विज्ञान के लाभ - हानि पर निबंध | Essay on Advantage and Disadvantage of Science in Hindi

 विज्ञान के लाभ - हानि पर निबंध | Essay on Advantage and Disadvantage of Science in Hindi | Class 6 | व्याकरण 

आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान की अद्भुत क्रांति ने असंभव को संभव बना  दिया है। यहाँ तक कि विज्ञान ने तो मानव का जीवन ही बदलकर रख दिया है। विज्ञान की अनेक खोजों के फलस्वरूप हमें सुख के अनेक साधन प्राप्त हो गए है। विज्ञान ने टेलीफोन, सिनेमा, टेलीविज़न, वायुयान, यातायात के तीव्र गति से चलने वाले साधन आदि के अविष्कार से मानव जीवन को सुखमय बना दिया है। जीवन के हर क्षेत्र में विद्युत के अविष्कार ने क्रांति ला दी है। विभिन्न मशीनो की खोज ने उसका कार्य अत्यंत सरल बना दिया है। रोबोट उसका हर काम करने को तैयार है। 
विज्ञान ने अंतरिक्ष की यात्रा के साधन प्रदान कर मानव को एक नई दुनिया में कदम रखने में समर्थ कर दिया है। आज  मानव ने चाँद पर जाकर उसके रहस्यों का पता लगा लिया है। वह मंगल ग्रह पर भी जाने को तैयार है। धरती, आकाश या पाताल का कोई भी क्षेत्र विज्ञान की पहुँच से अछूता नहीं है। 
स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान की उपलब्धियाँ कम नहीं है। अनेक असाध्य बीमारियाँ जैसे - मलेरिया, हैजा, चेचक, तपेदिक, प्लेग, टी.बी., कैंसर आदि पर उसने नियंत्रण पा लिया है। ऑपरेशन द्वारा मानव के अंग का प्रत्यारोपण अब काफी सरल हो गया है। 
विज्ञान के कारण ही कृषि में हरित क्रांति संभव हो सकी और खाद्यान के मामले में भारत आत्मनिर्भर बन सका है। उच्च किस्म के बीजों, उन्नत यंत्रों तथा सिंचाई के साधनो के कारण अब भारतीय किसान को प्रकृति की दया पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। विज्ञान ने उसकी कृषि उपज में वृद्धि कर दी है। 
आवश्यकता अविष्कार की जननी है। विज्ञान ने एक के बाद एक अविष्कार कर जीवन को सुखी बना दिया है। आज एक बटन दबाते ही कमरा प्रकाश से भर उठता है तो दूसरा बटन दबाते ही मनोरंजन का पूरा संसार हमारे सामने आ जाता है।  रिमोट का बटन दबाते ही सी.डी. प्लेयर, टेलीविज़न हमारी पसंद के कार्यक्रम प्रस्तुत करने लगते है। टेलीविज़न हमें सात समुद्र  पार का हाल - चाल दिखाने व बताने को भी तैयार रहता है। विज्ञान ने रेल, मोटर, वायुयान से हमारी यात्रा सुखद बना दी है। उसने पहाड़ो को काटकर रेल लाइनें बिछाई। नदियों का प्रवाह रोककर बाँध बनाये। 
विज्ञान ने जहा मानव को इतने सुख - साधन  दिए है वहीं यह मानव के लिए अभिशाप भी बन गया है। विज्ञान के संहारकारी अस्त्र - शस्त्रों से समूचा मानव जीवन खतरे में पड़ गया है। परमाणु बम और घातक हथियारों ने सम्पूर्ण विश्व की नींद उड़ा दी है। हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु बम हमले इसके उदाहरण हैं। आज यदि युद्धों में इन अस्त्रों का प्रयोग किया गया तो पृथ्वी से समूची मानवता का नामोनिशान मिट सकता है। 
वैसे विज्ञान ने हमें दोनों ही तरह के साधन  दिए है। यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है कि हम इनका प्रयोग कैसे करते है। मानव तथा वैज्ञानिकों को चाहिए कि विज्ञान का प्रयोग मानवता के कल्याण के लिए ही करे, विनाश के लिए नहीं। इसके उचित प्रयोग से यदि पृथ्वी स्वर्ग बन सकती है तो इसके दुरूपयोग से पृथ्वी को नर्क बनने में देर नहीं लगेगी। अतः हमें सोच समझ कर ही विज्ञान के अविष्कारों का प्रयोग करना चाहिए। 
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