NCERT Solution for Bal Ram Katha Class 6 Hindi

 NCERT Solution : बाल राम कथा - कक्षा 6 हिंदी 

प्रश्न - अभ्यास

1. पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तस्वीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आसपास की किसी जगह का ऐसा बारीक चित्रण करो। यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे , गली की चहल - पहल , सड़क के नज़ारे आदि किसी का भी हो सकता है जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो। 
उत्तर :
ऊधमपुर पहाड़ी पर बसा एक छोटा - सा नगर है। नगर की शोभा देखते ही बनती है। यह कश्मीर राज्य में स्थित है। यहाँ सैनिक (थल सेना व वायु सेना) चारों तरफ दिखाई देते है। ये अपने - अपने गणवेश में अपनी ड्यूटी पर हर समय तैनात रहते है। पानी के झरनों का क्या कहना , लोग यहाँ बिना किसी बैर - भाव के स्नान करते तथा कपडे धोते बावड़ियों पर नजर आते है। थोड़ी - थोड़ी दूरी पर छोटे - छोटे मंदिर हैं। यहाँ कुछ कश्मीरी लोग और कुछ डोगरी लोग है। सभी लोग मैत्रीभाव से रहते है। सुख - दुःख में एक - दूसरे का साथ देने को हर समय उद्यत रहते है। बाज़ार कश्मीरी कढ़ाई के सूटों , कम्बलों तथा शालों से भरा पड़ा है। सभी लोग ईमानदार है। 

2. विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा , इसलिए वे क्रोध पी गए। तुम्हे भी कभी - कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हे कब - कब गुस्सा आता है और उसका क्या परिणाम होता है ?
उत्तर :
हाँ , हमें भी कभी - कभी गुस्सा आता है जैसे कि -
  • सुबह जल्दी उठने में 
  • स्कूल में ढेर सारा गृहकार्य मिलने पर 
  • मम्मी जब फ़ास्ट फ़ूड जैसे मैगी , मैक्रोनी आदि खाने को मना करती है। 
  • पापा जब हमारे द्वारा सामान की लिस्टों में कुछ कटौती करते है। 
  • जब घर में ढेर सारे मेहमान आ जाते है और मम्मी उनमे व्यस्त हो जाती है , हमारी तरफ ध्यान ही नहीं देती। 
लेकिन इन सभी अवसरों पर गुस्सा पीना ही पड़ता है। यदि न पीयें तो भयंकर परिणाम निकल सकते है। 

3. राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को ख़ुशी - ख़ुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा ?
उत्तर :
राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय अर्थात राम का वनवास जाना ख़ुशी - ख़ुशी स्वीकार किया क्योंकि वे पितृभक्त थे। उन्होंने यही संस्कार पाए थे कि पितृज्ञा से बढ़कर कोई अन्य धर्म नहीं है। वे बुढ़ापे की अवस्था में अपने पिता को कष्ट नहीं पहुँचाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने पिता का निर्णय ख़ुशी - ख़ुशी स्वीकार कर लिया। 

4. विश्वामित्र ने कहा , "ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा है। इनसे कोई डर नहीं है। " उन्होंने ऐसा क्यों कहा ?
उत्तर :
विश्वामित्र राम - लक्ष्मण को जंगल में से लेकर जा रहे थे। वह जंगल इतना घना था कि सूर्य की रोशनी भी पृथ्वी पर नहीं पड़ सकती थी। तरह - तरह के जानवरों की डरावनी आवाजें आ रही थी। नन्हे राजकुमार इन आवाजों या सघन वन से डर न जाएँ , इसी कारण विश्वामित्र ने ऐसा कहा कि ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा है। इनसे कोई डर नहीं है। 

5. लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक - कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था ? अपने उत्तर का कारण बताओ। 
उत्तर :
शूर्पणखा रावण की बहन थी। उसने मायाजाल द्वारा अपना रूप - सौंदर्य बदल लिया था और अपने सौंदर्य पर अहंकार होने के कारण ही वह राम - लक्ष्मण को मोहित कर रही थी। लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक - कान तब काटे जब उसने सीता पर वार किया। अपनी भाभी की रक्षा हेतु लक्ष्मण ने तलवार उठाई थी जो कि उचित था। 

