NCERT Solution for Kshitij Class 10 Hindi Ch 4 - जयशंकर प्रसाद

 NCERT Solution : हिंदी (क्षितिज), कक्षा 10, पाठ - 4 : जयशंकर प्रसाद 

प्रश्न - अभ्यास

1. कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है ?
उत्तर :
आत्मकथा लिखने के लिए अपने मन की दुर्बलताओं, कमियों का उल्लेख करना पड़ता है। कवि स्वयं को इतना सामान्य मानता है कि आत्मकथा लिखकर वह खुद को विशेष नहीं बनाना चाहता है, कवि अपने व्यक्तिगत अनुभवों को दुनिया के समक्ष व्यक्त नहीं करना चाहता। क्योंकि वह अपने व्यक्तिगत जीवन को उपहास का कारण नहीं बनाना चाहता। इन्ही कारणों से कवि आत्मकथा लिखने से बचना चाहता है। 

2. आत्मकथा सुनाने के सन्दर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है ?
उत्तर :
कवि के अनुसार उनके जीवन में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसको शब्दों से पिरोकर वह लोगो के लिए प्रेरणाश्रोत बन सके। 
कवि का मानना है कि उनका जीवन संकटों एवं अभावो से ग्रस्त है, ऐसे में वह अपनी आत्मकथा को शब्दों में डालकर अपना दुःख सबको नहीं कहना चाहते, इसलिए कवि के अनुसार अभी आत्मकथा सुनाने का समय नहीं हुआ है। 

3. स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर :
स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का आशय 'जीवनयात्रा में मजबूती' से है। 
जिस प्रकार एक पथिक के रास्ते का सहारा व मजबूती पाथेय (रास्ते का भोजन) होता है, ठीक उसी प्रकार कवि अपने आगे के जीवन के लिए वो तमाम स्मृतियो को अपना सहारा मान लेता है जिससे उन्हें सुख की प्राप्ति हुई तथा वही स्मृतियाँ उन्हें उनकी आगे की जीवनयात्रा में मजबूती प्रदान करेंगी। 

4. भाव स्पष्ट कीजिये -
   
(क) मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया। 
        आलिंगन में आते - आते मुसक्या कर जो भाग गया। 
उत्तर :
इन पंक्तियों में कवि कहते है कि उनको वह सुख कभी नहीं मिल पाया जिसका उन्हें हमेशा से इंतजार था। वह हमेशा ही उस सुख से वंचित रहे। वह सुख कई बार उनके पास आते - आते रह गए। 

(ख) जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुन्दर छाया में। 
        अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में। 
उत्तर :
इन पंक्तियों में कवि अपनी प्रेयसी के रूप का वर्णन करते हुए कहते है कि प्रेयसी के चेहरे की लालिमा इतनी अधिक थी कि भोर वेला भी अपनी लाली उसी के मुँख की लालिमा से लेती थी। कवि की प्रेमिका का मुख सौंदर्य उषाकालीन लालिमा से भी बढ़कर था। 

5. 'उज्जवल गाथा कैसे गाऊँ , मधुर चाँदनी रातों की' - कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर :
इन पंक्तियों में कवि अपनी प्रेमिका के साथ चाँदनी रात में बिताए कुछ अनमोल पलों की बात कर रहे है। वह नहीं चाहते है कि उन सुनहरे पलों को वह किसी के भी साथ बाँटे व उसकी जगहँसायी हो। 
कवि उन पलों को अपने जीवन का आधार मानकर व निजी सम्पति की तरह बस अपने पास संजों लेना चाहता है। 

6. 'आत्मकथ्य' कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए। 
उत्तर :
  • अनुप्रास अलंकार के प्रयोग से काव्य की सुंदरता में चार - चाँद लग गए। उदाहरण : पथिक की पन्था की , आदि। 
  • तत्सम शब्दों का सुन्दर प्रयोग। उदाहरण : इस गंभीर अनंत नीलिमा में असंख्य जीवन इतिहास। 
  • मानवीकरण शैली का प्रयोग। उदाहरण : अरी सरलते तेरी हंसी उड़ाऊँ मैं। 
7. कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है ?
उत्तर :
कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में 'अपूर्ण' दिखाया गया है। कवि ने सपने में अपनी प्रियतमा को देखा एवं आनंद महसूस किया परन्तु कवि की प्रियतमा आलिंगन में आते - आते गम हो गई। 
कवि कहता है की उसने जो सुख का सपना देखा वह सदा के लिए अपूर्ण रह गया तथा वह हमेशा के लिए सुखों से वंचित हो गया। 

रचना और अभिव्यक्ति 

8. इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दों में लिखिए। 
उत्तर :
इस कविता के माध्यम से हमें पता चलता है कि प्रसाद जी एक बेहद ही सादे और सरल व्यव्हार के थे। उन्हें दिखावा जरा भी पसंद नहीं था तथा वह अपने दुखों को अपने तक रखना भलीभाँति जानते थे। 

9. आप किन व्यक्तियों की आत्मकथा पढ़ना चाहेंगे और क्यों ?
उत्तर :
हम गांधीजी और नेहरू जी की आत्मकथा पढ़ना चाहेंगे क्योंकि उन्हें संपूर्ण भारत को एक नई राह दी। 

अन्य पाठों के प्रश्नोत्तर

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