Taro's Reward Hindi Translation

 Hindi Translation of the Story "Taro's Reward"

A young...............needed.

एक युवा लकड़हारा जिसका नाम तारो था, अपनी माँ एवं पिता के साथ एक वीरान पहाड़ी के पास रहता था। सारा दिन वह जंगल में लकड़ी चीरता -फाड़ता रहता था। यद्यपि वह बहुत परिश्रम करता था, फिर भी बहुत थोड़ा कमा पाता था। इस कारण वह उदास रहने लगा, क्योंकि वह एक विचारशील बेटा था तथा अपने वृद्ध पिता की सभी जरूरते पूरी करना चाहता था। 

One evening..................before.

एक शाम जब तारो और उसके माता -पिता झोंपड़ी के कोने में बैठे थे, तेज पवन चलने लगी। झोपड़ी की दरारों से हवा सी -सी का शोर करती आई और हर प्राणी ठण्ड से कांप गया। सहसा तारो के पिता बोले, "काश, इस समय एक प्याला साके मिल जाता तो मेरे शरीर में गर्मी आ जाती और मेरे दिल को भी लाभ पहुँचता। "

पिता के इन शब्दों ने तारो को पहले से भी अधिक उदास कर दिया, क्योंकि दिल को गर्मी पहुँचाने वाला जापानी पेय साके बहुत महँगा था। 'मैं किस प्रकार से अधिक पैसा कमाऊँ ?' उसने स्वयं से पुछा। उसने पहले की अपेक्षा अधिक परिश्रम करने का निर्णय ले लिया। 

Next morning.................water.

अगली प्रातः तारो आम दिनों की अपेक्षा कुछ पहले ही उठ गया तथा वह जंगल को चल दिया। उसने लकड़ियाँ काटी, उनके टुकड़े किए। सूर्य के चढ़ते -चढ़ते इतनी गर्मी हो गई कि उसे अपनी जैकेट उतारनी पड़ी। उसका मुँह सूख रहा था, और उसका चेहरा पसीने से तर था। "मेरे बेचारे वृद्ध पिता !" उसने सोचा -"काश वह भी उतनी ही गर्मी महसूस कर पाते जितनी कि मैं कर रहा हूँ। "

और इस विचार के साथ उसने अधिक शीघ्रता से कुल्हाड़ी चलानी शुरू कर दी, सोचता रहा कि आज जो अतिरिक्त पैसा कमायेगा उससे वह अपने बूढ़े पिता की हड्डियों को गर्मी पहुँचाने वाली साके खरीद लेगा। तभी अचानक उसने लकड़ी काटना रोक दिया। यह कैसी आवाज उसे दी ? क्या यह बहती जलधारा का शोर है ?

Taro could.....................the floor.

तारो को याद नहीं आया कि कभी उसने जंगल के इस हिस्से में कोई जलप्रवाह देखा या उसकी आवाज सुनी हो। उसे प्यास लगी थी। कुल्हाड़ी उसके हाथों से गिर गई तथा वह उस शोर की ओर भाग चला। 

तारो ने चट्टान के पीछे छिपा एक सुन्दर छोटा -सा झरना देखा। एक स्थान पर घुटनों के बल बैठकर जहाँ जल मंद गति बिना शोर किये बह रहा था, उसने अपने हाथों को प्याला या चुल्लू बनाकर पिया। क्या यह पानी था ? अथवा क्या यह साके था ? उसने बार -बार पानी का स्वाद लिया और हमेशा ही उसने ठन्डे जल की बजाय स्वादिष्ट साके का स्वाद लिया। 

तारो ने शीघ्रता से अपना घड़ा जो साथ लाया था, भरा और तेज़ कदमों से घर की ओर चल दिया। वृद्ध व्यक्ति साके पीकर खुश हो गया। पेय का एक ही घूँट पीकर उसकी कंपकंपी रुक गई और फर्श के बीच में वह कुछ नाचने सा लगा। 

That afternoon...............was empty.

 उस दिन शाम को एक पड़ोसन मिलने आ गई। तारो के पिता ने विनम्रतापूर्वक उसे एक प्याला साके दिया। महिला ने जल्दी से वह पेय पी लिया तथा उसने वृद्ध व्यक्ति को धन्यवाद दिया। फिर तारो ने उसे अपने मायावी या जादुई झरने की कहानी सुनाई। इस स्वादिष्ट पेय की लिए धन्यवाद देकर महिला तेज कदमो से चल दी। रात होते -होते उसने पुरे गांव में वह कहानी फैला दी। उस शाम लकड़हारे के घर पर एक लम्बा जुलूस आगंतुकों का आ गया। हरेक ने झरने की कहानी सुनी तथा एक -एक घूँट साके पिया। एक घंटे के अंदर ही घड़ा खाली हो गया। 

Next morning...............cold water.

अगली सुबह तारो पिछली प्रातः की अपेक्षा कुछ पहले ही काम के लिए चल दिया। अपने साथ वह एक बड़ा घड़ा ले गया , क्योंकि वह झरने पर सबसे पहले पहुंचना चाहता था। जब वह वहां पहुंचा, तो अपने सभी पड़ोसियों को वहा देखकर उसे बहुत आश्चर्य हुआ। वे अपने साथ घड़े, बाल्टियाँ आदि लाये थे -जो कुछ भी उनके हाथ लगा था ताकि वे जादुई साके को भर कर घर ले आये। फिर एक गाँववासी वहीँ झुक गया तथा उसने पीने के लिए अपना हाथ जलप्रपात के नीचे कर दिया। उसने बार -बार पिया और फिर क्रोध से चीखा, "जल, मात्र जल है !" अन्य व्यक्तियों ने भी प्रयास किया, पर ठंडा पानी ही उन्हें हाथ लगा, साके नहीं। 

"We have been..............cold water.

"हमें उल्लू बनाया गया है। " ग्रामवासी चिल्लाये। "तारो कहाँ है ? हम उसे इसी जलप्रपात में डुबो देंगे। " पर तारो बुद्धिमान निकला, जब उसने स्थिति बिगड़ते देखी तो एक चट्टान के पीछे जाकर छिप गया। 

क्रोध तथा निराशा से बड़बड़ाते हुए गाँववासी वहां से चले गये। तारो अपने छिपने के स्थान से बाहर आया। क्या यह सच था , उसे हैरानी हुई ? क्या साके मात्र सपना था ? एक बार फिर उसने थोड़ा -सा द्रव  अपने हाथों में लिया तथा होठों से लगाया। वही उत्तम किस्म का साके था। अन्य व्यक्तियों को प्रपात केवल ठंडा जल ही देता था। 

The story of.................parents.

तारो की तथा उसके जादुई झरने की कहानी जापान के शासक के कानो में भी पहुँची। उसने युवा लकड़हारे को बुलाया , तथा उसे इतना नेक और दयालु होने के लिए 20 स्वर्ण मुद्राएँ पुरस्कार के रूप में दी। फिर उसने नगर के सर्वाधिक सुन्दर पार्क का नाम भी तारो रख दिया। यह सम्राट बोले, सभी बच्चों को प्रोत्साहन देगा कि वे अपने माता -पिता का सम्मान करें एवं उनकी आज्ञापालन करें। 

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