6. विश्वामित्र और कैकेयी दोनों ही दशरथ को रघुकुल के वचन निभाने की प्रथा याद दिलाते है। तुम अपने अनुभवों की मदद से बताओ कि क्या दिया हुआ वचन निभाना संभव होता है ?
उत्तर :
दिया हुआ वचन हमेशा निभाना संभव नहीं होता है। कभी - कभी अपनी संतान के आगे मनुष्य विवश हो जाता है और अपना वचन पूरा नहीं कर पाता है। 

7. मान लो कि तुम्हारे स्कूल में रामकथा को नाटक के रूप में खेलने की तैयारी चल रही है। तुम इस नाटक में उसी पात्र की भूमिका निभाना चाहते हो जो तुम्हे सबसे ज़्यादा अच्छी , दिलचस्प या आकर्षक लगती है। वह पात्र कौन सा है और क्यों ?
उत्तर :
यदि हमारे स्कूल में रामकथा को नाटक के रूप में खेलने की तैयारी चल रही हो तो मैं नाटक में 'राम' की भूमिका निभाना चाहूंगा , क्योंकि राम ही मुझे सबसे दिलचस्प व आकर्षक लगते है। जिसका कारण यह है कि राम में वीरता व पराक्रम की धाक बचपन से ही थी। वह पिता की हर आज्ञा को स्वीकार कर उसका पालन करते रहे। राम अपने भाइयों से बहुत प्रेम करते थे। उन्होंने पिता की तरह तीन विवाह नहीं किए और पत्नीव्रत रहे। राम ने सुग्रीव से मैत्री कर उसे निभाया और उसके संकटों को दूर किया। 

8. सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थी जबकि राम राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे। तुम किससे सहमत हो - राम या सीता से ? कारण बताते हुए उत्तर दो। 
उत्तर :
वन में ऋषि - मुनियों ने राम के समक्ष राक्षसों के अत्याचारों का वर्णन किया। ऋषियों की हड्डियों के ढेर दिखाए जिन्हे राक्षसों ने मारा था। कई राक्षसों ने राम - लक्ष्मण पर भी अकारण प्रहार किए थे। राक्षसों के अत्याचार की कहानियाँ सुनकर राम ने राक्षसों का विनाश करना ही उचित समझा। हम राम के राक्षस - वध के विचार से पूर्णतया सहमत है , क्योंकि ऋषि - मुनियों के कार्यों में अकारण बाधा उत्पन्न करना सर्वथा अनुचित था। 

9. रामकथा के तीसरे अध्याय में मंथरा कैकेयी को समझाती है कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक़ में नहीं है। इस प्रसंग को अपने शब्दों में कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत करो। 
उत्तर :
महल में सोई हुई कैकेयी के कमरे में मंथरा का प्रवेश। 
मंथरा - अरी रानी ! सोई रहेगी क्या , जब सब कुछ लूट जाएगा तभी जागना। 
कैकेयी - क्या हुआ मंथरा ?
मंथरा - महल में क्या हो रहा है , कोई खबर है तुम्हे ?
कैकेयी - क्या हो रहा है ?
मंथरा - राजमहल में राम के राज्याभिषेक की तैयारियाँ हो रही है। 
कैकेयी - अच्छी बात है , राम इस योग्य भी है , ज्येष्ठ पुत्र भी है , उसका अधिकार भी है। बड़ी ख़ुशी का उत्सव है। 
मंथरा - रानी ! तुम तो निरी मुर्ख हो , भोली हो। तुम्हे मालूम है राम के राजगद्दी पर बैठते ही तुम कौशल्या की दासी बन जाओगी , राम भरत को राज्य से निकाल देंगे। 
कैकेयी को कुछ - कुछ समझ आने लगता है। वह विलाप करने लगती है। 
कैकेयी - हाय ! मंथरा। अब मैं क्या करूँ ?
मंथरा - याद है , रणभूमि में राजा दशरथ ने तुम्हे दो वरदान देने को कहा था। अब समय है कि तुम दो वरदान माँग लो। एक भरत को युवराज बनाकर उसका राज्याभिषेक , दूसरा राम को 14 वर्ष का वनवास। चौदह वर्षों तक भरत राजगद्दी को भली प्रकार संभाल लेगा और लोग राम को भूल जाएंगे। 
कैकेयी - हाँ , यह ठीक है , मगर कैसे ?
मंथरा - तुम अभी मैले वस्त्र पहनकर कोपभवन चली जाओ। तुम दशरथ की सबसे प्रिय रानी हो। दशरथ तुम्हे दुखी नहीं देख सकेंगे। 
कैकेयी वैसा ही करती है। 

