NCERT Solution : कक्षा 10 - हिंदी (क्षितिज), पाठ - 9 "मंगलेश डबराल "
प्रश्न - अभ्यास
1. संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है ?
उत्तर :
संगतकार के माध्यम से कवि किसी भी कार्य अथवा कला में लगे सहायक कर्मचारियों और कलाकारों की ओर संकेत कर रहा है। जैसे संगतकार मुख्य गायक के साथ मिलकर उसके सुरों में अपने सुरों को मिलाकर उसके गायन में नयी जान फूंकता है और उसका सारा श्रेय मुख्य गायक को ही प्राप्त होता है।
2. संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के आलावा और किन - किन क्षेत्रों में दिखाई देते है ?
उत्तर :
संगतकार जैसे व्यक्ति निम्नलिखित क्षेत्रों में दिखाई देते है :-
- सिनेमा के क्षेत्र में - फिल्म में अनेकों सह कलाकार, डुप्लीकेट, सह नर्तक व स्टन्टमैन होते है।
- भवन निर्माण क्षेत्र में - मजदूर जो भवन का निर्माण करते है।
3. संगतकार किन - किन रूपों में मुख्य गायक - गायिकाओं की मदद करते है ?
उत्तर :
संगतकार अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा नहीं उठाता। जब मुख्य गायक गाते - गाते थकन अनुभव करता है तो संगतकार उसे सहयोग देता है। जब गायन करते समय मुख्य गायक - गायिका अपनी लय को लाँघकर भटक जाते है तो संगतकार उस भटकाव को संभालता है। गायन के समय यदि गायक - गायिका का स्वर भारी हो तो संगतकार अपनी आवाज़ से उसमे मधुरता भर देता है। यह उसकी मानवीयता है कि वह मुख्य गायक की श्रेष्ठता बनाये रखता है।
4. भाव स्पष्ट कीजिये -
और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
उत्तर :
प्रसंग - प्रस्तुत पंक्तियाँ 'मंगलेश डबराल' द्वारा रचित "संगतकार" कविता से ली गई है। इसमें कवि द्वारा गायन में मुख्य गायक का साथ देने वाले संगतकार की भूमिका के महत्त्व को दर्शाया गया है।
भाव - कवि कहता है कि संगतकार जब मुख्य गायक के पीछे - पीछे गाता है वह अपनी आवाज को मुख्य गायक की आवाज़ से ऊँचे स्वर में नहीं जाने देते ताकि मुख्य गायक की महत्ता कम न हो जाए। यही हिचक (संकोच) उसके गायन में झलक जाती है। वह कितना भी उत्तम हो परन्तु स्वयं को मुख्य गायक से कम ही रखता है। लेखक आगे कहता है कि यह उसकी असफलता का प्रमाण नहीं अपितु उसकी मनुष्यता का प्रमाण है वह शक्ति और प्रतिभा के रहते हुए स्वयं को ऊँचा नहीं उठता, बल्कि अपने गुरु और स्वामी को महत्त्व देने की कोशिश करता है।
5. किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह - तरह से अपना योगदान देते है। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह - तरह से योगदान देते है। जैसे प्रसिद्ध गायक - गायिका जब प्रसिद्धि प्राप्त करते है तो उसमे एक संगीत निर्देशक, गीतकार, तकनीकी साउंड डालने वाले, वाद्य यन्त्र बजाने वाले, संगतकार, निर्माता, उनकी सुविधा का ध्यान रखने वाला एवं प्रशंसा का वातावरण बनाये रखने वाले व्यक्ति का महत्त्वपूर्ण हाथ होता है। अतः किसी भी प्रसिद्द कलाकार के महत्त्व के पीछे उसके सहायकों का भरपूर योगदान होता है।
6. कभी - कभी तारसप्तक की ऊंचाई पर पहुंचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर :
तारसप्तक में गायन करते समय मुख्य गायक का स्वर बहुत ऊँचाई तक पहुँच जाता है। जिसके कारण स्वर के टूटने का आभास होने लगता है और इसी कारण वह अपने कंठ से ध्वनि का विस्तार करने में कमजोर हो जाता है। तब संगतकार उसके पीछे मुख्य धुन को दोहराता चलता है। वह अपनी आवाज से उसके बिखराव को सँभाल लेता है।
7. सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है तब उसे सहयोगी किस तरह सँभालते है ?
