NCERT Solution - विज्ञान कक्षा 8 अध्याय 10 किशोरावस्था की ओर

 अध्याय 10 : किशोरावस्था की ओर

अभ्यास

1. शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का क्या नाम है ?
उत्तर : हॉर्मोन 

2. किशोरावस्था को परिभाषित कीजिये। 
उत्तर :
जीवनकाल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते है जिसके परिणामस्वरूप जनन परिपक़्वता आती है , किशोरावस्था कहलाती है। 

3. ऋतुस्त्राव क्या है ? वर्णन कीजिये। 
उत्तर :
 ऋतुस्त्राव - यौनारम्भ पर अंडाणु परिपक्व होने लगते है। अंडाशयों में एक अंडाणु परिपक्व होता है तथा लगभग 28 से 30 दिनों के अंतराल  पर किसी एक अंडाशय द्वारा निर्मोचित होता है। इस अवधि में गर्भाशय की दीवार मोटी हो जाती है जिससे वह अंडाणु के निषेचन के पश्चात युग्मनज को ग्रहण कर सके। जिसके फलस्वरूप गर्भधारण होता है। यदि अंडाणु का निषेचन नहीं हो पाता तब उस स्थिति में अंडाणु तथा गर्भाशय का मोटा स्तर उसकी रुधिर वाहिकाओं सहित निस्तारित हो जाता है। इससे स्त्रियों में रक्तस्त्राव होता है जिसे ऋतुस्त्राव अथवा रजोधर्म कहते है। ऋतुस्त्राव लगभग 28 से 30 दिन में एक बार होता है। पहला ऋतुस्त्राव यौनारम्भ में होता है जिसे रजोदर्शन कहते है। लगभग 45 से 50 वर्ष की आयु में ऋतुस्त्राव  होना रुक जाता है। ऋतुस्त्राव के रुक जाने को रजोनिवृति कहते है। 

4. यौनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए। 
उत्तर :
यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तन निम्नलिखित है :-
  • लम्बाई में वृद्धि 
  • शारीरिक आकृति में परिवर्तन 
  • स्वर में परिवर्तन 
  • जनन अंगों का विकास 
  • मानसिक , बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता प्राप्त होना 
  • स्वेद एवं तैलग्रंथियों की क्रियाशीलता में वृद्धि 
5. दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्त्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्त्रावित हॉर्मोन के नाम दर्शाए गए हो। 
उत्तर :

अंतःस्त्रावी ग्रंथियाँ हॉर्मोन
पीयूष वृद्धि हॉर्मोन
थाइरोइड थायरोक्सिन हॉर्मोन
एड्रिनल एड्रिनेलिन
अग्न्याशय इन्सुलिन
वृषण एंड्रोजन
अंडाशय एस्ट्रोजन

6. लिंग हार्मोन क्या है ? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया ? उनके प्रकार्य बताइये। 
उत्तर :
लिंग हार्मोन नर में वृषण द्वारा और मादा में अंडाशय द्वारा स्त्रावित हार्मोन , लिंग हार्मोन कहलाते है। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह नर और मादा लिंग में भिन्न - भिन्न होते है। 
नर लिंग हार्मोन वृषण द्वारा स्त्रावित होता है। इससे लड़के में चेहरे के बालों में वृद्धि होती है। यह शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता उत्पन्न करता है। मादा लिंग हार्मोन अंडाशय द्वारा स्त्रावित होते है। यह मादा में गौण जनन लक्षण जैसे स्तनों की वृद्धि आदि को नियंत्रित करते है। यह गर्भ धारण में सहायक होता है। 

7. सही विकल्प चुनिए -

(क) किशोर को सचेत रहना चाहिए कि वह क्या खा रहे है , क्योंकि 
       (i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है। 
      (ii) शरीर में तीव्रगति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है। 
     (iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है। 
     (iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियाँ) भलिभाँति विकसित होती है। 
उत्तर :
(ii) शरीर में तीव्रगति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है। 

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारम्भ उस समय होता है जब उनके :
       (i) ऋतुस्त्राव प्रारम्भ होता है। 
      (ii) स्तन विकसित होना प्रारम्भ करते है। 
     (iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है। 
     (iv) शरीर की लम्बाई बढ़ती है। 
उत्तर :
 (i) ऋतुस्त्राव प्रारम्भ होता है।

(ग) निम्न में से कौन सा आहार किशोर के लिए सर्वोचित है :
      (i) चिप्स , नूडल्स , कोक 
     (ii) रोटी , दाल , सब्ज़ियाँ 
    (iii) चावल , नूडल्स , बर्गर 
    (iv) शाकाहारी टिक्की , चिप्स तथा लेमन पेय 
उत्तर :
 (ii) रोटी , दाल , सब्ज़ियाँ 

8. निम्न पर टिप्पणी लिखिए -
    (i) ऐडम्स एप्पल 
   (ii) गौण लैंगिक लक्षण 
  (iii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण 
उत्तर :
(i) लड़कों में बढ़ता हुआ 'स्वरयंत्र' गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरे भाग के रूप में दिखाई देता है जिसे एडम्स एप्पल कहते है। 
Adoms Apple Easy Drawing Class 8 Science

(ii) युवावस्था में लड़कियों में स्तनों का विकास होने लगता है तथा लड़कों के चेहरे पर बाल उगने लगते है अर्थात दाढ़ी - मूँछ आने लगती है। ये लक्षण क्योंकि लड़कियों को लड़कों से अलग पहचानने में सहायता करते है , इसलिए इन्हे गौण लैंगिक लक्षण कहते है। लड़कों के सीने पर भी बाल आ जाते है। लड़कों व लड़कियों दोनों में ही बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग या प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते है। ये सभी परिवर्तन हार्मोन द्वारा नियंत्रित होते है और हार्मोन अन्तःस्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित होते है। 

(iii) युग्मक में गुणसूत्रों का जोड़ा होता है। अंडाणु में सदा एक X गुणसूत्र होता है, परन्तु शुक्राणु दो प्रकार के होते है - X तथा Y गुणसूत्र वाले। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो मादा शिशु विकसित होता है और जब Y गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो नर शिशु विकसित होता है। 
Male and Female Birth X and Y chromosomes

इस प्रकार हम कह सकते है कि गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी पिता के लिंग गुणसूत्र है। 
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