10. तुमने 'जंगल और जनकपुर' तथा 'दंडक वन में दस वर्ष' में राक्षसों द्वारा मुनियों को परेशान करने की बात पढ़ी। राक्षस ऐसा क्यों करते थे ? क्या यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रहते ? कारण बताते हुए उत्तर दो। 
उत्तर :
राक्षस अहंकार वश मुनियों को परेशान करते थे। इतिहास साक्षी है कि एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकती। अर्थात एक राज्य दो के अधीन नहीं हो सकता या तो मुनि वनों में रहते या राक्षस। राक्षसों की प्रवृति तो हमारे शास्त्रों में भी लिखी गई है। राक्षस तामसी प्रवृति के होते है और मुनि सात्विक प्रवृति के। फिर तामसिक का सात्विक प्रवृति से मेल कैसे संभव है ? इसलिए मुनि व राक्षस एक साथ शांतिपूर्वक वन में नहीं रह सकते थे। 

11. हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में क्या - क्या बताया होगा ?
उत्तर :
हनुमान ने लंका से लौटकर लंका का हाल संक्षेप में सुनाया कि वह कितनी सुन्दर व अद्भुत नगरी थी। वह सोने की बनी हुई थी। उसकी दीवारें व कंगूरे ऊपर आकाश की तरफ उठते दिखाई दे रहे थे। लंका जगमगा रही थी। चारों तरफ सुवासित उद्यान , भव्य भवन तथा हवा में लहराती संगीत धाराएँ मन मोह रही थी। राक्षस नगरी में इतनी सुंदरता , उन्होंने ऐसा नगर पहले कभी नहीं देखा था। उन्होंने सीता के बारे में बताया कि मैंने उन्हें देखा और उनसे बात की। यह समाचार शीघ्र श्री राम तक पहुंचाना चाहिए क्योंकि समय अधिक नहीं है। 

12. तुमने बहुत सी पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ पढ़ी होंगी। उनमे क्या अंतर होता है ? यह जानने के लिए पाँच - पाँच के समूह में कक्षा के बच्चे दो - दो पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ इकठ्ठा करें। कथ्य (कहानी) , भाषा आदि के अनुसार दोनों प्रकार की कहानियों का विश्लेषण करें और उनके अंतर लिखें। 
उत्तर :
छात्र स्वयं करें। 

13. क्या होता यदि -
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते। 
(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझावा माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता। 
उत्तर :
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते तो न राम वनवास जाते और न ही रामकथा आगे बढ़ती। 
(ख) रावण ने विभीषण तथा अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता तो अनेक राक्षस जीवित रहते। रावण अपने भाई व पुत्रों सहित स्वर्ण लंका में आराम से जीवित रहता। विभीषण को राजगद्दी प्राप्त नहीं होती। रावण की मृत्यु राम के हाथों न होती और सीता को अग्नि परीक्षा भी न देनी पड़ती। 