उत्तर :
सफलता के चरम शिखर पर पहुंचकर यदि व्यक्ति लड़खड़ाने लग जाता है तो इसके सहयोगी अपने सुझावों द्वारा उसके कदमों को नई दिशा देते है, अपने मनोबल द्वारा इसके मनोबल को सँभालते है तथा उसका मार्गदर्शन करते है। उसकी खोई आत्मशक्ति को एकत्र कर और फिर से उठने की हिम्मत देते है। वे अपनी शक्ति उसके लिए लगा देते है। वे उसकी कमी को पूरा करने का भरसक प्रयास करते है।
रचना और अभिव्यक्ति
8. कल्पना कीजिये कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाए -
(क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिये।
उत्तर :
एक बार एक नृत्य समारोह में मैंने और मेरे मित्र ने भाग लिया था। दोनों ने उसके लिए बहुत ज्यादा अभ्यास किया था। उसके अनुरूप वस्त्र बनवाये थे। दुर्भाग्यवश स्पर्धा के दिन उसकी माता जी बीमार हो गयी और वह नहीं आ पाया। मेरे तो जैसे हाथ - पाँव फूल गए। क्या करता ! तब मेरे मित्र और माता - पिता ने मुझे ढांढस बंधाई। जिस गाने की तयारी की थी उसमे साथी की आवश्यकता थी। मैंने फिर दूसरे गाने पर जैसा आया वैसा नृत्य किया। स्पर्धा के दिन अगर सहयोगी कलाकार न आये तो दिन में तारे नज़र आ जाते है।
(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे ?
उत्तर :
स्पर्धा के दिन अगर सहयोगी कलाकार न आये तो दिन में तारे नज़र आ जाते है। ऐसे में हिम्मत से काम लेना चाहिए। डरे बिना, सूझ - बुझ से काम लेना चाहिए। तुरंत क्या प्रस्तुत कर सकते है उसकी मस्तिष्क में योजना बना लेनी चाहिए। इससे दर्शकगण का सामना करने का मनोबल बढ़ेगा।
9. आपके विद्यालय में मनाये जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर :
किसी कार्यक्रम की सफलता में मंच के पीछे काम करने वाले व्यक्तियॉं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्हें मंच पर चल रही हर गतिविधियों पर बारीकी से काम करना पड़ता है। कलाकार की छोटी सी छोटी आवश्यकता को समय रहते पूरी करना होता है। अगर वे छोटी सी भूल भी करें तो बहुत बड़ी समस्या हो सकती है। जैसे किसी नृत्य के लिए किसी और नृत्य का गाना लगा देना।
10. किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे ?
उत्तर :
किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर नहीं पहुँच पाते क्योंकि संगतकार जब मुख्य गायक के पीछे - पीछे गाता है वह अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से अधिक ऊँचे स्वर में नहीं जाने देते ताकि मुख्य गायक की महत्ता कम न हो जाए। यही हिचक (संकोच) उसके गायन में झलक जाती है। वह कितना भी उत्तम हो परन्तु स्वयं को मुख्य गायक से कम ही रखता है। यह उसकी असफलता का प्रमाण नहीं अपितु उसकी मनुष्यता का प्रमाण है कि वह शक्ति और प्रतिभा के रहते हुए स्वयं को ऊँचा नहीं उठाता, बल्कि अपने गुरु और स्वामी को महत्त्व देने की कोशिश करता है।
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