जो विद्यार्थी आठवीं कक्षा में पढ़ रहे है, उन सबका सपना होता है कि वे आठवीं में अच्छे अंक से पास हो, ताकि उन्हें एडमिशन या किसी नौकरी के लिए फॉर्म अप्लाई करने में कोई दिक्कत न आए। इसलिए आज हमने इस पोस्ट में एनसीइआरटी कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु का सलूशन दिया है जो कि एक सरल भाषा में दिया है क्योंकि किताब से कई बार विद्यार्थी को प्रश्न समझ में नहीं आते। इसलिए यहाँ NCERT Solution for Class 8 Science Chapter 2 Microorganism : Friend and Foe दिया गया है। जो विद्यार्थी आठवीं कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें ये अवश्य देखना चाहिए। इसकी मदद से आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है। इसलिए आप सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु के प्रश्न उत्तर को ध्यानपूर्वक पढ़िए।
1. रिक्त स्थानों की पूर्ती कीजिये -
(क) सूक्ष्मजीवों को _________ की सहायता से देखा जा सकता है।
(ख) नीले - हरे शैवाल वायु से _________ का स्थिरीकरण करते है जिससे मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है।
(ग) एलकोहल का उत्पादन _________ नामक सूक्ष्मजीव की सहायता से किया जाता है।
(घ) हैजा ________ के द्वारा होता है।
उत्तर :
(क) सूक्ष्मदर्शी
(ख) नाइट्रोजन
(ग) खमीर
(घ) जीवाणु
2. सही शब्द के आगे (✔) का निशान लगाइये -
(क) यीस्ट का उपयोग निम्न के उत्पादन में होता है :
(i) चीनी
(ii) एल्कोहल
(iii) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(iv) ऑक्सीजन
उत्तर :
(ii) एल्कोहल
(ख) निम्न में से कौन सा प्रतिजैविक है ?
(i) सोडियम बाइकार्बोनेट
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(iii) एलकोहल
(iv) यीस्ट
उत्तर :
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(ग) मलेरिया परजीवी का वाहक है :
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर
(ii) कॉकरोच
(iii) घरेलु मक्खी
(iv) तितली
उत्तर :
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर
(घ) संचरणीय रोगों का सबसे मुख्य कारक है :
(i) चींटी
(ii) घरेलु मक्खी
(iii) ड्रैगन मक्खी
(iv) मकड़ी
उत्तर :
(ii) घरेलू मक्खी
(ङ) ब्रेड अथवा इडली फूल जाती है इसका कारण है :
(i) उष्णता
(ii) पीसना
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि
(iv) माढ़ने के कारण
उत्तर :
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि
(च) चीनी को एल्कोहल में परिवर्तित करने के प्रक्रम का नाम है :
(i) नाइट्रोजन स्थरीकरण
(ii) मोल्डिंग
(iii) किण्वन
(iv) संक्रमण
उत्तर :
(iii) किण्वन
3. कॉलम - I के जीवों का मिलान कॉलम - II में दिए गए उनके कार्य से कीजिये -
कॉलम - I कॉलम - II
(क) जीवाणु (i) नाइट्रोजन स्थरीकरण
(ख) राइज़ोबियम (ii) दही का जमना
(ग) लैक्टोबेसिलस (iii) ब्रेड की बेकिंग
(घ) यीस्ट (iv) मलेरिया का कारक
(ङ) एक प्रोटोज़ोआ (v) हैजा का कारक
(च) एक विषाणु (vi) AIDS का कारक
(vii) प्रतिजैविक उत्पादित
करना
उत्तर :
(क) जीवाणु - (vii) प्रतिजैविक उत्पादित करना
(ख) राइज़ोबियम - (i) नाइट्रोजन स्थरीकरण
(ग) लैक्टोबेसिलस - (ii) दही का जमना
(घ) यीस्ट - (iii) ब्रेड की बेकिंग
(ङ) एक प्रोटोज़ोआ - (iv) मलेरिया का कारक
(च) एक विषाणु - (vi) AIDS का कारक
4. क्या सूक्ष्मजीव बिना यंत्र की सहायता से देखे जा सकते है। यदि नहीं, तो वे कैसे देखे जा सकते है ?
उत्तर :
सूक्ष्मजीव बहुत ही छोटे जीव है जिन्हे बिना यंत्र देखना संभव नहीं है। कुछ सूक्ष्मजीव आवर्धन लेंस द्वारा देखे जा सकते है, परन्तु आमतौर पर सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही इन्हे देखना संभव है।
5. सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन - कौन से है ?
उत्तर :
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग है :
- जीवाणु
- कवक
- प्रोटोज़ोआ
- शैवाल
- विषाणु
6. वायुमंडलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर :
- राइज़ोबियम जीवाणु
- नीले - हरे शैवाल
7. हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर :
सूक्ष्मजीव जीवाणु, कवक, शैवाल, प्रोटोज़ोआ आदि के रूप में है। इनके उपयोग निम्नलिखित है।
जीवाणु के उपयोग :
- दही और पनीर बनाने लिए
- शराब और सिरका बनाने के लिए
- चमड़े की सफाई के लिए
कवक के उपयोग :
- डबल रोटी और केक बनाने के लिए
- मशरुम कवक खाने के लिए
- दवाइयों के लिए
शैवाल के उपयोग :
- डायटम की कोशिका भित्ति सिलिका का प्राकृतिक रूप है
- कई शैवाल, समुद्री भोजन के रूप में उपयोग किये जाते है
प्रोटोज़ोआ के उपयोग :
- खाद्य श्रृंखला में
- उत्तक प्रवर्धन के लिए
8. सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभावों का संक्षिप्त विवरण कीजिये।
उत्तर :
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभाव निम्नलिखित है :
- पौधों और जानवरो में बीमारियों का कारण
- खाद्य पदार्थ के संदूषण का कारण
- कपडे , चमड़े आदि के भ्रष्ट्र होने का कारण
- सूक्ष्मजीव खाद्य पदार्थ को निम्न तरीके से संदूषित करते है
- अणुओं को अपघटित कर दुर्गन्ध वाले यौगिक पैदा करते है
- विषैले पदार्थ उत्पन्न करते है।
- खाद्य विषाक्तता का कारण बनते है।
9. प्रतिजैविक क्या है ? प्रतिजैविक लेते समय कौन - सी सावधानियाँ रखनी चाहिए ?
उत्तर :
प्रतिजैविक एक ऐसी औषधि है जो रक्त के अंदर शरीर की कोशिकाओं को बिना हानि पहुचाएं जीवाणुओं को मारती है। प्रतिजैविक औषधियाँ जीवाणुओं, कवकों तथा सूक्ष्मजीवों से प्राप्त होती है। उदाहरण - पेंसिलिन, टैट्रासाइक्लीन आदि।
प्रतिजैविक लेते समय निम्न सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए :
- प्रतिजैविक डॉक्टर की सलाह पर लेनी चाहिए
- डॉक्टर द्वारा लिखी गयी दवाइयों का कोर्स पूरा करना चाहिए।
- प्रतिजैविक खाँसी और सर्दी पर प्रभाव नहीं डालते क्योंकि यह विषाणु द्वारा संचारित होती है।