14. नीचे कुछ चारित्रिक विशेषताएँ दी गई है और तालिका में कुछ पात्रों के नाम दिए गए है। प्रत्येक नाम के सामने उपयुक्त विशेषताओं को छाँटकर लिखो -
पराक्रमी , साहसी , निडर , पितृभक्त , वीर , शांत , दूरदर्शी , त्यागी , लालची , अज्ञानी , दुश्चरित्र , दीनबंधु , गंभीर , स्वार्थी , उदार , धैर्यवान , अड़ियल , कपटी , भक्त , न्यायप्रिय और ज्ञानी। 
  • राम _____
  • लक्ष्मण _______
  • रावण _______
  • विभीषण _______
  • सीता _______
  • कैकेयी ________
  • हनुमान _______
  • भरत _______
उत्तर :
  • राम - पराक्रमी , पितृभक्त , दीनबंधु , वीर , साहसी , निडर , शांत , दूरदर्शी , त्यागी , गंभीर , उदार , धैर्यवान , न्यायप्रिय , ज्ञानी। 
  • लक्ष्मण - निडर , त्यागी , वीर , पराक्रमी , साहसी। 
  • सीता - शांत , गंभीर , उदार। 
  • कैकेयी - लालची , स्वार्थी। 
  • रावण - कपटी , अड़ियल , दुष्चरित , अज्ञानी , स्वार्थी। 
  • हनुमान - भक्त , दूरदर्शी , पराक्रमी , साहसी , वीर। 
  • विभीषण - न्यायप्रिय , ज्ञानी , धैर्यवान। 
  • भरत - त्यागी , भक्त। 
15. तुमने अपने आसपास के बड़ों से रामायण की कहानी सुनी होगी। रामलीला भी देखी होगी। क्या तुम्हे अपनी पुस्तक रामकथा की कहानी और बड़ो से सुनी रामायण की कहानी में कोई अंतर नज़र आया ? यदि हाँ तो उसके बारे में कक्षा में बताओ। 
उत्तर :
रामायण की कहानी व रामकथा लगभग एक जैसी हैं। लेकिन रामायण के कुछ प्रसंगों का रामकथा में उल्लेख नहीं है , जैसे - अहल्या उद्धार की कथा , राम - परशुराम की भेंट , कैकेयी द्वारा राजा दशरथ के प्राणों की रक्षा करना आदि। 

16. रामकथा में कई नदियों और स्थानों के नाम आए है। इनकी सूची बनाओ और एटलस में देखो कि कौन - कौन सी नदियाँ और जगहें अभी भी मौजूद है। यह काम तुम चार - चार के समूह में कर सकते हो। 
उत्तर :
छात्र स्वयं करें। 

17. यह रामकथा वाल्मीकि रामायण  पर आधारित है। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस  के बारे में जानकारी इकठ्ठा करो और उसे चार्ट पेपर पर लिखकर कक्षा में लगाओ। 
जानकारी प्रस्तुत करने के निम्नलिखित बिंदु हो सकते है -
  • रामकथा का नाम 
  • रचनाकार का नाम 
  • भाषा / प्रांत 
उत्तर :
छात्र स्वयं करें। 

18. 'नगर में बड़ा समारोह आयोजित किया गया था। धूमधाम से। ' (पृ . 3)
'एक दिन ऐसी ही चर्चा चल रही थी। गहन मंत्रणा। ' (पृ . 4)
'पांच दिन तक सब ठीक - ठाक चलता रहा। शांति से। 
निर्विघ्न। ' (पृ . 10)
रामकथा की इन पंक्तियों में कुछ वाक्य केवल एक या दो शब्दों के है। ऐसा लेखक ने किसी बात पर बल देने के लिए , उसे प्रभावशाली बनाने के लिए या नाटकीय बनाने के लिए किया है। ऐसे कुछ और उदाहरण पुस्तक से छाँटो और देखो कि इन एक - दो शब्दों के वाक्य को पिछले वाक्य में जोड़कर लिखने से बात के असर में क्या फर्क पड़ता है। उदाहरण के लिए - 
'पाँच दिन तक सब शांति से , निर्विघ्न और ठीक - ठाक चलता रहा। '
उत्तर :
(i) कैकेयी ने राज लेने का जो तरीका अपनाया वह अनुचित था। निर्मम था। 
उपरोक्त वाक्य में 'तरीका' के लिए 'निर्मम' शब्द का प्रयोग हुआ है। 
(ii) महर्षि ने उन्हें एक 'पहाड़ी' दिखाई। सुन्दर स्थान। सुरम्य दृश्य। 
उपरोक्त वाक्य में 'पहाड़ी' की विशेषता प्रकट करने के लिए 'सुंदर' तथा 'सुरम्य' शब्द का प्रयोग हुआ है। 
(iii) मैं राम के लौटने की प्रतीक्षा करूँगा। चौदह वर्ष। 
उपरोक्त वाक्य में 'लौटने' के लिए 'चौदह वर्ष' शब्द का प्रयोग हुआ है। 
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