिंह के लिए काम करने के बजाय अपने स्वयं के क्षेत्र में अधिक समय दे सकती थी। 

12. अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात कीजिए और पिछले 30 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों में हुए परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट लिखिए। (वैकल्पिक)

उत्तर :

छात्र स्वयं करें। 

13. आपके क्षेत्र में कौन से गैर - कृषि उत्पादन कार्य कर रहे है ? इनकी एक संक्षिप्त सूची बनाइए। 

उत्तर :

छात्र स्वयं करें। 

14. गाँवों में और अधिक गैर - कृषि कार्य प्रारम्भ करने के लिए क्या किया जा सकता है ?

उत्तर :

गाँवों में और अधिक गैर - कृषि कार्य प्रारम्भ करने के लिए किया जा सकता है :

  • गाँव के लोगों को सस्ती दर पर पूँजी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। 
  • गाँवों के बाज़ारों को शहरों के बाज़ारों से जोड़ा जाना चाहिए। 
  • गाँव की आधारिक संरचना में सुधार किया जाना चाहिए। 
  • सरकार को गाँव के निवासियों की स्थिति में सुधार करने के लिए गैर - कृषि क्रियाओं के प्रशिक्षण की सुविधा की जानी चाहिए। 

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